‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 अक्टूबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय दुर्ग के बघेरा स्थित आनंद सरोवर व राजऋषि भवन केलाबाड़ी दुर्ग में दीपावाली उत्सव का आयोजन किया गया इस आयोजन में शहरी व ग्रामीण अंचल के ब्रह्माकुमारीज केंद्रों से अनेक भाई-बहनें सम्मिलित हुए ।
ब्रह्माकुमारी रीटा बहन रूपाली बहन अविराज भाई (चेयरपर्सन सेमटेक यूनिवर्सिटी भोपाल ) व अन्य सभी बहनों ने दीप प्रज्वलित किया इस अवसर पर दाऊ भाई के निर्देशन में नशा नाश का द्वार-राजयोग खुशियों का आधार नृत्य नाटिका विवेक, सौरभ, चयन, अभिषेक, चहक, कन्हैया,ईश्वर, मेहुल व देव भाई द्वारा प्रस्तुत किया गया व कुमारी युक्ति,चंद्राणी मौसमी, जागृति द्घारा नृत्य प्रस्तुत किया गया । माउंट आबू से आए हुए ब्रह्माकुमार युगरत्न भाई ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी
रीटा बहन ने दीपवली पर्व का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए कहा कि वास्तव में निराकार परमपिता परमात्मा शिव हमें यह बताते हैं कि इस दुनिया में सभी मनुष्य आत्माएं चाहे नर हो या नारी सभी पांच विकार काम,क्रोध मोह,लोभ,अहंकार रूपी रावण के कैद में है अर्थात् सभी रावण के अधीन है ।
जब परमात्मा यह ज्ञान देते हैं कि आप सभी देह में निवासरत चैतन्य आत्माएं है जिससे आत्माओं को यह स्मृति आती है कि हम देह से भिन्न एक चैतन्य शक्ति है तो हमारी आत्मिक ज्योति जगती है जिससे हम आत्माओं के मूल गुण पवित्रता, सुख, शांति,आनंद,प्रेम,ज्ञान व शक्ति रूपी दिव्य संस्कार जागृत होती है व नया सुखमय संसार का आगमन होता है जहाँ सभी आत्माओं की ज्योति जगी हुई होती है।
वास्तव में जब हमें यह महसूस होता है कि हम इस देह से भिन्न चैतन्य आत्मा है और प्रतिपल स्वयं को आत्मा निश्चय कर अन्य मनुष्य आत्माओं से आत्मिक व्यवहार करते हैं तो हमारे व्यवहार में देने का भाव जागृत हो जाता है जिससे भी हम मिलते हैं उसे सुख देते हैं शांति देते हैं प्रेम देते हैं खुशी देते हैं वास्तव में आत्म जागृति ही सच्ची दीवाली है। इस दीवाली में जिसके भी संपर्क में आए उन्हें सम्मान, दुआ, प्रेम, खुशी, शांति देना है। कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी रूपाली बहन ने राजयोग कॉमेन्ट्री कराते हुए सामूहिक राजयोग मेडिटेशन द्वारा सर्व मनुष्य आत्माओं का जीवन स्वस्थ सुख शांति संपन्न हो इसकी मंगल कामना किये।