अंतरराष्ट्रीय
तेहरान (ईरान), 5 दिसंबर। ईरान का एक लड़ाकू विमान बुधवार को देश के दक्षिणी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दो पायलटों की मौत हो गई। सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी।
सरकारी टेलीविजन ने पायलटों की पहचान कर्नल हामिद रजा रंजबार और कर्नल मनौचेहर पीरजादे के रूप में की है।
उसने बताया कि विमान की मरम्मत के बाद पायलट परीक्षण उड़ान पर थे। यह दुर्घटना राजधानी तेहरान से लगभग 770 किलोमीटर दक्षिण में फिरोजाबाद शहर के पास हुई।
रिपोर्ट में विमान के प्रकार या दुर्घटना के कारण के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया।
ईरान की वायु सेना के पास 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदे गए अमेरिका निर्मित कई सैन्य विमान हैं। टॉमकैट एफ-14 अमेरिका निर्मित विमान है, ईरान के पास रूस निर्मित मिग और सुखोई विमान भी हैं। दशकों से पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण देश को विमान के ‘स्पेयर पार्ट्स’ (खराब हुए पुर्जों की जगह नए पुर्जे) प्राप्त करना और पुराने विमानों का रखरखाव करना मुश्किल हो रहा है। (एपी)
सियोल (दक्षिण कोरिया), 5 दिसंबर (एपी)। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने बृहस्पतिवार को अपने रक्षा मंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया क्योंकि विपक्षी दलों ने ‘मार्शल लॉ’ लागू किए जाने के विरोध में दोनों के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया।
मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य छोटे विपक्षी दलों ने बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया, जो पिछली रात उनके द्वारा घोषित ‘मार्शल लॉ’ के विरोध में पेश किया गया था।
‘मार्शल लॉ’ लगभग छह घंटे तक प्रभावी रहा और ‘नेशनल असेंबली’ (दक्षिण कोरिया की संसद) ने राष्ट्रपति के फैसले को खारिज करने के पक्ष में तुरंत मतदान किया, जिससे उनके मंत्रिमंडल को बुधवार सुबह से पहले इसे हटाना पड़ा।
राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया कि बृहस्पतिवार को यून ने रक्षा मंत्री किम योंग ह्युन के स्थान पर चोई ब्युंग ह्युक को नियुक्त किया, जो एक सेवानिवृत्त चार सितारा जनरल हैं तथा सऊदी अरब में दक्षिण कोरिया के राजदूत हैं।
यून की ओर से कोई और टिप्पणी नहीं की गई। उन्होंने टेलीविज़न पर दिए गए अपने संबोधन में घोषणा की थी कि उनकी सरकार ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा को हटा रही है, उसके बाद से वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखे हैं।
बीजिंग/शेनझेन, 5 दिसंबर। चीन के शेनझेन शहर में रेलवे निर्माण स्थल पर अचानक जमीन का एक बड़ा हिस्सा धंस जाने से 13 श्रमिक लापता हो गए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि शेनझेन के बाओआन जिले में शेनझेन-जियांगमेन रेलवे के एक हिस्से के निर्माण स्थल पर बुधवार रात करीब 11 बजे जमीन धंसने की घटना हुई।
घटना के बाद राहत एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, आस-पास के घरों को खाली करवाया गया है और घटनास्थल के पास अस्थायी तौर पर यातायात रोक दिया गया है। वहीं दुर्घटना की जांच की जा रही है। (भाषा)
दीर अल-बला, 4 दिसंबर। गाजा के विस्थापित लोगों के राहत-शिविर पर इजराइल द्वारा किए गए हवाई हमले में कम से कम 21 लोग मारे गए हैं। फलस्तीन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दक्षिणी शहर खान यूनिस स्थित नासेर अस्पताल के निदेशक आतिफ अल-हौत ने बताया कि इस हवाई हमले में 28 लोग घायल हुए हैं।
इजराइली सेना ने कहा कि वह आंकड़ों की जांच कर रही है, लेकिन उसने इस संबंध में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।
दक्षिणी शहर खान यूनिस के पास मुवासी इलाके में यह हमला किया गया है। इस इलाके में गाजा से विस्थापित हुए हजारों लोग रहते हैं।
इजराइल सेना ने फलस्तीन के अन्य क्षेत्रों में किए गए हमले के बाद मुवासी इलाके के राहत शिविर में यह हमला किया है।
इससे पहले गाजा के मध्य क्षेत्र पर हुए हमलों में चार बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। (एपी)
नेपाल और चीन ने बुधवार को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर किए हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इसकी पुष्टि की.
पीएम केपी शर्मा ओली के चीन दौरे पर दोनों देशों के बीच ये अहम समझौता हुआ है.
चीन में नेपाल के राजदूत कृष्ण प्रसाद ओली ने कहा कि दोनों देशों के अधिकारियों ने इस समझौते पर दस्तखत किए.
राजदूत कृष्ण प्रसाद ओली ने बीबीसी नेपाली से बात करते हुए कहा, “व्यापक रूपरेखा पर सहमति बन गई है. मैं अभी विस्तार से इसके बारे में नहीं बता सकता.”
नेपाल के इस फ़ैसले को भारत के प्रभाव से दूर जाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के साथ अपने आर्थिक और कूटनीतिक रिश्ते और बेहतर करने की रणनीति अपनाई है. ओली इस साल चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं.
पीएम बनने के बाद उन्होंने अपने पहले आधिकारिक विदेश दौरे के लिए चीन को चुना था. परंपरागत रूप से नेपाल के प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल की शुरुआत में भारत की यात्रा करते रहे हैं, लेकिन ओली ने इस परंपरा को तोड़ते हुए चीन का रुख किया है. (bbc.com/hindi)
बुधवार को फ्रांस के प्रधानमंत्री मिशेल बर्निये की सरकार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए गिरा दिया गया है. उनके खिलाफ संसद में प्रस्ताव के पक्ष में भारी बहुमत से मतदान हुआ.
ये साल 1962 के बाद पहली बार है जब फ्रांस की सरकार अविश्वास प्रस्ताव के कारण गिरी है.
सोमवार को उनके ख़िलाफ़ संसद में दक्षिणपंथी और वामपंथी दलों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था.
विपक्षी दलों ने उनके ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव तब पेश किया जब प्रधानमंत्री बर्निये ने अपने बजट को बिना मतदान के पारित कराने के लिए विशेष शक्तियों का उपयोग किया.
तीन महीने पहले प्रधानमंत्री बने मिशेल बर्निये आज इस्तीफ़ा दे सकते है. (bbc.com/hindi)
अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार का महिलाओं को मेडिकल शिक्षा ना देने के फैसले पर किक्रेटर राशिद ख़ान और मोहम्मद नबी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपनी नाराजगी जताई है.
किक्रेटर राशिद ख़ान ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "इस्लामी तालीम में शिक्षा एक केंद्रीय स्थान रखती है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ज्ञान की खोज पर जोर देती है. हाल ही में अफ़ग़ानिस्तान की बहनों और माताओं के लिए शैक्षणिक और मेडिकल संस्थानों के बंद होने पर मैं काफी दुखी और निराश हूं. इस फैसले ने केवल उनके भविष्य को ही नहीं बल्कि हमारे समाज के व्यापक ताने-बाने को भी गहराई से प्रभावित किया है."
राशिद ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "देश में महिला डॉक्टरों और नर्सों की कमी चिंताजनक है, क्योंकि ये सीधे महिलाओं के स्वास्थ्य और उनकी गरिमा पर असर डालती है.
वहीं मोहम्मद नबी ने लिखा, "तालिबान का लड़कियों को मेडिकल की पढ़ाई से प्रतिबंधित करने का फैसला न केवल हृदयविदारक है, बल्कि काफी अन्यायपूर्ण भी है. इस्लाम ने हमेशा सभी के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया है और इतिहास ऐसी प्रेरणादायक मुस्लिम महिलाओं से भरा हुआ है, जिन्होंने ज्ञान के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी महत्वपूर्ण योगदान दिया है."
बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रही महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है. (bbc.com/hindi)
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मंगलवार को देश में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन विपक्षी नेताओं के विरोध के बाद अगले ही दिन इस आदेश को वापस ले लिया गया.
हालांकि, चर्चा इस बात पर तेज़ है कि यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने की घोषणा क्यों की थी.
दरअसल, हाल ही में एक विवाद सामने आया था जो कि यून सुक-योल की पत्नी से जुड़ा है. राष्ट्रपति की पत्नी पर आरोप है कि उन्होंने एक डिज़ाइनर हैंड बैग उपहार के तौर पर स्वीकार किया.
आरोप लगा था कि फर्स्ट लेडी ने ये उपहार लेकर नियमों का उल्लंघन किया. इस पर यून सुक-योल को घेरा गया तो उन्होंने कहा कि ये वीडियो स्पाई कैमरा से बनाया गया है. ऐसा इसलिए किया गया ताकि चुनाव में उनकी हार हो.
इस साल अप्रैल में हुए संसदीय चुनाव में विपक्ष ने जीत हासिल की थी. हैंड बैग वाले विवाद के लिए यून सुक-योल ने माफी तो मांगी लेकिन विपक्ष की जाँच की मांग को अस्वीकार कर दिया था.
सोल, 4 दिसंबर । दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने बुधवार को माफी मांगी और इस्तीफे की पेशकश की। किम ने एक बयान में कहा, "मैंने इमरजेंसी मार्शल लॉ की वजह से पैदा हुई उथल-पुथल की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।" आरोप है कि किम ने कथित तौर पर मार्शल लॉ घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। उनकी इस्तीफे की मांग विपक्षी ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से भी गई। बता दें राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मंगलवार रात मॉर्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि बुधवार सुबह उन्हें अपना फैसला पलटना पड़ा। मार्शल लॉ करीब छह घंटे तक लागू रहा।
किम ने कहा कि मंत्रालय नेशनल डिफेंस और पब्लिक सेफ्टी की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाता रहेगा। उन्होंने कहा, "मार्शल लॉ हटा लिया गया है और लोग अपने दैनिक जीवन को फिर से शुरू कर रहे हैं, लेकिन घरेलू राजनीतिक स्थिति और सुरक्षा परिस्थितियां आसान नहीं हैं।" किम ने कहा, "रक्षा मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगा कि रक्षा अभियान बिना किसी बाधा के चलाए जाएं और साथ ही टकराव वाले मुद्दों का स्थिर प्रबंधन किया जाए।" किम की माफी मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपी) की ओर से उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के एक घंटे से भी कम समय बाद आई। उम्मीद है कि डीपी गुरुवार को संसद के पूर्ण सत्र में प्रस्ताव को पेश करेगी, साथ ही राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को भी पेश करेगी। राष्ट्रपति यून ने एक टीवी संबोधन में मार्शल लॉ लागू करने की वजहों को जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि देश की उदारवादी संवैधानिक व्यवस्था को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्शल लॉ की उनकी घोषणा का उद्देश्य 'राज्य विरोधी ताकतों को खत्म करना' है। उन्होंने विपक्ष पर सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर सरकार को 'पंगु' करने और प्रस्तावित राष्ट्रीय बजट को कम करने का आरोप लगाया। यून की मार्शल लॉ की घोषणा का न सिर्फ विपक्षी पार्टियों ने बल्कि उनकी अपनी सत्ताधारी दल पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने भी विरोध किया।
पीपीपी अध्यक्ष हान दोंग-हून ने ने राष्ट्रपति यून सूक योल से अपील की कि वे अपने उस फैसले की व्याख्या करें, जिसमें उन्होंने आपातकालीन मार्शल लॉ घोषित किया था। हान ने नेशनल असेंबली में कहा, "राष्ट्रपति यून को इस विनाशकारी स्थिति के बारे में सीधे तौर पर बताना चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी जवाबदेही देनी चाहिए, जिसमें मार्शल लॉ का प्रस्ताव देने वाले रक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त करना भी शामिल है।" मीडिया रिपोट्स के मुताबिक राष्ट्रपति यून सुक-योल पीपुल्स पावर की लोकप्रियता रेटिंग लगातार कम हो रही है। उनकी पत्नी भी कुछ कथित घोटालों और विवादों से जुड़ी रही हैं। -(आईएएनएस)
दोहा, 4 दिसंबर । कतर ने कहा कि हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम के लिए मध्यस्थता के प्रयास फिलहाल स्थगित रहेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद बिन मोहम्मद अल अंसारी ने यह जानकारी दी। अंसारी ने मंगलवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "कतर ने दोनों पक्षों के वार्ता की मेज पर लौटने के लिए गंभीरता दिखाने तक मध्यस्थता प्रयासों को स्थगित रखा है।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अंसारी ने कहा कि निलंबन 'केवल मध्यस्थता प्रक्रिया पर ही लागू होता है', जबकि क्षेत्रीय संचार और सहयोग निरंतर जारी है। मध्यस्थता के निलंबन के बावजूद, अल अंसारी ने गाजा के लिए तनाव कम करने और मानवीय सहायता के लिए कतर की निरंतर प्रतिबद्धता जोर दिया।
उन्होंने कहा, "अधिकारी अपने समकक्षों के साथ दैनिक संचार में लगे हुए हैं...गाजा में जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाने और लेबनान में चल रहे तनाव कम करने में सहायता करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।" 7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने इजरायल में बड़ा हमला किया था। हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था। इसके बाद यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। इजरायल-हमास युद्ध को शुरू हुए एक साल से भी अधिक समय हो चुका है।
इस दौरान एक संक्षिप्त संघर्षविराम हुआ जिसमें लगभग 105 बंधकों को रिहा किया गया था। कुछ बंधकों को इजरायली सैनिकों ने भी बचाया। बाइडेन प्रशासन पिछले साल से इजरायल और कतर तथा मिस्र सहित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के साथ संघर्ष विराम समझौते पर काम कर रहा है, जिसमें बंधकों की रिहाई भी शामिल है। पिछले महीने मिस्र में मध्यस्थों की बैठक के बाद संघर्ष विराम समझौते के प्रयासों में रुकावट आई। -(आईएएनएस)
सोल, 4 दिसंबर । दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सूक येओल की ओर से बुलाई गई एक निर्धारित बैठक स्थगित कर दी गई है। यह बैठक मार्शल लॉ हटाए जाने के बाद उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति होती। यून के कार्यालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यून को सुबह 10 बजे राष्ट्रपति कार्यालय में नशीली दवाओं की प्रतिक्रिया के मुद्दे पर बैठक बुलानी थी, लेकिन इसमें देरी हो गई। राष्ट्रपति के एक सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी हालांकि उन्होंने कोई और ब्यौरा नहीं दिया। यह फैसला यून की ओर से बुधवार को अचानक घोषित किए गए आपातकालीन मार्शल लॉ को वापस लेने के बाद लिया गया। मार्शल लॉ करीब छह घंटे तक लागू रहा।
सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के नेता ने राष्ट्रपति यून सूक योल से अपील की कि वे अपने उस फैसले की व्याख्या करें, जिसमें उन्होंने आपातकालीन मार्शल लॉ घोषित किया था और इसके साथ ही रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून को बर्खास्त किया जाए। पार्टी लीडर हान डोंग-हून ने यह टिप्पणी यून की बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मार्शल लॉ हटाने के बाद की जिसके बाद नेशनल असेंबली ने इस आदेश को ब्लॉक करने के लिए मतदान किया। यून ने कहा कि मार्शल लॉ की उनकी घोषणा का उद्देश्य 'राज्य विरोधी ताकतों को खत्म करना' है। उन्होंने विपक्ष पर सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर सरकार को 'पंगु' करने और प्रस्तावित राष्ट्रीय बजट को कम करने का आरोप लगाया। हान ने नेशनल असेंबली में कहा, "सत्तारूढ़ पार्टी के रूप में, हम आज की भयावह स्थिति के लिए जनता से गहराई से माफी मांगते हैं।"
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति यून को इस विनाशकारी स्थिति के बारे में सीधे तौर पर बताना चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी जवाबदेही देनी चाहिए, जिसमें मार्शल लॉ का प्रस्ताव देने वाले रक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त करना भी शामिल है।" राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के पूर्व प्रमुख और यून के करीबी सहयोगी किम योंग-ह्युन को सितंबर में रक्षा मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि किम ने यून को मार्शल लॉ का प्रस्ताव दिया था। हान ने कहा कि उनकी पार्टी देश की अर्थव्यवस्था और कूटनीति पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए काम करेगी, उन्होंने स्थिति की गहन जांच करने और आवश्यक उपाय करने का संकल्प लिया। --(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 4 दिसंबर । अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने कहा कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम बांग्लादेशी सरकार पर देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की रक्षा की जिम्मेदारी है। कांग्रेस सदस्य ब्रैड शेरमन ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का यह पूर्ण दायित्व है कि वह अपने हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करे और हाल में हुए हमलों और उत्पीड़न के विरोध में हजारों अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन का सार्थक ढंग से समाधान करे।" शेरमन ने कहा कि वह बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन से पहले और उसके बाद हुए हिंसक दंगों के दौरान हुई हत्याओं और अन्य अधिकारों के उल्लंघन के लिए जांच की मांग के समर्थन में हैं।
यह मांग बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क की तरफ से की गई है। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि वर्तमान प्रशासन को हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के कृत्यों को खत्म करने मजबूती का प्रदर्शन करना चाहिए। वीकेंड में, बांग्लादेश के हिंदुओं ने पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई और बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा की मांग करते हुए व्हाइट हाउस के बाहर एक रैली आयोजित की थी। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के बारे में लोकसभा में लिखित प्रश्नों का उत्तर देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग हालात पर बारीकी से नजर रख रहा है।
उन्होंने दोहराया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इस मामले पर हमारी स्थिति स्पष्ट है - ढाका में अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हम चरमपंथी बयानबाजी में बढ़ोतरी, हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं से चिंतित हैं। इन घटनाओं को केवल मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना नहीं माना जा सकता।" चरमपंथी बयानबाजी पर चिंता व्यक्त करते हुए, विदेश मंत्रालय ने धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास के मामले में 'निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया' की अपील की। दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)
फोक्सवागन में मैनेजमेंट और कर्मचारियों की ठनी हुई है. देशभर में हजारों कर्मचारियों ने 2 दिसंबर को हड़ताल की. लेबर यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर अगली बातचीत में समझौता नहीं हुआ, तो वे बेमियादी हड़ताल पर जा सकते हैं.
देशभर में फोक्सवागन के नौ प्लांटों के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया. सुबह की पारी में आए कर्मचारी दो घंटे हड़ताल पर रहे. वहीं, शाम की पारी में आए कर्मचारी शिफ्ट खत्म होने से पहले निकल गए. हड़ताली कर्मचारियों ने कई जगह रैलियां निकालीं, जिनमें ऐसे भी पोस्टर दिखे जिनपर लिखा था, "तुम जंग चाहते हो, हम तैयार हैं!" जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए ने मजदूर संगठनों के हवाले से हड़ताल में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों की संख्या 1,00,000 बताई है.
त्सविकाउ शहर के फोक्सवागन प्लांट में कर्मचारी 3 दिसंबर को भी हड़ताल कर रहे हैं. इस प्लांट में केवल फोक्सवागन की इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनती हैं. इस प्लांट के एक हड़ताली कर्मचारी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "जो लोग टॉप पर हैं, वो गलतियां करते हैं और हमें उसकी कीमत चुकानी पड़ती है. यह बात मुझे खिझाती है."
यह हड़ताल 'आईजी मेटाल' नाम के एक मजदूर संगठन ने बुलाई थी. यह यूनियन मेटल, इलेक्ट्रिकल्स, आयरन-स्टील, प्लास्टिक, कपड़ा उद्योग जैसे कई क्षेत्रों में कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है. कंपनी के मुताबिक, अलग-अलग सेक्टरों के करीब 22 लाख कर्मचारी उसके साथ जुड़े हैं. आईजी मेटाल ने ताजा हड़ताल को "वॉर्निंग स्ट्राइक" बताया है.
फोक्सवागन के आगे अभूतपूर्व चुनौती
अपने 87 साल के इतिहास में फोक्सवागन ने पहले भी कई मुश्किलें देखी हैं. पिछले दशक में 'डीजल एमिशन' स्कैंडल के कारण कंपनी को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी. अतीत के इन अध्यायों से इतर फिलहाल फोक्सवागन में जो हो रहा है, वह अस्तित्व की लड़ाई जैसा है.
मांग में आई कमी और उत्पादन की बढ़ती लागत के बीच 'मेड इन चाइना' कारों से बाजार में मुकाबला करना फोक्सवागन के लिए बड़ी चुनौती है. पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधनों से चलने वाली कारों से आगे बढ़कर इलेक्ट्रिक मोड में तेजी से ढलने का इसका सफर भी धीमा है. इन संकटों से पार पाने के लिए कंपनी लागत घटाने और मुनाफा बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही है, ताकि वह प्रतिद्वंद्विता में बनी रहे.
जर्मनी में फोक्सवागन की 10 फैक्ट्रियां हैं. कंपनी इनमें कम-से-कम तीन कारखाने बंद करना चाहती है. बाकी कारखानों में भी काम घटाए जाने की योजना है. इसके साथ ही, कंपनी हजारों कर्मचारियों की छंटनी भी करना चाहती है. इसके अलावा बाकी कर्मचारियों के वेतन में कम-से-कम 10 फीसदी की कटौती का भी प्रस्ताव है. कंपनी का यह भी कहना है कि जो कर्मचारी रहेंगे, उनके वेतन में अगले दो साल तक कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.
जर्मनी में फोक्सवागन के करीब 1,20,000 कर्मचारी हैं. इनके अलावा लगभग दो लाख ऐसे लोग हैं, जिनकी आजीविका इससे जुड़ी है. फोक्सवागन की फैक्ट्रियां बंद होने या छंटनी होने का असर कई सप्लायरों, डीलरों और स्थानीय स्तर के कामकाज पर भी पड़ेगा. ऐसा नहीं कि फोक्सवागन में पहले कभी छंटनियां नहीं हुईं, लेकिन यह पहली दफा है जब उसने अपने घर जर्मनी में प्लांट बंद करने का प्रस्ताव दिया हो.
लेबर यूनियन की क्या मांग है?
अक्टूबर महीने में आईजी मेटाल ने कर्मचारियों के लिए वेतन में सात फीसद इजाफे की मांग की. कंपनी ने बड़े घाटे की घोषणा की. पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कंपनी को तीसरी तिमाही के दौरान मुनाफे में 64 फीसदी की गिरावट आई. तब से ही फोक्सवागन मैनेजमेंट और श्रमिक संगठनों के बीच खींचतान चल रही है.
यूनियन के प्रतिनिधियों का कहना है कि चाहे डीजल उत्सर्जन से जुड़ा वाकया हो या चीनी प्रतिद्वंद्वियों से पिछड़ना, ये कंपनी के अधिकारियों की गलतियों का खामियाजा है. कर्मचारियों से इसकी कीमत चुकाने को कहना गलत है.
इसी क्रम में 2 दिसंबर को कर्मचारियों ने हड़ताल की. हड़ताल के दौरान हनोवर में वर्करों को संबोधित करते हुए कहा लेबर यूनियन के एक प्रतिनिधि साशा दुजिक ने मैनेजमेंट के प्रस्तावों की निंदा करते हुए कहा, "हमने वो फैसले नहीं लिए. फोक्सवागन में शीर्ष पर बैठे करोड़पतियों ने लिए हैं."
हड़ताल में शामिल एक कर्मचारी लूसिया हाइम ने भी प्रबंधन के प्रस्तावों को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा, "यह उलटी दुनिया है. फुटबॉल में अगर टीम मुकाबले ना जीत रही हो, तो ट्रेनर्स इस्तीफा देते हैं. फोक्सवागन में उलट हाल है. यहां खिलाड़ियों को सजा दी जा रही है."
फोक्सवागन का मुख्य प्लांट जर्मनी के वोल्फ्सबुर्ग शहर में है. यहां करीब 70,000 लोग काम करते हैं. मुमकिन है पूरे दिन में दो घंटे की हड़ताल बड़ी बात ना लगे, लेकिन कारखाने के कामकाज पर इसका काफी असर पड़ा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लेबर यूनियन के सूत्रों के हवाले से बताया कि यहां सैकड़ों कारों का उत्पादन प्रभावित हुआ.
9 दिसंबर को मैनेजमेंट के साथ होगी बातचीत
यूनियन और मैनेजमेंट के बीच अगली बातचीत 9 दिसंबर को प्रस्तावित है. यह वार्ता का चौथा चरण होगा. श्रमिक संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर इसमें किसी समझौते पर सहमति नहीं बन पाती है, तो हड़ताल की अवधि 24 घंटे या अनिश्चितकाल तक बढ़ सकती है.
आईजी मेटाल की ओर से बातचीत का प्रतिनिधित्व कर रहे थोर्स्टन ग्रोएगर ने रॉयटर्स से कहा, "यह आमना-सामना कितना लंबा और कितना तेज होगा, बातचीत की मेज पर यह तय करना फोक्सवागन की जिम्मेदारी होगी." उन्होंने आगे कहा, "जो कोई भी कर्मचारियों की अनदेखी कर रहा है, वो आग से खेल रहा है. और, हम चिंगारियों को लपटों में बदलना जानते हैं."
डानिएला केवाल्लो, फोक्सवागन में वर्कर्स काउंसिल की प्रमुख हैं. उन्होंने रॉयटर्स को बताया कि 9 दिसंबर को हो रही बातचीत में या तो दोनों पक्ष सहमति पर आएंगे या फिर विवाद बढ़ेगा. कारखाने बंद करना, बड़े स्तर पर छंटनी करना और मौजूदा वेतन को घटाना कर्मचारियों के लिए बिल्कुल अस्वीकार्य बताते हुए केवाल्लो ने कहा, "खेद की बात यह है कि मैनेजमेंट की ओर से जो हालिया संकेत दिए गए हैं, वो बहुत उम्मीद नहीं बंधाते हैं."
उधर फोक्सवागन के एक प्रवक्ता ने हड़ताल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कंपनी कर्मचारियों के स्ट्राइक करने के अधिकार का सम्मान करती है और हड़ताल के असर को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं.
एसएम/एए (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)
पार्क, बाजार और यहां तक कि बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक पर, जर्मनी में सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान के नियम बड़े कमजोर हैं. इसके बावजूद ईयू में जब इस विषय पर मतदान हुआ, तो जर्मनी गैरहाजिर रहा.
(dw.com)
दुनिया के कुछ देश, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और सिंगापुर धूम्रपान के नियमों को सख्त से और सख्त बना रहे हैं, ताकि भविष्य की पीढ़ियां "स्मोकिंग फ्री" हों. सिगरेट, वेप और तंबाकू के अन्य उत्पाद लत बनना तो दूर, उनकी पहुंच से भी दूर हों. दूसरी तरफ, यूरोप के 27 देशों का समूह 'यूरोपीय संघ' (ईयू) अभी भी सार्वजनिक जगहों में धूम्रपान घटाने पर एकमत होने की कोशिश कर रहा है.
लंबे समय से बनी आ रही असहमतियों के बाद आखिरकार ईयू के कई स्वास्थ्य मंत्रियों ने संकेत दिया है कि वे धूम्रपान-मुक्त जगहों का दायरा बढ़ाने के पक्ष में हैं, ताकि तंबाकू के कारण कैंसर से होने वाली मौतें कम की जा सकें. हालांकि, अब भी सभी सदस्यों में एकराय नहीं बन पाई है.
3 दिसंबर को ब्रसेल्स में इस विषय पर एक मतदान हुआ, जिसमें जर्मनी गैरहाजिर रहा. जर्मनी के स्वास्थ्य सचिव थोमास श्टेफान ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि उन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. श्टेफान के मुताबिक, वह सख्त दिशानिर्देशों के पक्ष में हैं, लेकिन जर्मन राज्यों ने इसका विरोध किया है. जर्मनी में धूम्रपान से जुड़े नियमों की जिम्मेदारी राज्यों की है.
जर्मनी में सार्वजनिक जगहों पर आम है धूम्रपान
जर्मनी, ईयू के उन देशों में है जहां सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान के नियम और प्रतिबंध सबसे कमजोर हैं. स्टेशन बिना शक एक पब्लिक स्पेस है. जर्मनी में स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर भी लोगों को सिगरेट पीते देखना आम बात है.
यहां तक कि भूमिगत प्लेटफॉर्म पर भी लोग सिगरेट पीते दिख जाएंगे. सड़क, बाजार, पार्क, रेस्तरां हर जगह ये आम है. विशेषज्ञ लंबे समय से रेखांकित करते रहे हैं कि जर्मनी को स्मोक-फ्री इलाकों का दायरा बढ़ाने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने की सख्त जरूरत है.
जर्मनी में धूम्रपान करने वालों की संख्या खासी बड़ी है. ईयू के स्टैटिस्टिक ऑफिस 'यूरोस्टैट' के मुताबिक, जर्मनी में 15 से 24 साल की उम्र के करीब 18 फीसदी किशोर और युवा नियमित रूप से सिगरेट पीते हैं. समूचे ईयू के औसत को देखें, तो 2019 में इस आयुवर्ग के लगभग 15 प्रतिशत किशोर और युवा थे, जो हर दिन धूम्रपान कर रहे थे. सभी आयुवर्गों को मिलाकर सिगरेट पीने वालों की तादाद करीब 25 फीसदी है.
यूरोपीय संघ की क्या स्थिति है?
यूरोपियन यूनियन, आइसलैंड और नॉर्वे में कैंसर से जितनी मौतें होती हैं, उनमें से करीब एक चौथाई मामलों का संबंध धूम्रपान से है. स्पष्ट है कि तंबाकू कैंसर के सबसे मुख्य जोखिमों में है.
ऐसे में अब ईयू के कई सदस्य देशों में सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान पर पाबंदियां लगाने की कोशिशें तेज हो रही हैं. 'रेडियो फ्रांस' की रिपोर्ट के अनुसार, ईयू अपने "बीटिंग कैंसर प्लान" के तहत साल 2040 तक धूम्रपान करने वालों की तादाद घटाकर पांच प्रतिशत से भी कम पर लाना चाहता है.
इस संबंध में ईयू के नए दिशानिर्देश सदस्य देशों के लिए बाध्यकारी नहीं होंगे. चूंकि स्वास्थ्य नीति पर फैसला लेना सदस्य देशों के अपने दायरे में आता है, ऐसे में वो तय कर सकते हैं कि उन्हें गाइडलाइंस लागू करना है या नहीं. नए दिशानिर्देशों का मकसद धूम्रपान ना करने वालों और छोटे बच्चों व गर्भवती महिलाओं जैसे खास जोखिम वाले समूहों को सेकेंड-हैंड धुएं से बचाना है.
साथ ही साथ, किशोरों के बीच तेजी से प्रचलित हो रहे वेप और इलेक्ट्रिक सिगरेट जैसे नए-नए तंबाकू उत्पादों को हतोत्साहित करने की भी मंशा है. 3 दिसंबर को हुए मतदान से पहले ईयू के स्वास्थ्य कमिश्नर ओलिवेर वारहेली ने बताया कि तंबाकू के सेवन के कारण ईयू में हर साल करीब 7,00,000 लोगों की मौत होती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये सेहत का ऐसा जोखिम है, जिससे बचाव मुमकिन है.
वेपिंग बनाम स्मोकिंग
तमाम जोखिमों के बावजूद सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान को पूरी तरह प्रतिबंधित करना इतना सरल विषय नहीं है. यूरोपीय संसद में दिशानिर्देशों को संशोधित करना खासा मुश्किल साबित होता आया है. यूरोपीय आयोग 2009 से ही संशोधन के प्रस्ताव देता आया है, लेकिन इसे पर्याप्त समर्थन नहीं मिला.
एक और जटिल मुद्दा है, स्मोकिंग और वेपिंग को एक नजर से देखना. कई पक्ष दलील देते हैं कि वेपिंग, धूम्रपान छोड़ने में मदद कर सकता है. ऐसे में इसपर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इटली और रोमानिया ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वेपिंग पर बैन लगाने का पुख्ता वैज्ञानिक आधार नहीं है और इसे नए दिशानिर्देशों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, ई-सिगरेटों से निकले धुएं में कई विषैले तत्व होते हैं जो सांस के जरिये शरीर के भीतर जाकर सिगरेट ना पीने वालों को भी नुकसान पहुंचाते हैं.
एक बड़ी चिंता वेप और ई-सिगरेट के आकर्षक और रंग-बिरंगे "स्वादिष्ट" फ्लेवरों की भी है, जो किशोरों को खासतौर पर आकर्षित करते हैं. सिगरेट की लत का शिकार कोई शख्स जहां वेपिंग को धूम्रपान छोड़ने के लिए विकल्प की तरह इस्तेमाल कर सकता है, वहीं कई किशोर और युवा इनसे ही स्मोकिंग की शुरुआत कर रहे हैं.
एसएम/एए (डीपीए, एएफपी)
यरूशलम, 4 दिसंबर । इजरायल ने हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम समझौता टूटने पर हमलों को बढ़ाने की चेतावनी दी है। इजरायल का कहना है कि इसमें लेबनानी राज्य से जुड़े लक्ष्यों को भी शामिल किया जाएगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चेतावनी के बाद भी हिजबुल्लाह ने लेबनान, सीरिया और इजरायल के बीच विवादित सीमा पर दो मोर्टार दागे और इजरायल पर बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। इसके जवाब में, इजरायल ने लेबनान में 20 से ज्यादा जगहों पर हवाई हमले किए। इजरायल के रक्षा मंत्री ने इजराइल काट्ज ने उत्तरी सीमा पर सैन्य कमांडरों को संबोधित करते हुए घोषणा की कि युद्धविराम समझौते का कोई भी उल्लंघन 'अधिकतम प्रतिक्रिया और शून्य सहनशीलता' को बढ़ावा देगा।
रक्षा मंत्री ने सैनिकों से कहा, "अगर हम युद्ध में लौटते हैं, तो हम और अधिक ताकत से काम करेंगे और अधिक गहराई तक प्रवेश करेंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लेबनान के लिए अब कोई छूट नहीं होगी।" उत्तरी इजरायली शहर नहरिया में आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दोहराते हुए कहा कि यदि युद्ध विराम विफल हो जाता है तो इजरायल पूर्ण पैमाने पर लड़ाई फिर से शुरू कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम फिलहाल युद्ध विराम में हैं, लेकिन यह युद्ध का अंत नहीं। हम इस युद्धविराम को कड़े तरीके से लागू कर रहे हैं, हर उल्लंघन का जवाब दे रहे हैं। हम युद्ध विराम के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन दूसरे पक्ष से किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंगे।" 27 नवंबर को लागू हुए युद्धविराम का उद्देश्य हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच घातक सीमा पार हिंसा को रोकना है। -(आईएएनएस)
न्यूयॉर्क (अमेरिका), 4 दिसंबर। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने सोमवार को एक न्यायाधीश से औपचारिक रूप से अनुरोध किया कि वे उनके (ट्रंप के) खिलाफ रिश्वत के एक आपराधिक मामले को खारिज कर दें।
वकीलों ने दलील दी कि इस मामले को जारी रखने से ‘‘राष्ट्रपति पद की संस्था में असंवैधानिक व्यवधान उत्पन्न होगा।’’
इस अनुरोध से संबंधी दस्तावेज मंगलवार को सार्वजनिक किए गए, जिसमें ट्रंप के वकीलों ने मैनहट्टन के न्यायाधीश जुआन एम. मर्चेन को बताया कि मामला खारिज करना उचित होगा क्योंकि ‘‘पांच नवंबर, 2024 को अमेरिकी लोगों ने भारी बहुमत से ट्रंप को राष्ट्रपति चुनने का जनादेश दिया है’’।
उन्होंने निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अपने बेटे हंटर बाइडन को हाल में क्षमादान देने का भी हवाला दिया, जिन्हें कर और बंदूक संबंधी अपराधों में दोषी ठहराया गया था।
ट्रम्प की कानूनी टीम ने लिखा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने दावा किया कि उनके बेटे पर अनुचित तरीके से मुकदमा चलाया गया और उनके साथ अलग व्यवहार किया गया।’’
उन्होंने दावा किया कि मैनहट्टन के जिला अटॉर्नी उसी तरह के राजनीतिक हथकंडे का हिस्सा बने ‘‘जिसकी राष्ट्रपति बाइडन ने निंदा की थी।’’
अभियोजकों के पास जवाब देने के लिए नौ दिसंबर तक का समय है।
उन्होंने कहा है कि वे मामले को खारिज करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे, लेकिन उन्होंने 2029 में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के समाप्त होने तक सजा को टालने की इच्छा जताई है।
सोमवार को दायर अपने दस्तावेज में ट्रंप के वकीलों ने ट्रंप के पद से हटने तक सजा को टालने के विचार को ‘‘हास्यास्पद सुझाव’’ बताकर खारिज कर दिया।
पिछले महीने ट्रंप की चुनावी जीत के बाद मर्चेन ने कार्यवाही रोक दी और उनकी सजा को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया, जो पहले नवंबर के अंत में तय की गई थी ताकि बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष मामले के भविष्य पर विचार कर सकें। उन्होंने कानूनी कार्रवाई से छूट के आधार पर मामले को खारिज करने के ट्रंप के पहले के प्रयास पर भी फैसला टाल दिया था।
ट्रंप कई महीनों से 34 मामलों में अपनी सजा को पलटने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। आरोप है कि उन्होंने पोर्न एक्टर स्टॉर्मी डेनियल्स को किए गए 130,000 डॉलर के भुगतान को छिपाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी की थी, ताकि उनके इस दावे को दबाया जा सके कि एक दशक पहले उनके बीच यौन संबंध बने थे। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया और किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया। (एपी)
बुधवार सुबह दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने घोषणा की कि उन्होंने देश में मार्शल लॉ लगाने का आदेश वापस ले लिया है.
देश की नेशनल असेंबली में मौजूद 190 सांसदों ने सर्वसम्मति से इस फैसले पर अपना विरोध जताया था. जिसके बाद मार्शल लॉ को हटाया गया.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने कहा, "नेशनल असेंबली की मांग पर मार्शल लॉ हटा दिया गया है और सेना को वापस बुला लिया गया है. मैं नेशनल असेंबली की मांग स्वीकार करता हूं."
मार्शल लॉ के आदेश को हटाने के कुछ घंटों बाद ही दक्षिण कोरिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति यून सुक-योल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
मंगलवार शाम को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा की थीं.
उन्होंने कहा था कि ये कदम देश विरोधी तत्वों को ख़त्म करने के लिए उठाया गया है. (bbc.com/hindi)
पिछले 24 घंटों में दक्षिण कोरिया में जो कुछ हुआ है उस पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है.
बयान में लिखा है, "अमेरिका ने पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण कोरिया में हुई घटनाओं पर करीब से नजर रखी है. हम राष्ट्रपति यून के उस बयान का स्वागत करते हैं जिसमें उन्होंने कहा कि नेशनल असेंबली की सर्वसम्मति पर वो कोरिया के संविधान के तहत आपातकालीन मार्शल लॉ रद्द करेंगे."
"हम उम्मीद करते हैं कि राजनीतिक मतभेद शांतिपूर्ण ढंग से और कानून के तहत सुलझाए जाएंगे."
"हम लोकतंत्र और कानून के तहत कोरिया के लोगों और अमेरिका- कोरिया गठबंधन के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हैं."
मंगलवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा की थीं.
लेकिन दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली में सांसदों ने राष्ट्रपति के इस फैसले को बहुमत से पलट दिया. इसके बाद बुधवार की सुबह मार्शल लॉ लगाने का आदेश वापस ले लिया गया.
नेतुम्बो नंदी-नदैतवाह वो पहली महिला हैं जिन्हें अफ्रीकी देश नामीबिया के राष्ट्रपति के तौर पर चुना गया है.
इससे पहले नंदी-नदैतवाह उपराष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाल रही थीं. वह सत्ताधारी पार्टी दक्षिण पश्चिम अफ्रीका पीपल्स ऑर्गेनाइजेशन (स्वापो) की सदस्य हैं.
उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में 57 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए हैं जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पांडुलेनी इतुला को 26 फीसदी वोट मिले हैं.
लेकिन पांडुलेनी इतुला ने शनिवार को नदैतवाह की पार्टी पर चुनावी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनावी नतीजों को मनाने से इंकार किया है.
द नामीबियन अखबार के मुताबिक, मंगलवार शाम को नामीबिया की राजधानी विंडहोक में अधिकांश विपक्षी दलों ने चुनावी नतीजों का बहिष्कार किया है. (bbc.com/hindi)
नैरोबी, 3 दिसम्बर । केन्या के तटीय शहर मोम्बासा में भारी बारिश के कारण पांच लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। मोम्बासा काउंटी के चीफ फायर ऑफिसर इब्राहिम बसाफर ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि सोमवार को भारी बारिश के कारण एक दीवार ढह गई, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई। बसाफर ने कहा, "हमें एक निवासी ने बारिश में गिरी दीवार के बारे में जानकारी लेने के लिए बुलाया था, जहां हमने पाया कि तीन लोग पहले ही मौके पर मृत पड़े थे, दो अन्य की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।"
उन्होंने बताया कि मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है। सरकार द्वारा पूर्वी अफ्रीकी देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी करने के दो दिन बाद यह घटना हुई। पश्चिमी केन्या में कई नदियों के उफान पर होने के कारण पूरे देश में जारी बारिश ने तबाही मचाई है, जिससे सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। केन्या मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर में शुरू हुआ बारिश का मौसम की इस महीने के अंत में समाप्त होने की उम्मीद है।
देश के कई हिस्सों में औसत से अधिक बारिश का अनुमान है। इस साल की शुरुआत में, अल नीनो मौसम पैटर्न के साथ असामान्य मौसमी बारिश ने केन्या के कई हिस्सों में अराजकता पैदा कर दी थ। यह एक ऐसा देश है जो जलवायु परिवर्तन के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। 'केन्या राष्ट्रीय आपदा संचालन केंद्र' के अनुसार, मार्च और जून के बीच केन्या में भारी बारिश और बाढ़ के कारण 300 से अधिक लोग मारे गए, 188 घायल हुए और 38 लापता हो गए, वहीं 2,93,200 से अधिक लोग विस्थापित हुए और लगभग 306,520 लोग प्रभावित हुए। -(आईएएनएस)
अदीस अबाबा, 3 दिसम्बर । इथियोपिया में एचआईवी से पीड़ित विस्थापित लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने महत्वपूर्ण कदम उठाने का आह्वान किया है। हर साल 1 दिसंबर को मनाए जाने वाले विश्व एड्स दिवस के संबंध में सोमवार को जारी एक बयान में एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) ने कहा कि इथियोपिया संघर्ष के साथ जलवायु परिवर्तन और विस्थापन से संकट से जूझ रहा है, जिसकी वजह से एचआईवी से पीड़ित लोगों सहित जरूरतमंद लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य और अन्य मानवीय सहायता नहीं मिल पा रही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया, ''संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने इथियोपिया के दो क्षेत्रों में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के लिए हाल ही में चलाए गए संयुक्त मिशन का हवाला देते हुए कहा कि ये क्षेत्र मानवीय संकटों से सबसे अधिक प्रभावित हैं और वह एचआईवी की बढ़ती दरों से जूझ रहे हैं।" एजेंसी ने कहा कि सबसे बड़ी कमी व्यापक स्वास्थ्य सेवा की कमी है, विशेष रूप से एचआईवी से पीड़ित लोगों को इसमें ज्यादा परेशानी आ रही है। इसमें कहा गया है कि मानवीय संकटों के दौरान एचआईवी तथा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सेवाएं अक्सर भोजन, आश्रय और रोग नियंत्रण की तत्काल आवश्यकता के सामने नजरअंदाज कर दी जाती हैं। रिपोर्ट में कहा गया, ''स्वास्थ्य सेवा प्राथमिक सेवाओं तक ही सीमित है। एचआईवी जैसी पुरानी बीमारियों के लिए देखभाल सरकारी अस्पतालों को सौंपी जाती है।
इसका मतलब यह है कि सभी रोगियों को परिवहन के साथ-साथ सेवाओं के लिए भुगतान करना होगा और अपने दम पर महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति खरीदनी होगी, जो कई लोगों के लिए असंभव बोझ है।'' यूएनएड्स ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन मानवीय आधार पर एचआईवी से निपटने के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं इथियोपिया में भी यह सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास किया जा रहा है कि एचआईवी से पीड़ित लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा किया जाए, जिनमें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रहने वाले लोग भी शामिल हैं। विश्व एड्स दिवस पर एक संदेश में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करना संभव है, लेकिन यह तभी होगा जब वैश्विक नेता स्वास्थ्य सेवा में बाधाओं को दूर करने और मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हों।" (आईएएनएस)
अकरा, 3 दिसम्बर । घाना में 'आम चुनाव' से पहले विशेष मतदान के लिए पूरे घाना में चुनिंदा मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। 7 दिसंबर को, घाना में मतदाता एक नए राष्ट्रपति और 276 संसद सदस्यों का चुनाव करने के लिए मतदान करेंगे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को सुबह-सुबह विशेष मतदान के माध्यम से सुरक्षा कर्मियों, पत्रकारों, चुनाव आयोग के अधिकारियों और नागरिक समाज कार्यकर्ताओं सहित ऐसे व्यक्तियों को मतदान करने की अनुमति दी गई, जो मुख्य चुनावों के दौरान मतदान केंद्रों से दूर अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। चुनाव आयोग (ईसी) के मुताबिक लगभग 1,31,478 व्यक्ति, जो पंजीकृत मतदाताओं का 0.007 प्रतिशत है, शेष मतदान में अपने मत डालने के पात्र थे।
कोरले-क्लोटे निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा सांसद जेनेटोर अग्येमन-रॉलिंग्स ने सिन्हुआ को बताया कि विशेष मतदान की प्रक्रिया पूरी सुबह सुचारू रूप से चली। अग्येमन-रॉलिंग्स ने कहा, "मतदान समय पर शुरू हुआ और कोई बाधा नहीं आई। अगर आज जो हम देख रहे हैं, वह 7 दिसंबर को दोहराया जाता है, तो लोग परिणाम को स्वीकार करने के लिए इच्छुक होंगे। ऐसा होने के लिए, चुनाव आयोग को एक तटस्थ रेफरी की भूमिका निभानी चाहिए।" अयावासो वेस्ट वूगोन निर्वाचन क्षेत्र के लेगोन पुलिस स्टेशन मतदान केंद्र पर, नगरपालिका चुनाव अधिकारी लिडिया एगिरि ने सुचारू प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सिन्हुआ को बताया कि सत्यापन उपकरणों सहित सभी बायोमेट्रिक मशीनें पूरी तरह से काम कर रही थीं और मतदाता खुद को सही तरीके से पेश कर रहे थे। चुनाव आयोग के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र और पूर्वी क्षेत्र के लिए विशेष मतदान 5 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि कुछ मतपत्र समय से पहले ही उजागर हो गए थे। --(आईएएनएस)
इलॉन मस्क को अमेरिका के नए सरकारी दक्षता विभाग का प्रभारी बनाना कई सवालों को जन्म देता है. सोचिए क्या दुनिया का सबसे अमीर आदमी सरकारी खर्च में कटौती की मुहिम का नेतृत्व करते हुए अपने निजी हितों को पीछे छोड़ पाएगा?
डॉयचे वैले पर टिमोथी रुक्स की रिपोर्ट-
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डॉनल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर आदमी इलॉन मस्क की बढ़ती दोस्ती के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है. जो जोड़ी पहले अजीब लग रही थी, वह मस्क के लिए काम के नए अवसर में बदल गई. कुछ हफ्ते पहले, दोनों को फ्लोरिडा के पाम बीच, न्यूयॉर्क में एक अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप मैच के रिंगसाइड, और एक जेट में मैकडॉनल्ड्स खाते हुए देखा गया.
चुनाव से पहले, ट्रंप ने घोषणा की थी कि वह अमेरिकी कंपनी टेस्ला के सीईओ को सरकारी दक्षता आयोग का प्रभारी बनाएंगे. नई एजेंसी को सरकारी दक्षता विभाग यानी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) कहा जाएगा.
क्या होगा मस्क का नया काम
चूंकि यह एक नई एजेंसी होगी, इसलिए कोई नहीं जानता कि यह क्या करेगी और इसके पास क्या अधिकार होंगे. हालांकि, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यह सिर्फ एक छोटा सलाहकार समूह होगा, जो न तो सरकार में शामिल होगा और न ही यह कोई वास्तविक विनियामक प्राधिकरण यानी रेगुलेटरी अथॉरिटी होगा. हालांकि, मस्क की वजह से इसका प्रभाव जरूर होगा और इस समूह की बात सुनी जाएगी.
फिलहाल, 2024 के लिए अमेरिका के सरकारी बजट के तौर पर करीब 68 खरब डॉलर का आवंटन किया गया है. सरकारी दक्षता विभाग का लक्ष्य सरकारी बजट और खर्च को कम करना है. यह विभाग अमेरिकी बजट में 20 खरब डॉलर की कटौती करना चाहता है. इसके लिए, यह केंद्र सरकार के आकार को स्थायी तौर पर छोटा, अनावश्यक खर्चों, नियम-कानूनों और कर्मचारियों में कटौती करना चाहता है. मस्क खुद अपने कारोबार में खर्च में कटौती करने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार के खर्च को कम करना एक बड़ी चुनौती होगी. इस परियोजना यानी खर्च में कटौती को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी के फोर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में प्रोफेसर डॉनल्ड मोयनेहेन का मानना है कि "मस्क का सरकार के साथ कोई खास अनुभव नहीं है. वह तो बस सरकार के खिलाफ मुकदमे लड़ते रहे हैं या सरकार के बारे में झूठी या गुमराह करने वाली खबरें फैलाते रहे हैं." उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "संघीय सरकार को आधुनिक बनने की जरूरत है, लेकिन मस्क ने सिर्फ खर्च में कटौती और उन लोगों को सजा देने की बात की है जिनसे वे असहमत हैं. उनका हिसाब किताब सही नहीं है.”
अमेरिका का 2023 का बजट 61 खरब डॉलर था. इसका एक तिहाई हिस्सा सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर खर्च किया गया. ट्रंप ने कहा है कि इन क्षेत्रों के लिए खर्च की जाने वाली राशि में वे किसी तरह की कटौती नहीं करेंगे. संसद की स्वतंत्र संस्था कांग्रेसनल बजट ऑफिस के मुताबिक, ऐसे में कानून बनाने वालों के पास सिर्फ 17 खरब डॉलर खर्च करने का अधिकार है. बाकी पैसे पहले से ही खर्च करने के लिए तय किए जा चुके हैं.
स्पेसएक्स और हितों का टकराव
मस्क पहले से ही टेस्ला, स्पेसएक्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स जैसी छह कंपनियों का संचालन कर रहे हैं. ऐसे में, एक नया पद लेने से उनके लिए हितों का टकराव हो सकता है, खासकर जब उनकी कई कंपनियां सरकार से सब्सिडी या सीधे सरकारी ठेके लेती हैं, जिससे वे सरकारी ठेकेदार बन जाती हैं. ये कंपनियां ऐसी नई खोज और तकनीक भी विकसित और इस्तेमाल करती हैं जो नियम-कानूनों की सीमाओं को पार करती हैं यानी कभी-कभी उनका पालन नहीं करती हैं.
मोयनेहेन ने कहा, "मुझे ऐसा कोई व्यक्ति याद नहीं है जिसका सरकारी अधिकारी के साथ इतना स्पष्ट और सीधा टकराव हो कि उसका कारोबार प्रभावित होता हो और उसे सरकार के खर्च, संरचना और कर्मचारियों की छंटनी के बारे में सलाह देने का मौका दिया गया हो. यह बहुत ही अजीब और भ्रष्टाचार की तरह है.
पिछले कुछ सालों में, स्पेसएक्स को नासा और रक्षा विभाग से अरबों डॉलर के ठेके मिले हैं. इन ठेकों में, उपग्रहों को लॉन्च करना, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की सर्विस करना, और स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क का इस्तेमाल करना शामिल है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, पिछले दशक में स्पेसएक्स को नासा और रक्षा विभाग से 15 अरब डॉलर से अधिक के ठेके मिले हैं. सिर्फ पिछले साल, मस्क की कंपनियों ने 17 सरकारी एजेंसियों के साथ 3 अरब डॉलर के 100 अलग-अलग अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए.
कुछ अन्य हितों का टकराव
मस्क का अमेरिकी सरकार के विभागों और अन्य नियामकों के साथ विवाद का इतिहास रहा है. साल 2018 में अमेरिकी वित्तीय बाजार विनियामक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने उन पर शेयर बाजार से जुड़े धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे. बाद में समझौता करने के लिए उन्हें टेस्ला के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
टेस्ला को कई राज्यों में टैक्स में भारी छूट और अन्य प्रोत्साहन मिले हैं. केंद्र सरकार से भी टेस्ला को कुछ गाड़ियों की सप्लाई करने का छोटा सा ठेका मिला है. हालांकि, मस्क ट्रंप को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टैक्स क्रेडिट जारी रखने या मेक्सिको या कहीं और गाड़ियां बनाने वाली प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर टैरिफ बढ़ाने के लिए राजी कर सकते हैं.
मस्क उन नियामकों को प्रभावित कर सकते हैं जो टेस्ला की सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक पर करीब से नजर रखना चाहते हैं. वह सत्ता में बैठे लोगों को उत्सर्जन नियमों को बनाए रखने के लिए भी राजी कर सकते हैं, जिससे टेस्ला उन अन्य वाहन निर्माताओं को अरबों डॉलर के क्रेडिट बेच सकता है जो पर्याप्त इलेक्ट्रिक वाहन नहीं बनाते हैं.
मस्क की अन्य कंपनियों एक्सएआई, द बोरिंग कंपनी, न्यूरालिंक और एक्स के पास कोई सरकारी अनुबंध नहीं है. फिर भी, इन कंपनियों को ट्रंप के करीब होने से बहुत फायदा हो सकता है. इस नजदीकी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा मिल सकता है, अन्य नियम प्रभावित हो सकते हैं या सोशल मीडिया प्रतिद्वंद्वी टिकटॉक को रोकने में मदद मिल सकती है.
ट्रंप-मस्क की दोस्ती खत्म हो गई तो?
ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति नहीं हैं जो खर्च में कटौती करना चाहते हैं या दक्षता विशेषज्ञों की मदद लेना चाहते हैं. इस बार जो बात अलग है, वह यह है कि चुने गए राष्ट्रपति किसे बुला रहे हैं और व्यक्तिगत लाभ की संभावनाएं क्या हो सकती हैं.
ट्रंप ने अब तक तो ऐसा कहा हुआ है कि मस्क सरकार की कार्यकारी शाखा का आधिकारिक हिस्सा नहीं होंगे और वे सिर्फ ‘सरकार को बाहर से सलाह और मार्गदर्शन देंगे. इसके अलावा, व्हाइट हाउस के साथ-साथ प्रबंधन और बजट कार्यालय के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर संरचनात्मक सुधार को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे.' यह महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिकी कानून के अनुसार, लोग उन सरकारी मामलों में हिस्सा नहीं ले सकते जिनमें उनका आर्थिक हित जुड़ा हो.
इस पूरे प्रोजेक्ट में सबसे अप्रत्याशित चीज खुद ट्रंप हैं. उनका ट्रैक रिकॉर्ड है कि वे लोगों को पसंद करते हैं और फिर अचानक उन्हें छोड़ देते हैं. किसी दिन यह भी हो सकता है कि ट्रंप दुनिया के सबसे अमीर आदमी का साथ छोड़ दें और उन्हें इस बात पर बहुत घमंड हो.
मोयनेहेन ने कहा, "वे दोनों बड़ी हस्तियां हैं जिन्हें सुर्खियों में रहना पसंद है, लेकिन ट्रंप को यह पसंद नहीं कि कोई उनसे आगे निकल जाए.” इस अजीब रिश्ते को बनाए रखना उतना ही मुश्किल हो सकता है जितना ट्रिलियन डॉलर की कटौती करना. उन्होंने आगे कहा, "कुछ लोगों का मानना है कि मस्क को सलाहकार समिति में रखना एक तरह से उन्हें कमतर करना है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि इससे उन्हें कुछ हासिल होगा भी या नहीं.” (dw.com)
यरुशलम, 3 दिसंबर। चरमपंथी संगठन हिजबुल्ला ने संघर्ष विराम के बावजूद इजराइल के कब्जे वाले क्षेत्र में प्रक्षेपास्त्र दागे जिसके जवाब में यरुशलम ने सोमवार को लेबनान पर कई हवाई हमले किए। इन हमलों में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई।
पिछले बुधवार को 60 दिन का संघर्ष विराम समझौता लागू होने के बाद हिजबुल्ला ने इजराइली सेना को पहली बार निशाना बनाते हुए प्रक्षेपास्त्र दागे। इस संघर्ष विराम का उद्देश्य हिजबुल्ला और इजराइल के बीच एक साल से अधिक समय से जारी युद्ध को समाप्त करना था।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दक्षिणी गांव हारिस पर इजराइल के हवाई हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए, जबकि तलौसा गांव पर किए गए एक और हवाई हमले में चार लोगों की जान चली गई और दो घायल हो गए।
हिजबुल्ला द्वारा इजराइल के कब्जे में वाले क्षेत्र ‘माउंट डोव’ की ओर दो प्रक्षेपास्त्र दागे जाने की घटना के जवाब में इजराइली सेना ने सोमवार देर रात हवाई हमले किए। इजराइली सेना का कहना है कि उसने लेबनान में हिजबुल्ला के लड़ाकों, ढांचे और रॉकेट लॉन्चर को निशाना बनाया।
इजराइल ने कहा कि हिजबुल्ला के प्रक्षेपास्त्र खुले इलाकों में गिरे और किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
इस बीच, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में चरमपंथी समूह हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजराइल के नागरिकों की तत्काल रिहाई की मांग की। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा कि अगर जनवरी में उनके पदभार ग्रहण करने से पहले इजराइल के नागरिकों को रिहा नहीं किया गया तो हमास को ‘‘बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।’’
हालांकि, उनके इस पोस्ट यह स्पष्ट नहीं है कि यह गाजा में हमास और इजराइल के बीच जारी युद्ध में अमेरिका की सेना को सीधे तौर पर उतारने की चेतावनी है या नहीं। अमेरिका ने लगभग 15 माह से जारी युद्ध के दौरान इजराइल को महत्वपूर्ण सैन्य और कूटनीतिक समर्थन दिया है। (एपी)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 3 दिसंबर। अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने सोमवार को कांग्रेस (अमेरिका की संसद) को अधिसूचित किया कि उसने ‘एमएच-60आर मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर इक्यूपमेंट’ और संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी देने का फैसला किया है जिसकी अनुमानित लागत 1.17 अरब अमेरीकी डॉलर है।
रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने ‘कांग्रेस’ को एक अधिसूचना में बताया कि उपकरणों की बिक्री की प्रस्तावित योजना, भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं का उन्नयन कर वर्तमान और भविष्य के खतरों को रोकने की क्षमता में सुधार करेगी।
बाइडन प्रशासन ने भारत को प्रमुख रक्षा उपकरणों की बिक्री की मंजूरी अपने चार साल के कार्यकाल के पूरा होने से कुछ सप्ताह पहले दी है।
पांच नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।
अधिसूचना के अनुसार, भारत ने 30 ‘मल्टीफंक्शनल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम-जॉइंट टेक्टिकल रेडियो सिस्टम्स’ (एमआईडीएस-जेटीआरएस) खरीदने का प्रस्ताव रखा है।
इस बिक्री में मुख्य रूप से अनुबंध ‘लॉकहीड मार्टिन रोटरी और मिशन सिस्टम’ के साथ होगा।
इसमें कहा गया है कि इसके कार्यान्वयन के वास्ते तकनीकी सहायता और प्रबंधन निरीक्षण के लिए अस्थायी आधार पर अमेरिका की सरकार 20 या अनुबंध में शामिल कंपनियों के 25 प्रतिनिधियों की भारत की यात्रा की जरूरत होगी। (भाषा)