अंतरराष्ट्रीय
- रवि प्रकाश
कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में दुनिया की बड़ी-बड़ी दवाई कंपनियां लगी हुई हैं। जल्द ही कोरोना वैक्सीन के बाजार में आने की उम्मीद है। लेकिन इसी बीच बाजार में नकली वैक्सीन्स बेचे जाने का भी खतरा मंडराने लगा है। ब्रिटेन के नेशनल क्राइम एजेंसी के अधियारियों ने चेतावनी दी है कि, जैसे ही कोरोना की किसी वैक्सीन की बिक्री का ऐलान किया जाता है, इसके साथ ही अपराधी नकली वैक्सीन बाजार में उतार सकते हैं।
ब्रिटेन की एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के अधिकारियों ने फेक कोरोना वैक्सीन की बिक्री रोकने के लिए कार्रवाई भी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि महामारी के शुरुआती दिनों में अपराधियों ने नकली पीपीई वगैरह बेचने की कोशिश भी की थी।
ब्रिटेन के नेशनल क्राइम एजेंसी के इकोनॉमिक क्राइम सेंटर के डायरेक्टर जनरल ग्रेएम बिगर ने कहा है कि वैक्सीन को लेकर फर्जीवाड़ा किए जाने का बड़ा खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि जैसे ही वैक्सीन तैयार हो जाएगी, लोगों को फर्जी वैक्सीन ऑफर करने वाले गैंग सक्रिय हो जाएंगे। इसे रोकने के लिए हम पहले से तैयारी कर रहे हैं। बाजार में कोरोना की फेक वैक्सीन्स बेची जा सकती हैं। जैसे ही कोरोना की किसी वैक्सीन की बिक्री का ऐलान किया जाता है, इसके साथ ही अपराधी नकली वैक्सीन बाजार में उतार सकते हैं। ब्रिटेन के नेशनल क्राइम एजेंसी के अधिकारियों ने ये चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि फाइजर, ऑक्सफोर्ड और नोवावैक्स सहित कई कंपनियां कोरोना की वैक्सीन्स की ट्रायल कर रही हैं। इन वैक्सीन्स की ट्रायल आखिरी चरण में हैं। उम्मीद की जा रही है कि कुछ ही महीने में वैक्सीन बाजार में आ सकती है।(navjivan)
लंदन, 15 नवंबर | यूके सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा है कि इंग्लैंड में योजना के मुताबिक 2 दिसंबर को एक महीने का लॉकडाउन खत्म करने के लिए अगले 2 हफ्ते 'बहुत अहम' होंगे। सरकार के साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरेजेंसी (एसएजीई) के प्रोफेसर सुसान मिशी ने शनिवार को कहा कि अगले दो सप्ताह "बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे, क्योंकि इसमें आंशिक तौर पर कारण मौसम होगा और दूसरा कारण जो मुझे लगता है वह है कि लोग वैक्सीन आने की उम्मीद के कारण उपायों को लेकर लापरवाह हो जाएंगे। ऐसे में ही गड़बड़ी होगी। चूंकि वैक्सीन के इस साल के आखिर या अगले साल की शुरूआत में आने की बहुत संभावना नहीं है और इससे मौजूदा दूसरी लहर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ऐसे में अगले दो हफ्तों के लिए सभी को कड़े संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।"
बता दें कि पिछले हफ्ते ही इंग्लैंड में 2 दिसंबर तक के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है क्योंकि यहां मामलों की संख्या में फिर से खासी बढ़ोतरी हो रही थी। देश में कुल मामलों की संख्या 13,17,496 और मौतों की संख्या 51,304 हो गई है।
ब्रिटेन कोरोनावायरस के कारण 50 हजार से ज्यादा मौतें दर्ज करने वाला पहला यूरोपीय राष्ट्र है। यहां अमेरिका, ब्राजील, भारत और मैक्सिको के बाद सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं।(आईएएनएस)
बेरूत, 15 नवंबर | लेबनान में दो हफ्ते का लॉकडाउन लगा दिया गया है, जिसके बाद से सभी रेस्तरां, बार, कैफे, जिम और मॉल बंद हो गए हैं। ये फैसला कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को लागू हुए लॉकडाउन के तहत देश के अधिकांश क्षेत्रों में पुलिस तैनात की गई है जो प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार है।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री हसन दीएब ने देश के नागरिकों से अर्थव्यवस्था के मुकाबले स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की है।
दीएब ने कहा, लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है, लेकिन यह देश के स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों को बढ़ाने का एक मौका है, पिछले कुछ हफ्तों में कोरोनोवायरस संक्रमण में नाटकीय वृद्धि हुई है।
लेबनान में कोविड-19 संक्रमण की संख्या 100,000 से अधिक हो गई, जबकि मरने वालों की संख्या 800 के करीब पहुंच रही है।
देश 21 फरवरी से वायरस से लड़ रहा है।(आईएएनएस)
पेरिस, 15 नवंबर | फ्रांस में बीते 24 घंटों में कोविड-19 के 32,095 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यहां कुल मामलों की संख्या 20 लाख के करीब पहुंच गई है। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अस्पताल में भर्ती रोगियों की संख्या में कमी आई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, देश में फरवरी के मध्य में पहला मामला सामने आने के बाद से अब तक यहां 19,54,599 मामले और 44,246 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।
अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 208 घटकर 32,499 हो गई है और आईसीयू में मरीजों की संख्या में 32 की कमी आने के बाद अब संख्या 4,872 हो गई है।
पिछले महीने पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन और रात के कर्फ्यू के बाद भी यहां मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसे देखते हुए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी भी दी है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा, "आने वाले दिन निर्णायक हो सकते हैं। लिहाजा.. घर में, क्लास में, ऑफिस में 5 चीजों का सख्ती से पालन करें। हमेशा मास्क पहनें, अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं, कम से कम एक मीटर की दूरी रखें, जगहों को हवादार रखें, टॉसएंटीकोविड ऐप डाउनलोड करें।"
इस समय पूरी दुनिया वैक्सीन के इंतजार में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के अनुसार 12 नवंबर तक दुनिया भर में 212 कोविड-19 उम्मीदवार वैक्सीन विकसित किए जा रहे थे।(आईएएनएस)
अंधविश्वास के मामले में पश्चिमी देश भी पीछे नहीं. 'फ्राइडे द थरटींथ' यानी 13 तारीख वाले शुक्रवार को अपशगुन से जोड़ कर देखा जाता है.
फिल्म ने सिखाया
1980 में आई हॉरर फिल्म 'फ्राइडे द थरटींथ' ने इस मिथक को फैलाने में सबसे अधिक योगदान दिया है. फिल्म इतनी हिट हुई कि इसके 12 सीक्वल और पर्दे पर आए. 13वां बना लेकिन उसका रिलीज एक शुक्रवार से अगले 13 तारीख वाले शुक्रवार तक टलता रहा और आखिरकार उसे रिलीज ना करने का फैसला लिया गया. तो क्या 13वीं फिल्म अशुभ थी?
ईसा मसीह की कहानी
19वीं सदी में यह मिथक फैला कि ईसा मसीह के खिलाफ षड्यंत्र करने वाला उनका अनुयायी जुडास अंतिम भोज के समय सबसे देर से पहुंचा और मेज पर बैठने वाला 13वां व्यक्ति था. साथ ही शुक्रवार को ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था. इन वजहों से भी 13 और शुक्रवार को बुरा माना जाता है.
दा विंची कोड
इस किताब में काल्पनिक बातें भी इतने विश्वसनीय रूप से लिखी गयी कि लोग सब इन पर यकीन करने लगे. किताब के अनुसार 13 अक्टूबर 1307, जो कि शुक्रवार था, को फ्रांस के राजा फिलिप चौथे ने 'ग्रैंड मास्टर ऑफ द नाइट्स टेम्पलर' को गिरफ्तार कराया था.
ब्रिटेन का योगदान
14वीं सदी में अंग्रेजी के मशहूर लेखक जेफ्री चौसर ने 'द कैंटरबरी टेल्स' नाम से कहानियों का संग्रह तैयार किया. इसमें उन्होंने शुक्रवार के अशुभ होने का जिक्र किया. 17वीं सदी तक हाल यह था कि अधिकतर लेखक शुक्रवार के दिन कोई भी नया प्रोजेक्ट लेने से मना कर देते थे. ब्रिटेन में शुक्रवार को ही लोगों को फांसी दी जाती थी.
इटली में भी
इतावली ओपेरा कंपोजर जियोआचीनो रोसिनी शुक्रवार को बुरा दिन और 13 को बुरी संख्या माना करते थे. यह संयोग ही है कि उनका निधन 13 नवंबर को हुआ, जो कि शुक्रवार था.
'दि थर्टीन क्लब'
सन 1880 के आसपास इस नाम का एक क्लब बना, जिसका मकसद यह दिखाना था कि खाने की मेज पर एक साथ तेरह लोगों के बैठने से कोई मरता नहीं है. यह 'दि लास्ट सपर' वाली कहानी से प्रेरित थे और उसे गलत साबित करने पर आमादा भी. आगे चलकर इस क्लब में थियोडोर रूजवेल्ट (फोटो में) समेत अमेरिका के पांच राष्ट्रपति भी मानद सदस्य के तौर पर शामिल हुए.
एक यह भी कहानी
1907 में थॉमस डब्ल्यू लॉसन ने 'फ्राइडे द थरटींथ' नाम से उपन्यास लिखा. यह एक ऐसे स्टॉक ब्रोकर की कहानी है जो इस दिन का फायदा उठा कर वॉल स्ट्रीट में हलचल मचा देता है. हैरत की बात है कि उसी साल ब्रिटेन में थॉमस डब्ल्यू लॉसन नाम का ही एक समुद्री जहाज नष्ट हुआ. तारीख थी 13 दिसंबर और दिन शुक्रवार.
13वां घंटा?
साल में 12 महीने होते हैं और दिन में 12 घंटे. लेकिन 13वें के बारे में कभी सुना है? जर्मन भाषा में एक कहावत है: अब आ गया 13वां घंटा. ऐसा तब कहा जाता है जब कुछ बहुत ही हैरान कर देने वाली बात हो जाए.
अपोलो 13
13 अप्रैल 1970 को अंतरिक्ष यान अपोलो 13 का ऑक्सीजन टैंक फटा. हालांकि इसके बावजूद यह धरती पर सुरक्षित लौटने में कामयाब रहा. कुछ लोगों का मानना है कि अपोलो 13 की किस्मत अच्छी थी क्योंकि उस दिन शुक्रवार ना हो कर सोमवार था.
किस्सा 13वीं मंजिल का
आज भी अमेरिका की ऊंची इमारतों में 13वां माला नहीं होता. या तो 12वें के बाद सीधे 14वां माला आ जाता है या फिर इसे "एम" कहा जाता है क्योंकि "एम" वर्णमाला में 13वां अक्षर होता है. 1975 में आई सुपरमैन फिल्म में तो दिखाया गया कि 13वें माले का इस्तेमाल दूसरे ग्रहों से आने वाले एलियन को ठहराने के लिए किया जाता है.
कंपोजर आर्नोल्ड शोएनबर्ग
प्रसिद्ध ऑस्ट्रियन-अमेरिकन कंपोजर शोएनबर्ग को 13 नंबर से बहुत ज्यादा डर था. एक ज्योतिषी के कहने पर उनको इसका विश्वास हो गया था कि उनकी जान 13 को जाएगी. चिंता और घबराहट के चलते सचमुच जुलाई 1951 में शुक्रवार 13 तारीख को उनका देहांत हो गया था.
यहूदी लेखक की नजर में
मध्य और पूर्वी यूरोप की यिद्दिश भाषा में लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक नाट्यकार शोलोम अलाइकेम ने टेवी ग्वाले का एक चरित्र रचा था. यह उनके म्यूजिकल नाटक "फिडलर ऑन द रूफ" का मुख्य किरदार था. लेखक की ही तरह यह किरदार भी संख्या 13 से बहुत डरता था. अपनी किताब में वह पेज नंबर 13 को 12ए लिखा करते. टीबी से बीमार लेखक की वाकई 13 मई, 1916 को जान चली गई.
एलओसी पर भारत और पाकिस्तान के बीच फ़ायरिंग की घटनाओं के एक दिन बाद पाकिस्तान की सेना ने भारत पर पाकिस्तान में 'अस्थिरता पैदा करने' के आरोप लगाये हैं.
शनिवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी और पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने एक डोज़ियर के आधार पर कहा कि 'उनके पास इस बात के 'सबूत' हैं कि पाकिस्तान में होने वाली 'आतंकी घटनाओं' में भारत और उसकी ख़ुफ़िया एजेंसियां शामिल हैं.'
इसके बाद देर रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी एक के बाद एक ट्वीट करते हुए इन्हीं आरोपों को दोहराया और अंतरराष्ट्रीय समुदायों से इस संबंध में भारत पर दबाव बनाने की पेशकश की.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी इसी तरह के कुछ ट्वीट किये गए हैं.
पाकिस्तान ऐसे आरोप पहले भी लगा चुका है और भारत इन आरोपों को ख़ारिज करता रहा है.
शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे पर नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया था.
भारतीय सेना के मुताबिक़, इस गोलीबारी में तीन भारतीय सैनिकों समेत कम से कम छह लोगों की मौत हुई. भारतीय सुरक्षाबल के तीन सदस्य भी इस गोलीबारी में घायल हुए.
वहीं, पाकिस्तान की स्टेट डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (मुज़फ़्फ़राबाद) के बयान के मुताबिक़, भारतीय पक्ष की ओर से हुई गोलीबारी में चार पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई और 23 सैनिक घायल हुए हैं.
पाकिस्तान का कहना है कि गोलीबारी में उसके चार नागरिकों की भी मौत हुई है. घायल होने वालों में बच्चे भी शामिल हैं.
पाकिस्तान ने क्या आरोप लगाए?
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में एक घंटे की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान विदेश मंत्री और सेना के प्रवक्ता ने विभिन्न दस्तावेज़ों को पेश करके यह दावा किया कि 'भारत पाकिस्तान के किन इलाक़ों और गिरोहों के ज़रिये आतंकी घटनाओं को कथित तौर पर बढ़ावा दे रहा है.'
शाह महमूद क़ुरैशी ने इस मौक़े पर कहा, "हमें अक्सर सबूत पेश करने को कहा जाता है. आज हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम सबूत इकट्ठा करके भारत के इरादों की तरफ़ ध्यान दिलाना चाहते हैं."
उन्होंने कहा कि 'आगे चुप रहना पाकिस्तान के हित में नहीं होगा. इस क्षेत्र के अमन और स्थिरता से समझौता भी नहीं होगा.'
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि 'पाकिस्तान ने आतंक की वजह से बहुत नुक़सान उठाया है जिसे (अंतरराष्ट्रीय स्तर पर) स्वीकार भी किया जाता है.'
उन्होंने कहा कि 2001 से 2020 तक पाकिस्तान में 130 आतंकी हमले हुए हैं और 83,000 से ज़्यादा मौतें हुई हैं और 32,000 लोग ज़ख़्मी हुए हैं.
उन्होंने दावा किया कि हालिया दिनों में पेशावर और क्वेटा में हुई आतंकी घटनाओं में भारत शामिल था. ग़ौरतलब है कि इन आरोपों पर अब तक भारत की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि 'भारत अपनी ज़मीन पर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आतंकी घटनाओं के इस्तेमाल के लिए अनुमति दे रहा है.'
वहीं, डायरेक्टर जनरल आईएसपीआर मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने आरोप लगाया कि भारत ने उन तमाम चरमपंथी संगठनों को अपना हिस्सा बना लिया जिनकी जड़ें पाकिस्तान से उखाड़ दी गई थीं.
उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के अलगाववादियों के ज़रिए प्रांत में विद्रोह पैदा करने की कोशिश की जाती रही है और यह अब भी जारी है.
उन्होंने कहा, "कराची में अल्ताफ़ हुसैन के संगठन से जुड़े अलगाववादियों को हथियार देकर भारत की ओर से उन गिरोहों की आर्थिक मदद की जाती रही है."
'भारत ने चरमपंथियों को एकजुट किया'
मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने आरोप लगाया कि 'भारत अधिकतर चरपमंथी संगठनों से बातचीत क़ायम करके पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चरमपंथियों का एक गठबंधन बना रहा है.'
उन्होंने कहा, "उनमें देशभक्त संगठनों से अलग हुए कई गिरोह शामिल हैं. दूसरी ओर तहरीक़े तालिबान पाकिस्तान से अलग होकर अगस्त 2020 में अलहरार और हरकत उल-अंसार बनने के बाद भारत अब उनका एक व्यापक गठबंधन बना रहा है जिसमें प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान लिबरेशन फ़्रंट और बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी से जुड़े अलगाववादी संगठन शामिल हैं."
उन्होंने आरोप लगाया कि उन तमाम गिरोहों का समर्थन करने वाले और मास्टर प्लान तैयार करने वाले अफ़ग़ानिस्तान दूतावास में तैनात भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी के एक कर्नल हैं.
भारतीय सेना का इन आरोपों पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
सीमा पार से हुई गोलीबारी पर भारतीय सेना ने कहा था कि 'पाकिस्तान जान-बूझकर आम नागरिकों के ठिकानों को निशाना बना रहा है.'(bbc)
अमेरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि रिपब्लिक पार्टी के वरिष्ठ नेता डोनाल्ड ट्रंप बिना सबूतों के चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगा कर लोकतंत्र का नुक़सान कर रहे हैं.
ओबामा ने सीबीएस न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में ये बात कही. यह इंटरव्यू रविवार को प्रसारित किया जाएगा. ओबामा ने कहा कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने 'साफ़ तौर' पर इस चुनाव में जीत हासिल की है.
बीते सप्ताह अमरीकी मीडिया ने चुनाव नतीज़ों की जानकारी दी थी. राष्ट्रपति ट्रंप ने बैलेट से छेड़छाड़ होने का दावा किया और इसे कानूनी चुनौती दी. हालांकि ट्रंप ने अब तक अपने दावे के पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं किए हैं.
बराक ओबामा के मुताबिक़ ट्रंप ने धोखाधड़ी का आरोप इसलिए लगाया है क्योंकि उन्हें "हारना पसंद नहीं है."
उन्होंने कहा, "मुझे यह बात परेशान कर रही है कि बाकी रिपब्लिकन अधिकारी सब जानते हुए भी ट्रंप का साथ दे रहे हैं. ऐसा करके वो न सिर्फ़ भावी बाइडन प्रशासन को अमान्य बता रहे हैं बल्कि लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं और ये एक डरावनी बात है."
बराक ओबामा ने अपने आने वाले नए संस्मरण 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' को लेकर न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू दिया है.
यह किताब उनके अमेरिकी सीनेटर से लेकर पहली बार राष्ट्रपति बनने तक के सफ़र पर आधारित है. उनके राजनीतिक करियर पर लिखी जाने वाली दो किताबों की सीरीज़ में से ये पहली किताब है जो 17 नवंबर को बाज़ार में उपलब्ध होगी.
सीएनएन के मुताबिक़ ओबामा ने अपने संस्मरण में लिखा है कि 'ट्रंप ने एक काले व्यक्ति के नेतृत्व को लेकर लोगों में डर बढ़ाया और इस तरह सत्ता में आए.'
ओबामा ने लिखा है, "करोड़ों अमेरिकियों को इस बात का डर था कि व्हाइट हाउस में एक काला व्यक्ति बैठा है और ट्रंप ने ऐसे नस्लीय भेदभाव करने वाले लोगों की चिंताओं को दूर करने का वादा किया."
लिंज़े ग्राहम, रिपब्लिकन नेता जिन्होंने जो बाइडन को ब्रिफ़िंग दिए जाने का समर्थन किया है.
अभी अमरीका में क्या हो रहा है?
गुरुवार को दो कांग्रेस डेमोक्रैट्स- हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शुमर ने रिपब्लिकन्स से अपील की कि वो इस 'वास्तविकता को स्वीकर कर लें' कि बाइडन चुनाव जीत चुके हैं.
हालाँकि कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने जो बाइडन को बधाई दी है और इस बात का भी समर्थन किया है कि उन्हें हर दिन होने वाली 'इंटेलिजेंस ब्रीफ़िंग' दी जानी चाहिए. यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो व्हाइट हाउस आने वाले हर नव-निर्वाचित राष्ट्रपति के लिए होती है.
हालाँकि ये संख्या काफ़ी कम है क्योंकि ज़्यादातर रिपब्लिकन नेता ट्रंप के साथ खड़े हैं और जो बाइडन की जीत मानने से इनकार कर रहे हैं.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा तो क्या होगा?
बीबीसी के आकलन के अनुसार, डेमोक्रैट नेता जो बाइजन एरिज़ोना भी जीत गये हैं. एरिज़ोना के 11 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं और वहाँ जीत के साथ ही जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच वोटों का अंतर और अधिक हो गया है.
जो बाइडन, जो बहुमत का आंकड़ा पहले ही हासिल कर चुके थे, एरिज़ोना जीतने के बाद उनके पास 290 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स हो गये हैं. वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 217 सीटें ही जीत सके हैं.
इसके अलावा, अमेरिका के संघीय चुनाव अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'चुनावी धांधली के आरोप' को ख़ारिज कर दिया है. अधिकारियों ने कहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव 'अमेरिका के इतिहास में सबसे सुरक्षित चुनाव' थे.
उन्होंने कहा है, "हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमें चुनाव की अखंडता और सुरक्षा पर पूरा भरोसा है और आप (देशवासियों) को भी होना चाहिए."
बाइडन क्या कर रहे हैं?
जो बाइडन ने रॉन क्लेन को व्हाइट हाउस के चीफ़ स्टाफ़ पद के लिए चुना है. क्लेन 1980 के दशक से बाइडन के मुख्य सहयोगी रहे हैं. वो सीनेटर से लेकर उप-राष्ट्रपति बनने तक बाइडन के साथ रहे हैं.
व्हाइट हाउस का चीफ़ स्टाफ़ राष्ट्रपति के हर दिन के शेड्यूल बनाने का काम करता है. साथ ही ये वो पद है जो राष्ट्रपति के लिए एक 'गेटकीपर' की तरह काम करता है. राष्ट्रपति तक जाने वाले हर चीज़ चीफ़ स्टाफ़ से होकर गुज़रती है.
बाइडन ने वैश्विक नेताओं को कॉल करना भी शुरू कर दिया है. दरअसल वो राष्ट्रपति पद ग्रहण करने की तैयारियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
गुरुवार को उन्होंने कैथलिक धर्म गुरु पोप फ़्रांसिस से बात की. पोप फ़्रांसिस ने बाइडन को बधाई और आर्शीवाद दिया. जॉन एफ कैनेडी के बाद बाइडन अमेरिका के दूसरे रोमन कैथलिक राष्ट्रपति होंगे.(bbc)
न्यूयॉर्क, 14 नवंबर | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह जो बाइडेन से हार स्वीकार कर सकते हैं क्योंकि मीडिया ने जॉर्जिया में भी डेमोक्रेट को विजेता घोषित कर दिया है, जहां पर मतगणना अभी भी जारी थी।
ट्रंप अब तक बाइडेन की जीत से इनकार करते रहे हैं और उन्होंने तो कुछ नतीजों को अदालतों में चुनौती देने की कसम भी खाई है। लेकिन शुक्रवार को कोरोनावायरस पर आधारित ब्रीफिंग के दौरान कहा, "भविष्य में जो होगा, कोई नहीं जानता, कि कौनसा प्रशासन होगा। यह तो समय भी बताएगा।"
20 जनवरी को किसी और प्रशासन के बारे में बोलने का उनका पहला मौका था। इस बात को लेकर अटकलें लगाई जाती रही हैं कि आखिरकार वह हार कैसे स्वीकार करेंगे। ट्रंप के एक अज्ञात वरिष्ठ सहयोगी ने एनबीसी से कहा है कि ऐसी संभावना है कि ट्रंप चुनाव के फैसले को स्वीकार कर सकते हैं।
देश में कोविड-19 के कहर और इसकी दूसरी लहर के बीच ट्रंप ने कहा कि वह देशव्यापी लॉकडाउन लागू नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "हम लॉकडाउन में नहीं जाएंगे। यह प्रशासन लॉकडाउन में नहीं जाएगा। भविष्य में क्या होगा, कौन सा प्रशासन होगा, यह समय बताएगा।"
हालांकि मतगणना अभी भी जारी है और परिणाम आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किए गए हैं, मीडिया ने बाइडेन को उनके अनुमानों के आधार पर विजेता का ताज पहनाया है और इस आधार पर बाइडेन और डेमोक्रेट ने मांग की है कि उन्हें अधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति चुने जाने का दर्जा दिया जाना चाहिए।
मीडिया के अनुसार, बाइडेन को 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट और ट्रम्प को 232 मिले हैं, जबकि जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की जरूरत होती है।
बाइडेन ट्रांजिशन टीम के प्रवक्ता जेन पसाकी ने एक ब्रीफिंग के दौरान शिकायत की कि वे लोग "कोविड को लेकर चल रहे कामों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जबकि शासन करने की तैयारी के लिए यह जरूरी है।"
कानूनी रूप से चुने गए राष्ट्रपति को कार्यालय में स्थानांतरित होने और ब्रीफिंग तक पहुंचने की आधिकारिक सुविधाएं दी जानी चाहिए। लेकिन सामान्य सेवा प्रशासन के प्रमुख एमिली मर्फी इसके लिए चुनाव परिणामों की आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्यों के पास आधिकारिक तौर से परिणाम घोषित करने के लिए 14 दिसंबर तक का समय है।
ट्रंप बिना सबूतों के चुनावों में धांधली होने की बात कह रहे हैं जबकि देश भर के चुनाव अधिकारियों ने ऐसी संभावना से साफ इनकार किया है।(आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 14 नवंबर | कोरोनावायरस वैक्सीन का डोज इस साल के आखिर तक दिसंबर के 2 करोड़ लोगों को मिल सकता है। यह बात आज डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के वैक्सीन कोआर्डिनेशन प्रोग्राम के प्रमुख ने कही है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद के महीनों में हर महीने ढाई से तीन करोड़ अमेरिकियों का टीकाकरण (वैक्सीनेशन) किया जाएगा। हालांकि यह सब टीकाकरण करने की गति पर निर्भर करता है।
ऑपरेशन वॉर्प स्पीड (ओडब्ल्यूएस) के चीफ एडवाइजर मोनसेफ स्लोई ने शुक्रवार की शाम कहा, "और फरवरी या मार्च के महीने तक यदि और टीकों को अनुमति मिल जाती है तो हम और अधिक अमेरिकियों को यह उपलब्ध सकते हैं।"
बता दें कि ओडब्ल्यूएस ट्रंप प्रशासन का राष्ट्रीय प्रोग्राम है, जिसमें कोविड-19 वैक्सीन के विकास, उत्पादन और वितरण में तेजी लाने के लिए काम करता है। वहीं स्लोई की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अमेरिका में कोविड-19 को लेकर स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां 1 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 2.44 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
अभी अमेरिका 6 वैक्सीन पर काम कर रहा है। इसमें सबसे ज्यादा आगे फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित किया जा रहा वैक्सीन है। फाइजर ने अमेरिकी सरकार को 10 करोड़ डोज देने के लिए 1.95 अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं ।
स्लोई ने कहा कि उन्हें मॉडर्ना टीके से भी अच्छी खबर की उम्मीद है। वहीं बाकी वैक्सीन भी अपने क्लीनिकल ट्रायल के दौर में हैं।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 नवंबर | संयुक्त राष्ट्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए, चीन ने शांति अभियानों के लिए जमीन पर अधिक सैनिकों को तैनात करने की योजना बनाई है। एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि ऐसे मिशनों में भारत की भूमिका को कम करना भी इसका उद्देश्य है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति बनाए रखने वाले अभियानों में वर्तमान में कुल 2,548 चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान तैनात हैं। अब बीजिंग ने 8,000 अतिरिक्त सैनिकों को अंतर-सरकारी संगठन मिशनों के लिए भेजने की योजना बनाई है।
वे शांति अभियानों के लिए भारत की तुलना में सैनिकों की संख्या को दोगुना करना चाहते हैं।
भारतीय सेना हमेशा मांग में रही है और बहुपक्षीय शांति अभियानों में सेना की तैनाती में सबसे ज्यादा योगदान देती है। वर्तमान में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र मिशन के लिए कुल 5,424 कर्मियों को तैनात किया है। अब तक भारत ने संयुक्त राष्ट्र के 71 मिशनों में से 52 में दो लाख सैनिक भेजे हैं।
सूत्र ने कहा कि वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र मिशनों में तैनाती के मामले में चीन नौवें स्थान पर है और भारत पांचवें स्थान पर है। सैनिकों की तैनाती के मामले में बांग्लादेश का शीर्ष योगदान है। इसने शांति मिशन के लिए 6,726 लोगों को तैनात किया है, इसके बाद जमीन पर 6,725 सैनिकों के साथ इथियोपिया का नंबर आता है। रवांडा संयुक्त राष्ट्र मिशन में 6,363 सैनिकों के साथ तीसरे स्थान पर है और नेपाल 5,714 कर्मियों को भेजकर चौथे स्थान पर है।
एक शीर्ष सूत्र ने कहा, "पीएलए की तैनाती आने वाले वर्षो में कितनी प्रभावी होगी, यह देखने की जरूरत है। क्योंकि वे व्यावसायिकता के मामले में खराब प्रतिष्ठा रखते हैं।"
सूत्रों ने यह भी कहा कि 2016 में चीनी सैनिकों ने प्रतिकूल स्थिति का सामना करने पर दक्षिण सूडान में अपनी पोस्ट का त्याग कर दिया था। दो राजनीतिक समूहों के बीच झड़पों के दौरान उनकी पोस्ट पर हमला किए जाने के बाद वे हजारों नागरिकों की मदद करने में विफल रहे थे।
हालांकि चीन ने आरोपों को खारिज कर दिया था।
इसके अलावा भारतीय सेना की लोकप्रियता पिछले एक दशक से बढ़ रही है और 2018 में पहली बार विदेशी सैनिकों ने लेबनान में एक भारतीय बटालियन के अधीन काम करना शुरू किया। भारतीय सेना के साथ 120 कजाख सेना की टुकड़ी एक ऑपरेशन का हिस्सा है।
सैनिकों का एक जत्था अब दक्षिण सूडान में सेवा देने की तैयारी कर रहा है और महीने के अंत तक मिशन के लिए रवाना हो जाएगा।
स्टाफ ड्यूटीज में अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल एम. के. कटियार ने कहा कि भारत के पास अफ्रीका और मध्य पूर्व के आठ देशों में लगभग 5,500 सैनिक हैं।
उन्होंने कहा, "वे संघर्ष क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए अथक परिश्रम करते हैं।"
संयुक्त राष्ट्र के 13 अभियानों में से, भारतीय सेना का आठ में प्रतिनिधित्व है। भारतीय सेना संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के लिए लेबनान, दक्षिण सूडान, कांगो और गोलन हाइट्स में अपनी सेना भेजती है। भारत ने महिला अधिकारियों को भी भेजा है। वर्तमान में 104 स्टाफ अधिकारियों में से लगभग 15 महिलाएं मिशन में सेवारत हैं।
--आईएएनएस
काबुल, 13 नवंबर | काबुल के एक शिक्षा केंद्र, जिसे हाल ही में आत्मघाती हमले का सामना करना पड़ा था, उसे नरसंहार के तीन हफ्ते बाद फिर से खोल दिया गया। हमले में 43 लोगों की जान चली गई थी। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कावसार-ए-दानेश ट्यूशन सेंटर पर 24 अक्टूबर को हमला किया गया था।
शिक्षकों ने गुरुवार को कहा कि छात्र अधिक प्रतिबद्धता के साथ अपनी कक्षाओं में लौट आए हैं, लेकिन वे हमले को नहीं भूले।
एक छात्र जैनब ने कहा, "उस सड़क पर चलना जहां 43 निर्दोष लोग मारे गए, बहुत मुश्किल लगता है।"
एक अन्य विद्यार्थी रोना ने कहा, "जितना अधिक वे हमें रोकने की कोशिश करेंगे, हमारी प्रतिबद्धता उतनी ही मजबूत होगी।"
हालांकि कावसार-ए-दानेश केंद्र के प्रमुख यासीन सोरोश ने कहा कि हमले की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है और न ही पता चल पाया है कि वास्तव में हमले की साजिश किसने की।
टोलो न्यूज ने सोरोश के हवाले से कहा, "यह स्पष्ट किया जाना बाकी है कि हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट (आईएस), तालिबान या कोई अन्य समूह था। लोग चाहते हैं कि इस घटना की जांच की जाए।"
आईएस आतंकी समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।
मृतकों के रिश्तेदारों के अनुसार, हमले में मारे गए ज्यादातर लोग कम आय वाले परिवारों के युवा छात्र थे।
मृतकों के अलावा, करीब 80 अन्य लोग घायल हो गए थे।
--आईएएनएस
सुमी खान
ढाका, 13 नवंबर | इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस संगठन (इंटरपोल) की रेड नोटिस लिस्ट में 70 से अधिक बांग्लादेशी मानव तस्करों का नाम शामिल किया गया है। बांग्लादेश ने खुद इन तस्करों का विवरण संगठन के साथ साझा किया है।
इन तस्करों में एक ऐसा शख्स भी शामिल है, जिसे रैकेट का किंगपिन भी माना जाता है, जिसका नाम मिंटो मिया है। मिया, इस सप्ताह के पहले भगोड़े की सूची में नामित बांग्लादेशी तस्कर है। उसका वर्णन नौकरी चाहने वालों को धोखा देने और गलत तरीके से फिरौती मांगने, लोगों को भ्रमित करने और हत्या जैसे कुकृत्य करने वाले व्यक्ति के तौर पर किया जाता है।
वर्तमान में इस सूची में दुनियाभर के 7,368 अपराधियों का नाम शामिल किया गया है।
इंटरपोल के अनुसार, 41 वर्षीय मिया बांग्लादेश में किशोरगंज जिले का निवासी है।
बांग्लादेश पुलिस के सीआईडी के विशेष अधीक्षक सैयदा जन्नत आरा ने कहा, "वह उन तस्करों में से एक है, जिसे बांग्लादेश ने इंटरपोल को अपनी सूची में जोड़ने के लिए कहा है और कानून प्रवर्तन एजेंसियां उसे ढूंढना और गिरफ्तार करना चाहती है।"
पुलिस ने कहा कि ये जालसाज बांग्लादेश के लोगों को विदेशों में लुभावने काम दिलाने का वादा करके उनसे पैसे ऐंठता है। लेकिन वास्तव में शुरुआती राशि लेने के बाद ये तस्कर पीड़ितों को लीबिया में बंधक बनाकर रखता है और उन्हें अधिक पैसे के लिए प्रताड़ित करता है।
जन्नत आरा ने कहा, "इंटरपोल पर उनके विवरणों को रखना उनके गतिविधियों को प्रतिबंधित करेगा, क्योंकि वे 'वांछित' होंगे; कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस देश में जाते हैं।"
लीबिया में बांग्लादेश दूतावास के एक श्रम सलाहकार अशरफुल इस्लाम ने कहा, "मुझे लगता है कि इंटरपोल तक पहुंचना एक सराहनीय पहल है।"
उन्होंने आगे कहा, "उम्मीद है कि यह मुख्य दोषियों को गिरफ्तार करने में मदद करेगा और बांग्लादेशियों का यहां से तस्करी होने से रोकेगा .. यह कदम कितना प्रभावी होगा यह देखने के लिए हमें इंतजार करना होगा।"
संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी आईओएम ने अनुमान लगाया है कि यूरोप के लिए एक प्रवेश द्वार माने जाने वाले लीबिया में करीब 20,000 बांग्लादेशी प्रवासी हैं, जो कि प्रवासी आबादी का लगभग तीन प्रतिशत है।
तीन महीने तक तस्करों के कब्जे में रहने के बाद साल 2018 में लीबिया से बांग्लादेश लौटे हसन ने तस्करों को पकड़ने के लिए इंटरपोल की मदद लेने के पुलिस के फैसले की सराहना की।
42 वर्षीय व्यक्ति ने कहा, "अगर पुलिस चाहती है, तो मैं तस्करों को पकड़ने में उनकी मदद करूंगा, क्योंकि इससे गुजरने का दर्द क्या होता है वह पता है .. दो साल हो गए हैं, और मुझसे छीने गए पैसे उनसे वसूलना बाकी है।"(आईएएनएस)
अधिकारियों ने कहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव ‘अमेरिका के इतिहास में सबसे सुरक्षित चुनाव’ थे.
चुनाव अधिकारियों की एक कमेटी ने कहा है कि ‘कोई ऐसा सबूत नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि वोटिंग सिस्टम से छेड़छाड़ हुई, वोट ख़राब किये गये या बदले गये.’
डोनाल्ड ट्रंप ने बिना सबूत पेश किये यह आरोप लगाया था कि ‘उनके पक्ष में पड़े क़रीब ढाई करोड़ वोट ख़राब कर दिये गए.’
डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक जो बाइडन से हार नहीं मानी है. जबकि अमेरिका के सभी बड़े टीवी न्यूज़ चैनलों ने 3 नवंबर को हुए चुनाव में जो बाइडन को जीता हुआ बताया है.
बीबीसी के आंकलन के अनुसार, जो बाइडन एरिज़ोना राज्य भी जीत गये हैं जिसके बाद उन्हें 11 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स और मिले हैं और अब 290 इलेक्टोरल कॉलेज वोट्स उनके पास हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप के पास 217 वोट हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह कहते रहे हैं कि वे चुनाव के नतीजों के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
इस बीच, कई दिन की चुप्पी के बाद चीन ने भी जो बाइडन और उनकी सहयोगी कमला हैरिस को अमेरिकी चुनाव जीतने की बधाई दी है.
चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम अमेरिकी जनता की पसंद का सम्मान करते हैं.” (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 13 नवंबर | स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने भारत के इलेक्ट्रोनिक मीडिया कंटेंट के लिए तत्काल प्रभाव से ऑनलाइन पेमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया है। शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। डॉन न्यूज ने 9 नवंबर को जारी एक सर्कुलर के हवाले से कहा, "हमें कैबिनेट के निर्णय का एक पत्र मिला है, जिसमें पाकिस्तान सरकार ने जी-5 वीडियो-ऑन-डिमांड समेत भारतीय कंटेंट को सब्सक्राइब करने के लिए क्रेडिट कार्ड समेत पेमेंट के विभिन्न माध्यमों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।"
इसपर, पाकिस्तान इलेक्ट्रोनिक मीडिया रेगुलेटरी ऑथॉरिटी के पूर्व अध्यक्ष अबसार आलम ने कहा कि भारतीय कंटेंट पहले से ही पाकिस्तान में प्रतिबंधित है, इसलिए नया सुर्कलर डीटीएच सेवा के लिए ऑनलाइन पेमेंट पर प्रभाव डाल सकता है।
उन्होंने कहा कि जिनके पास डीटीएच सुविधा है। उनमें से अधिकतर भारतीय कंटेंट को देखते हैं और ऑनलाइन पेमेंट करते हैं।
आलम ने कहा, "अब सब्सक्राइबर सीधे पाकिस्तान से पेमेंट नहीं कर पाएंगे, लेकिन भारतीय प्रोवाइडर संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से पेमेंट पा सकते हैं।"(आईएएनएस)
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 13 नवंबर| जो बाइडन ने 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही प्रशासन के कामकाज को संभालने के लिए बनाई गई प्रमुख टीम में दो भारतीय अमेरिकियों को भी नामित किया है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रीकॉर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी के निदेशक अरुण मजूमदार डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी की देखरेख करने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले हैं। गौरतलब है कि यह विभाग परमाणु हथियारों का डिजाइन, निर्माता होने के साथ ही उनका परीक्षण भी करता है।
टीम में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के बर्कली भौतिकी के प्रोफेसर राममूर्ति रमेश भी शामिल हैं, जो विभिन्न विभागों और एजेंसियों से निपटने वाली टीमों में नियुक्त 21 भारतीय अमेरिकियों में से एक हैं।
वहीं किरण आहूजा संघीय प्रशासन के मानव संसाधन एजेंसी, सिविल सेवा के लिए संघीय जांच कार्यालय और व्हिसलब्लोअर के संरक्षण से निपटने वाली टीम की प्रमुख हैं।
बाइडन-हैरिस ट्रांजिशन ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, टीमों को सत्ता का सुचारू ट्रांसफर सुनिश्चित करना है। कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बनने वाली हैं।
ये समीक्षा टीमें पूर्व सर्जन जनरल विवेक मूर्ति की सह-संचालित हाई-पावर्ड कोविड-19 एडवाइजरी बोर्ड से अलग हैं और इसमें सर्जन और लेखक अतुल गवांडे शामिल हैं। उन्होंने राष्ट्रपति क्लिंटन के प्रशासन में हेल्थ केयर टास्क फोर्स समिति का निर्देशन किया था।
हालांकि मीडिया ने बाइडन को चुनाव का विजेता घोषित कर दिया है, वहीं अधिकारी अभी भी मतों की गिनती कर रहे हैं। दरअसल ट्रंप ने डेमोक्रेट को मिली जीत को स्वीकार करने से मना कर दिया है और कुछ परिणामों को उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी है। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 13 नवंबर| अमेरिकी राज्य नॉर्थ कैरोलाइना में बाढ़ की वजह से कम से कम 7 लोग मारे गए हैं और दो अन्य लापता हो गए। बाढ़ की वजह से सड़कें और पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कुछ इलाकों में गुरुवार तक लगभग 10 इंच बारिश हुई है।
पश्चिमी पीडमोंट क्षेत्र में अलेक्जेंडर काउंटी में कम से कम 4 पुल और 50 सड़कें बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गई।
इस बीच, नेशनल वेदर सर्विस (एनडब्ल्यूएस) ने शार्लेट और रैले में फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है।
ग्रीनविले-स्पार्टनबर्ग के एनडब्ल्यूएस के पूवार्नुमान कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट किया, भारी बारिश और नदियों से निकलने वाली धाराओं के कारण आज सुबह एनसी पीडमोंट/वेस्टर्न एनसी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
उन्होंने कहा, बाढ़ के पानी में गाड़ी चलाने से बचो।
नॉर्थ केरोलाइना के अलावा, बाढ़ की चेतावनी साउथ कैरोलाइना और मैरीलैंड के पूर्वी इलाकों में भी जारी की गई हैं। (आईएएनएस)
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वाशिंगटन, 13 नवंबर | पेंटागन ने पुष्टि की है कि मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 6 अमेरिकी मारे गए हैं। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने रक्षा क्रिस्टोफर मिलर के कार्यवाहक सचिव के हवाले से बताया, हम मल्टीनेशनल फोर्स एंड ऑब्जर्वर (एमएफओ) के सिनाई प्रायद्वीप में एक ऑपरेशन के दौरान हेलीकॉप्टरदुर्घटना में 6 अमेरिकी और मित्र देश के दो सेवा सदस्यों के मारे जाने से दुखी हैं। ये बयान गुरुवार को जारी किया गया।
उन्होंने कहा, मैं इन सेवा सदस्यों के परिवारों, दोस्तों और टीम के साथियों के प्रति विभाग की संवेदना व्यक्त करता हूं।
पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने ट्वीट किया कि पेंटागन एमएफओ के संपर्क में है और जांच के लिए तैयार है।
एक बयान में, एमएफओ ने भी पुष्टि की कि मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में बहुराष्ट्रीय शांति सेना के 8 सदस्य एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए। ये हादसा शर्म अल-शेख के आसपास के क्षेत्र में एक नियमित मिशन के दौरान हुआ।
बयान में कहा गया, हमें यह बताते हुए गहरा दुख हो रहा है कि 8 वदीर्धारी एमएफओ सदस्य मारे गए - छह अमेरिकी नागरिक, एक फ्रांसीसी और एक चेक गणराज्य का। एक अमेरिकी एमएफओ सदस्य को बचा लिया गया। उसे अस्पताल ले जाया गया।
किस वजह से ये दुर्घटना हुई, इसकी जानकारी नहीं है। दुर्घटना के कारणों की जांच होगी।
इसने मिस्र और इजरायल के सहयोग और समर्थन की सराहना भी की।
एमएफओ एक रोम-आधारित अंतर्राष्ट्रीयशांति व्यवस्था है जो मिस्र और इजरायल के बीच एक समझौते के माध्यम से स्थापित की गई है।(आईएएनएस)
लंदन, 13 नवंबर| बीजिंग के हांगकांग के लेजिस्लेटिव काउंसिल से 4 विपक्षी सदस्यों को निष्कासित करने के बाद लंदन ने चीन पर कानूनी समझौते के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। चीन पर अपने वादे पर खरा न उतरने का आरोप लगाते हुए विदेश सचिव डॉमिनिक रैब ने कहा कि बीजिंग ने उन वादों को तोड़ा है, जिन्हें संयुक्त घोषणा के तहत रखा जाना चाहिए था, और हांगकांग की स्वायत्तता बरकरार रखनी चाहिए थी।
बीजिंग के हांगकांग में चार विपक्षी सांसदों को निष्कासित करने के बाद, कई अन्य सांसदों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया।
राब ने कहा, चीन ने एक बार फिर अपने वादों को तोड़ दिया है और हांगकांग की उच्च स्वायत्तता को कम कर दिया है। युनाइटेड किगडम हांगकांग के लोगों के लिए खड़ा है और उनके अधिकारों और स्वतंत्रता का मामला उठाता रहेगा।
हमारे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ, हम चीन को उन दायित्वों से रूबरू कराएंगे जो वह स्वतंत्र रूप से अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत है।
पिछले दिनों चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित कर उन सांसदों को निष्कासित करने के लिए कानूनी प्रस्ताव पारित किया, जो हांगकांग की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं या क्षेत्र पर बीजिंग की संप्रभुता को कमजोर करते हैं।
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के मंत्री निगेल एडम्स ने सांसदों से कहा कि सरकार चीनी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों पर विचार करेगी।
हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, हम अपने मैग्निट्स्की-शैली के प्रतिबंधों के तहत विचार करना जारी रखेंगे। यह अनुमान लगाना पूरी तरह से उचित नहीं है कि भविष्य में किस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए चीन लगातार प्रयास कर रहा है।
इसी साल जुलाई में, चीन ने हांगकांग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया, जो यूके सरकार का मानना है कि चीनी अधिकारियों को असंतोष कुचलने के लिए व्यापक अधिकार देता है। (आईएएनएस)
कैव, 13 नवंबर | यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमैक कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों फिलहाल अस्पताल में अलग-अलग वाडरें में भर्ती हैं। राष्ट्रपति कार्यालय के सलाहकार माईखेलो पोडोलिएक ने मीडिया को बताया, सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। वे फोफानिया अस्पताल में हैं। राष्ट्रपति एक विशेष दफ्तर में बैठक कर सकते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पोडोलिएक के हवाले से बताया कि जेलेन्स्की के वार्ड में एक विशेष संचार व्यवस्था बनाई गई है, जिससे वो अपना नियमित काम जारी रख सकते हैं।
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यूक्रेन में अब तक कोरोनावायरस से 9,145 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में अब तक 5,00,865 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि 2,27,694 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है।(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 13 नवंबर अमेरिका में बुधवार को कोविड-19 के 143,408 नए मामलें दर्ज किए गए। यह आंकड़े देश में महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में दर्ज हुए रिकॉर्ड दैनिक मामले हैं। यह जानकारी यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने गुरुवार को दी।
सीडीसी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, नए आंकड़ों ने पिछले दिन दर्ज हुए 134,383 मामलों के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनावायरस के कारण बुधवार को और 1,479 मौतें दर्ज की गईं, जो कि अगस्त की शुरुआत के बाद सबसे अधिक है।
अमेरिका में लगातार आठवें दिन कोविड-19 के दैनिक मामले 1,00,000 से अधिक दर्ज किए जा रहे हैं।
द कोविद ट्रैकिंग प्रोजेक्ट के साप्ताहिक अपडेट के अनुसार, कुल 8,75,401 नए मामलों के साथ 378 अमेरिकियों में से एक अमेरिकी इस सप्ताह कोविद -19 से पॉजिटिव पाया गया।
यूएस अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में पिछले हफ्ते कुल 73,883 नए बच्चे सामने आए, जो महामारी के बाद से सबसे अधिक साप्ताहिक वृद्धि है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल एसोसिएशन के नए आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में पिछले सप्ताह कुल 73,883 नए बच्चों के संक्रमण के मामले सामने आए, जो महामारी के बाद से सबसे अधिक साप्ताहिक वृद्धि है। इनके साथ बच्चों में कोविड संक्रमण के कुल मामले 9,20,000 से अधिक हो गए।(आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 12 नवंबर | फेसबुक पर लोग जो भी कंटेंट देखते हैं या पोस्ट करते हैं, उनमें राजनीतिक कंटेंट सिर्फ 6 फीसदी ही होती है। यहां तक कि अमेरिका में 3 नवंबर के चुनाव के दिन में भी लोगों ने इससे दुगना कंटेंट हैलोवीन का देखा। यह खुलासा सोशल नेटवर्किं ग की दिग्गज कंपनी ने खुद किया है। कंपनी के एनालिटिक्स के वाइस प्रेसिडेंट और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर एलेक्स शुल्त्ज के अनुसार, "चुनाव के समय भी ज्यादातर लोग वही कंटेंट देखते हैं, जो राजनीति के बारे में नहीं होता। इसमें दोस्तों की पोस्ट या पेज शामिल हैं।"
उन्होंने बुधवार को अपने एक बयान में कहा, "उदाहरण के लिए चुनाव के दिन हमने हैलोवीन को लेकर पोस्ट की संख्या राजनीतिक पोस्ट से दोगुनी देखी, जबकि फेसबुक ने अपने न्यूज फीड में कई बार इसे टॉप पर डाला कि लोग मतदान के बारे में पोस्ट करें।"
फेसबुक पर जिन चीजों के बारे में सबसे ज्यादा सार्वजनिक चर्चा होती है वो फेसबुक पेज की पोस्ट होती हैं, जिनमें अन्य कंटेंट के लिंक भी होते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "नागरिकों से जुड़ी चर्चाओं पर फेसबुक के प्रभाव को जानने की खासी रुचि है, इसलिए हम लोग ऐसे डेटा साझा करते हैं, ताकि इस पर और अध्ययन किया जा सके। इसके लिए हम फेसबुक ओपन रिसर्च एंड ट्रांसपेरेंसी (फोर्ट) प्रोजेक्ट के जरिए शोधकर्ताओं के समूहों और प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी कर रहे हैं। फेसबुक को उम्मीद है कि अगले साल इस पर पहले शोधपत्र प्रकाशित किए जाएंगे।"
कंपनी ने कहा है, "कैम्ब्रिज एनालिटिका के बाद यह स्पष्ट है कि हमें शोधकर्ताओं के साथ साझेदारी करने और उन्हें डेटा तक पहुंच देने के बारे में कितना ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।"(आईएएनएस)
न्यूयार्क, 12 नवंबर| रिसर्चरों ने कोरोना के संबंध में एक चिंताजनक खुलासा किया है। इन रिसर्चरों में भारतीय मूल के एक रिसर्चर भी शामिल हैं। इनलोगों ने पाया कि कोविड-19 से उबर चुके रोगियों में मौत और अस्पताल में फिर से भर्ती होने का आंकड़ा बढ़ रहा है। साथ ही ये लोग मूल गतिविधि, नौकरी, मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय समस्या का सामना कर रहे हैं। अध्ययन के अनुसार, अस्पताल छोड़ चुके कोरोना रोगियों में यानि इस रोग से उबर चुके 7 प्रतिशत लोगों की दो माह के अंदर मौत हो गई। वहीं इसी अवधि में 10 प्रतिशत से ज्यादा रोगियों को आईसीयू में भर्ती कराया गया।
इस अध्ययन को जर्नल एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। यह आंकड़े मिशिगन में 38 अस्पतालों में इलाज किए गए 1250 रोगियों पर आधारित हैं। यह आंकड़ें तब इकट्ठा किए गए थे, जब देश में कोरोना अपने पीक पर था।
अमेरिका में युनिवर्सिटी ऑफ मिशीगन से स्टडी ऑथर विनीत चोपड़ा ने कहा, "ये आंकड़े दिखाते हैं कि कोराना का असर अस्पताल और स्वास्थ्य से बहुत आगे तक है।"
चोपड़ा ने कहा, "बचे लोगों में मानसिक, वित्तीय और शारीरिक समस्या देखी गई हैं।"
साक्षात्कार में शामिल 39 प्रतिशत रोगियों ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के दो महीने बाद भी वे लोग सामान्य गतिविधि में लौट नहीं पाए हैं।
वहीं 23 प्रतिशत उबर चुके लोगों ने कहा कि सीढ़ियों चढ़ते वक्त उनकी सांस फूल जाती है। वहीं एक तिहाई उबर चुके लोगों में अभी भी स्वाद और सूंघने की क्षमता में समस्या बनी हुई है। (आईएएनएस)
काबुल, 12 नवंबर | अफगानिस्तान के हेलमंड प्रांत में गुरुवार सुबह हुए आईईडी विस्फोट में एक पत्रकार की मौत हो गई है। हेलमंड के गवर्नर के प्रवक्ता उमर जवाक ने इसकी जानकारी दी। पत्रकार की पहचान इलियास डेई के रूप में हुई है, जो कि रेडियो आजादी प्रसारण सेवा में काम करते थे। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाक ने कहा कि यह घटना लश्करगाह शहर के पुलिस जिले 1 (पीडी 1) में हुई।
किसी भी समूह ने अब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
इससे पहले इसी सप्ताहांत में काबुल के पीडी 9 में मकरोरायण-ए-चार इलाके में हुए विस्फोट में टोलो न्यूज के पूर्व समाचार प्रस्तुतकर्ता यामा सियावाश समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस के अनुसार, यह विस्फोट मैगनेटिक आईईडी विस्फोट था जिसने पूर्व पत्रकार और अन्य दो लोगों को ले जा रहे वाहन को निशाना बनाया। पुलिस ने कहा कि सियावाश समेत हमले में जान गंवाने वाले सभी लोग सेंट्रल बैंक के कर्मचारी थे।(आईएएनएस)
एथेंस, 12 नवंबर | ग्रीस में दैनिक मौतों की संख्या 43 पर पहुंचने के बाद सरकार ने बुधवार को एक देशव्यापी कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी है। कर्फ्यू शुक्रवार की शाम से लागू होगा। नागरिक सुरक्षा और संकट प्रबंधन के उप मंत्री निकोस हरदालिया ने घोषणा की कि 13 नवंबर से रात 9.00 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए देश में कर्फ्यू लग जाएगा। इस दौरान काम, स्वास्थ्य कारणों और पालतू जानवरों को बाहर ले जाने जैसी ही कुछ छूटें मिलेंगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, नए प्रतिबंधात्मक कदम दैनिक मौतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उठाए गए हैं। जबकि देश में पिछले सप्ताह दूसरा देशव्यापी लॉकडाउन लग चुका है।
नेशनल पब्लिक हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (ईओडीवाई) ने कहा कि बुधवार को पिछले 24 घंटों में 2,752 नए मामले सामने आए, जिसके बाद देश में मामलों की कुल संख्या 63,321 तक पहुंच गई है। मंगलवार से अब तक 43 मरीजों की मौत हो चुकी है। देश में अब तक कुल 909 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बड़े शहरी केंद्रों में समस्या ज्यादा है। बुधवार के एटिका क्षेत्र में 635 मामले और उत्तरी ग्रीस के थेसालोनिकी क्षेत्र में 777 मामले पंजीकृत किए गए।
दुनिया भर में बढ़ते मामलों और मौतों के बीच कई देश इसके लिए वैक्सीन खोजने में जुटे हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के अनुसार, 3 नवंबर तक दुनिया भर में कोविड-19 के 202 उम्मीदवार टीके विकसित किए जा रहे थे और उनमें से 47 का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा था।(आईएएनएस)
वाशिंगटन, 12 नवंबर | व्हाइट हाउस के राजनीतिक मामलों के निदेशक ब्रायन जैक का कोरोना परीक्षण पॉजिटिव आया है। अमेरिकी मीडिया ने बुधवार को बताया कि वे व्हाइट हाउस में चुनाव की रात को आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सूत्रों ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि जैक का परीक्षण सप्ताहांत में पॉजिटिव आया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस ने जैक को लेकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है लेकिन एक बयान में कहा कि पॉजिटिव मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
बता दें कि 3 नवंबर के चुनावी दिन के बाद व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट सेक्रेटरी बेन कार्सन और सलाहकार डेविड बॉसी का भी परीक्षण पॉजिटिव आया था।(आईएएनएस)