अंतरराष्ट्रीय
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नाज़ियों के यातना शिविर में एक कमांडर के लिए काम करने करने वालीं एक पूर्व सेक्रेटरी को 10,505 लोगों की हत्या में भागीदार पाया गया है.
97 साल की इर्मगार्ड फर्चनर ने किशोरावस्था में बतौर टाइपिस्ट स्टटहॉफ़ में 1943 से 1945 तक काम किया था.
फर्चनर, उन चंद महिलाओं में हैं, जिनका पिछले कुछ दशकों में नाज़ियों से जुड़े जुर्म के लिए ट्रायल किया गया.
वो एक आम नागरिक के तौर पर काम कर रही थीं, लेकिन जज ने माना कि उन्हें पूरी तरह से पता था कि कैंप में क्या चल रहा है.
अनुमान के मुकाबिक स्टटहॉफ़ में 65,000 लोगों की मौत वहां की दयनीय परिस्थितियों के कारण हो गई. इनमें यहूदी कैदी, पोलैंड के ग़ैर यहूदी और सोवियत के सैनिक शामिल थे. फ़र्चनर उस वक्त सिर्फ़ 18 या 19 साल की थीं और उनका ट्रायल जुविनायल कोर्ट में किया गया था.
2021 में जब ट्रायल शुरू हुआ था तब फर्चनर अपने रिटायरमेंट होम के भाग गई थीं, और बाद में पुलिस के हाथ आईं.
ट्रायल के दौरान 40 दिनों तक चुप रहने के बाद उन्होंने कोर्ट से कहा, "जो हुआ उनके लिए मैं माफ़ी मांगती हूं."
"मुझे अफ़सोस है कि मैं स्टटफोर्ट में उस दौरान थी - मैं बस यही कर सकती हूं." (bbc.com/hindi)