ग़ज़ा में इसराइल के सैन्य अभियान तेज़ करने के फै़सले पर इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने अपना पक्ष रखा है.
नेतन्याहू ने मीडिया से कहा, "मैं यहां झूठ की धज्जियां उड़ाने और सच को सामने रखने आया हूं. ग़ज़ा में अब भी हमास के हज़ारों हथियारबंद आतंकी मौजूद हैं, जिनका मक़सद इसराइल को तबाह करना है."
उन्होंने कहा, "ग़ज़ा के लोग हमास से छुटकारा पाने के लिए हमसे और दुनिया से गुहार लगा रहे हैं. हमास लोगों को मारने वाला संगठन है."
नेतन्याहू ने कहा है, "इसराइल का उद्देश्य ग़ज़ा पर कब्ज़ा करना नहीं बल्कि उसे आज़ाद करना है. यह जंग तभी ख़त्म होगी जब हमास बंधकों को रिहा करेगा और हथियार डालेगा."
रविवार को नेतन्याहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कहीं.
उनका ये बयान ऐसे वक्त सामने आया है जब गज़ा में सैन्य अभियान तेज़ करने के फ़ैसले की घोषणा के बाद से इसराइल में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. विपक्षी नेता यायर लैपिड ने भी इस योजना का विरोध किया है.
इसराइली बंधकों और हमास-इसराइल संघर्ष में मारे गए लोगों के परिजनों का कहना है कि ग़ज़ा में प्रस्तावित हमलों से बंधकों और सैनिकों की जान को ख़तरा होगा.
उनके इस फै़सले की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से इसकी आलोचना की जा रही है.
रविवार को इसराइली पीएम ने एक बार फिर कहा कि ग़ज़ा का विसैन्यीकरण किया जाएगा, जिसे लेकर उन्होंने एक रूपरेखा पेश की है. इसमें पांच बातें कही गई हैं-
हमास का निरस्त्रीकरण
सभी बंधकों की रिहाई
ग़ज़ा का विसैन्यीकरण (सेना को हटाना)
ग़ज़ा पट्टी की 'सुरक्षा' पर इसराइल का नियंत्रण
ग़ज़ा में एक अलग 'नागरिक प्रशासन' की स्थापना, जिसमें हमास और फ़लस्तीनी अथॉरिटी के लोग न हों.
बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इसराइल के पास 'काम पूरा करने' और हमास को 'हराने' के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.
इसराइली पीएम ने कहा, "ग़ज़ा का 70-75 प्रतिशत हिस्सा इसराइली सेना के नियंत्रण में है लेकिन अब भी ग़ज़ा में हमास के दो गढ़ बचे हैं. उनमें से एक ग़ज़ा शहर है और दूसरा सेंट्रल कैंप्स हैं.
नेतन्याहू ने कहा, "इसराइल आम लोगों को जंग वाले क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकालेगा और उन्हें तय किए गए सुरक्षित स्थानों पर ले जाएगा. उन्हें पहले की तरह खाना, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी." (bbc.com/hindi)