राजपथ - जनपथ

छत्तिसगढिय़ा सबले बढिय़ा
आरपी मंडल के सीएस बनने के बाद कार्य संस्कृति कुछ हद तक बदली है। मंडल की पहली कलेक्टर-कॉफ्रेंस में उनके साथ डीजीपी डीएम अवस्थी और पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी भी थे। उन्होंने संकेत दे दिए थे कि वे बाकी दोनों विभागों के मुखियाओं को साथ लेकर चलेंगे। नए साल के मौके पर भी तीनों अफसर सीएम को बधाई देने एक साथ सीएम हाउस पहुंचे थे। तीनों के बीच बेहतर तालमेल की झलक आदिवासी नृत्य महोत्सव में देखने को मिली।
सालों बाद पहला कार्यक्रम हुआ है जिसमें किसी तरह का कोई नुक्स नहीं निकला। मंडल और उनकी टीम की हौसला अफजाई का नतीजा यह रहा कि नीचे के अफसर-कर्मियों ने आदिवासी महोत्सव को सफल बनाने के लिए दिनरात एक कर दिए। संस्कृति सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी का हाल यह रहा कि वे सुबह 5 बजे साइंस कॉलेज मैदान पहुंच जाते थे और रात 11 बजे घर लौटते थे। कई बार तो कार्यक्रम स्थल के कंट्रोल रूम में ही जाकर कपड़े बदलते थे।
आम लोगों के साथ-साथ देश दुनिया से आए कलाकारों ने भी आयोजन के इंतजामों की जमकर तारीफ की। महोत्सव में दल के साथ आए जम्मू-कश्मीर के सलाहकार बोर्ड के अलताफ हुसैन ने तो कहा कि इतना बेहतरीन प्रबंधन और आयोजन पहले कभी नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस प्रशासन को सलाम करते हैं। जम्मू कश्मीर के आदिवासी कलाकार जाते-जाते जय जोहार बोलकर प्रस्थान किए। इस अखबार ने छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ कश्मीरी सुंदरियों के सेल्फी खींचने के नजारे छापे ही थे, और उससे देश भर में कई जगहों पर पुलिस की जो खराब छवि बन रही है, यहां का हाल उसका ठीक उल्टा रहा। हजारों खूबसूरत और प्रतिभाशाली महिला कलाकार आकर लौट गईं, और कोई अप्रिय चर्चा नहीं हुई। इस एक कार्यक्रम को लेकर प्रदेश के लोग बोल सकते हैं, छत्तिसगढिय़ा सबले बढिय़ा।
निर्दलियों की लॉटरी
मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव से किसी को फायदा हुआ हो, या नहीं लेकिन निर्दलीय पार्षदों की लाटरी निकल गई है। जहां बहुमत नहीं है वहां निर्दलियों की पूछपरख काफी हो रही है। उन्हें अपने पाले में करने के लिए दोनों के लोग हर संभव कोशिश कर रहे हैं। रायपुर में तो कांग्रेसियों के बीच यह चर्चा चल रही है कि जो निर्दलियों को अपने पक्ष में करेगा, उसे ही मेयर बनाया जाएगा। इसमें सच्चाई भले ना हो, लेकिन मेयर के दावेदार जिस तरह निर्दलियों को अपने पाले में करने के लिए संसाधन झोंक रहे हैं, उससे तो यही लग रहा है। एक खबर यह भी उड़ी है कि मेयर के एक दावेदार ने तो न सिर्फ ज्यादातर निर्दलियों बल्कि भाजपा के तीन पार्षदों को भी अपने लिए क्रास वोटिंग करने के लिए तैयार कर लिया है। इसके एवज में पार्षदों को उपकृत भी किया गया है। सुनते हैं कि पार्षदों ने उन्हें मना इसलिए नहीं किया कि कांग्रेस ने अभी तक अपने मेयर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। जरूरी नहीं है कि जिन्होंने उनके लिए कुछ किया है, उसे ही प्रत्याशी बनाया जाए। फिर भी भाजपा के लोग इस खबर से परेशान दिख रहे हैं। (rajpathjanpath@gmail.com)