राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बेजान होती जीवनदायिनी
05-May-2025 7:27 PM
राजपथ-जनपथ : बेजान होती जीवनदायिनी

बेजान होती जीवनदायिनी

यह ड्रोन से ली गई तस्वीर बस्तर अंचल की जीवनरेखा कही जाने वाली इंद्रावती नदी की है। दूर तक फैली इस तस्वीर में कहीं पानी की एक पतली धार तक नहीं दिखाई देती। बस रेत, सूखे तट और हाशिए पर सिमटी हरियाली।

इंद्रावती इस अंचल के खेतों, गांवों और जंगलों को सींचती है। मगर अब तस्वीर में साफ दिख रहा है कि वह अपनी पहचान ही खो रही है। नदी के दोनों ओर फैले खेत आज भी हरे हैं, मगर यह हरियाली नदी की कृपा नहीं, बल्कि बोरवेल और अनियमित जल स्रोतों पर निर्भरता का परिणाम है।

यह संकट सिर्फ पर्यावरण का नहीं, बल्कि नीति और राजनीति का भी है। इंद्रावती के सूखने का मुद्दा अब सियासी आरोप-प्रत्यारोप का मैदान बन चुका है। छत्तीसगढ़ की अनेक नदियों का यही हाल है। 

कांग्रेस में बदलाव का इंतज़ार

अहमदाबाद अधिवेशन के बाद से प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की चर्चा है। अंदर की खबर यह है कि बदलाव की शुरुआत एआईसीसी से होगी। जिसे फिलहाल पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए रोक दिया गया है।

चर्चा है कि बदलाव से छत्तीसगढ़ अछूता नहीं रहेगा। इस बात की प्रबल संभावना है कि प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से पहले प्रभारी सचिन पायलट को बदला जा सकता है। पायलट खुद भी छत्तीसगढ़ में काम करने के इच्छुक नहीं हैं, और वो पूरा ध्यान राजस्थान में लगाना चाहते हैं। पार्टी भी इससे सहमत है।
दूसरी तरफ, प्रभारी सचिव द्वय जारिता लैतफलांग, और के सुरेश कुमार यथावत यहां काम करते रहेंगे। वैसे भी उनकी नियुक्ति को सालभर नहीं हुए हैं। अब शीर्ष स्तर पर बदलाव होना बाकी है इसलिए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का मामला अटका पड़ा है। देखना है कि पार्टी इस पर कब फैसला लेती है।

महंत की चिट्ठी के बाद हरकत

तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की राज्यपाल को लिखी चि_ी के बाद सरकार हरकत में आई है। सरकार ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि घोटाला मामले पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है।

दरअसल, तेंदूपत्ता बोनस घोटाला भूपेश सरकार के समय का है। इस प्रकरण पर ईओडब्ल्यू-एसीबी ने कार्रवाई कर डीएफओ अशोक पटेल को गिरफ्तार किया है। घोटाले में संलिप्त आधा दर्जन और गिरफ्तारियां हुई है। जांच एजेंसी ने पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के यहां भी छापेमारी की थी। यह चर्चा रही कि घोटाले का पैसा कुंजाम तक पहुंचा है। मगर जिस तरह कुंजाम के पक्ष में पूरे विपक्ष ने एकजुटता दिखाई, उसके बाद जांच एजेंसी ठिठक गई, ऐसी चर्चा है। ये अलग बात है कि कुंजाम ने घोटाले की सबसे पहले शिकायत की थी।

ईओडब्ल्यू-एसीबी भारत माला और स्वास्थ्य घोटाले की भी जांच कर रही है। कई गिरफ्तारियां भी हुई है, लेकिन बड़े अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यही वजह है कि अपने कार्यकाल के घोटाले पर भी कांग्रेस हमलावर है, और सत्ता पक्ष को सफाई देनी पड़ रही है। हालांकि सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। देखना है आगे क्या होता है।

जनहित की आड़ में उद्योगहित

रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत हो रहे एक सडक़ चौड़ीकरण कार्य ने विकास बनाम जनहित की बहस को सतह पर ला दिया है। ग्राम पंचायत गोढ़ी से कसडोल तक की यह सडक़ ग्रामीणों के आवागमन और कृषि कार्यों के लिए बनी थी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ का उद्देश्य भी यही है। मगर ग्रामीणों का आरोप है कि इसका चौड़ीकरण जिंदल के सोलर प्लांट उद्योग को देने के लिए इसे जबरन किया जा रहा है, जिसमें किसानों की उपजाऊ भूमि प्रभावित हो रही है। यहां भारी गाडिय़ां दौड़ेंगी, जिसके लिए प्रधानमंत्री सडक़ नहीं बनी है।

ग्रामीणों ने जब अपनी बात एसडीएम से रखी, तो बजाय समाधान निकालने के, उन्हें एफआईआर की धमकी दे दी गई।   दूसरी ओर, पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता खुद यह मानते हैं कि इस सडक़ पर भारी वाहनों का चलना प्रतिबंधित है। भारी गाडिय़ां चली तो कार्रवाई करेंगे। मगर, ईई की अपनी सीमाएं हैं। कार्रवाई के लिए उन्हें कलेक्टर या एसपी के ही अधीन किसी विभाग को लिखना पड़ेगा। वहां पर एसडीएम की बात सुनी जाएगी, या इंजीनियर की- कुछ नहीं कह सकते। (rajpathjanpath@gmail.com)

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