राजनांदगांव

डोंगरगढ़ में नए मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति से खफा कार्यकर्ता
30-Dec-2024 4:32 PM
डोंगरगढ़ में नए मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति से खफा कार्यकर्ता

 इस्तीफा देने पर विचार 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 दिसंबर।
डोंगरगढ़ भाजपा मंडल के नए अध्यक्ष जसमीत सिंह बन्नोआना की नियुक्ति को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी थम नहीं रही है। डोंगरगढ़ के ज्यादातर युवा नेता बन्नोआना की नियुक्ति को परिवारवाद के दबाव का नतीजा मान रहे हैं। वहीं अध्यक्ष की दौड़ में शामिल रहे कुछ नेताओं ने राष्ट्रीय  और प्रदेश नेतृत्व से भी शिकायत कर नियुक्ति को सिरे से खारिज करने की मांग की है। 

बताया जा रहा है कि बन्नोआना की उम्र महज 35 है। ऐसे में कुछ दावेदार उनके अधीन काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं। यह भी चर्चा है कि जसमीत को उनके ताऊ सुरेन्दर सिंह बन्नोआना के राजनीतिक प्रभाव का भी सीधा फायदा मिल गया। सुरेन्दर सिंह बन्नोआना जिला भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।  वहीं मंडल अध्यक्ष जसमीत बन्नोआना को उनके राजनीतिक संपर्कों से सीधा लाभ पहुंचाया गया है।  

भाजपा के भीतर इस नियुक्ति को लेकर कार्यकर्ताओं में इस कदर नाराजगी है कि सभी ने कुछ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देने का भी मन बना लिया है। हालांकि इस्तीफा देने से पहले विरोध कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शीर्ष नेतृत्व को विश्वास में लेने के लिए पूरा जोर लगाया है। 

बताया जा रहा है कि जसमीत सिंह को अध्यक्ष बनाने से डोंगरगढ़ में दो फाड़ की नौबत खड़ी हो गई है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व विधायकद्वय रामजी भारती और विनोद खांडेकर ने गोलबंदी कर दूसरे दावेदारों का पत्ता साफ कर दिया। जसमीत के बड़े पिताजी सुरेन्दर खांडेकर के काफी करीबी माने जाते हैं। वहीं रामजी और विनोद खांडेकर भी इन दिनों राजनीतिक रूप से नजदीकी संबंध में बने हुए हैं। यही कारण है कि जसमीत को सीधा फायदा हो गया। 

बताया जा रहा है कि नाम का ऐलान करने पहुंचे प्रभारी राजेन्द्र गोलछा के समक्ष जसमीत का खुलेतौर पर विरोध हुआ, लेकिन उन्होंने भी दावेदारों की एक नहीं सुनी। आखिरकार जसमीत मंडल अध्यक्ष बना दिए गए। नाम की घोषणा के बाद लगातार पार्टी में विरोध स्वरूप बातें सुनाई दे रही है। डोंगरगढ़ की राजनीति हमेशा चर्चा में रही है। 


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