राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 सितंबर। वार्डों में अटके विकास कार्य और लंबित भुगतान को लेकर बुधवार को कांग्रेस पार्षदगण भटके नजर आए। बुधवार को कांग्रेस पार्षदों ने नगर निगम आयुक्त के साथ बैठक की। कांग्रेस पार्षदों ने आयुक्त कार्यालय में तालाबंदी की चेतावनी दी थी। इसी तैयारी के साथ कांग्रेसी पार्षद पहुंचे, लेकिन महापौर के हस्तक्षेप और समझाईश के बाद मामला बैठक में बदल गया।
बैठक में महापौर हेमा देशमुख और कांग्रेस पार्षदों ने लंबित भुगतान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बीते वित्तीय वर्ष में सफाई ठेका चलाने वाले समूहों को 8 माह से भुगतान नहीं हुआ है। इसी बीच कुछ समूहों को गुपचुप ढंग से भुगतान कर दिया गया। कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि चेहरा देखकर राशि का भुगतान किया जा रहा है। कांग्रेस पार्षदों की निधि से स्वीकृत कार्यों का टेंडर के बाद भी वर्कआर्डर जारी नहीं किया जा रहा है। इससे कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में विकास कार्य ठप पड़ गए हैं।
पार्षदों ने आरोप लगाते कहा कि कांग्रेस पार्षद जिन फाईलों को भेज रहे हैं, उन्हें बेवजह अटकाया जा रहा है। निगम में कांग्रेस पार्षदों की बातें नहीं सुनी जा रही है। महापौर सहित कांग्रेस पार्षदों ने सभी लंबित भुगतान जल्द से जल्द कराने और अटके कामों को शुरू कराने की मांग की। साथ ही कहा कि उन्हें बीते 11 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। सफाई ठेका चलाने वाली महिला समूह परेशान है। निगम के अफसर इसे लेकर कोई पहल नहीं कर रहे हैं। केवल चुनिंदा लोगों को सत्ता सरकार के दबाव में राशि का भुगतान किया जा रहा है।
महापौर और कांग्रेसी पार्षदों के आरोप सुनने के बाद आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने अपना पक्ष रखते कहा कि फिलहाल निगम में फंड की कमी है। इसके चलते कई तरह के भुगतान अटके हुए हैं। शासन से राशि की स्वीकृति मिलनी है। इसके बाद सफाई ठेकेदारों और पार्षदों के मानदेय का भुगतान होगा।