राजनांदगांव

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से वात-व्याधियों का इलाज
01-Sep-2024 3:10 PM
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से वात-व्याधियों का इलाज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 सितंबर।
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के माध्यम से जिले में विभिन्न प्रकार की वात-व्याधियों का ईलाज किया जा रहा है। शासन के आयुष मिशन के तहत ऑस्टियोआर्थराइटिस एवं मास्कुलर डिसऑर्डर के पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में आयुष पॉली क्लीनिक आयुष विभाग में जनसामान्य का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत वात-व्याधियों, वात रक्त, स्पॉडिलाईटिस, ऐडी में दर्द के लिए जनसामान्य में जागरूकता, रोकथाम एवं उपचार के लिए कार्य किया जा रहा है। 
असम्यक जीवन शैली एवं कार्यशैली के कारण यह व्याधि होती है। इसके लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ईलाज करने से तथा जीवन शैली एवं कार्य शैली में आवश्यक बदलाव किया जाए, तो इस व्याधि के आगे बढऩे, शल्य क्रिया एवं दिव्यांगता से हाफी हद तक बचाव किया जा सकता है। जिला आयुष अधिकारी डॉ. शिल्पा पाण्डेय के मार्गदर्शन में अर्थराईटिस की रोकथाम के लिए अच्छा कार्य किया जा रहा है। 

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी आयुष पाली क्लीनिक डॉ. प्रज्ञा सक्सेना ने बताया कि यहां मरीजों का ईलाज अश्वगंधा, लक्षादि गुग्गलु, दशमूल काढ़ा, नारायण तेल एवं अन्य दवाईयां दी जा रही है। दीनदयाल नगर चिखली निवासी रविराम सेन ने बताया कि उनके घुटने में दर्द था और पिछले कुछ दिनों से यहां ईलाज करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले घुटने में दर्द के कारण बैठने में तकलीफ हो रही थी। दवाई और काढ़ा से आराम मिला है। 
िचखली निवासी गायत्री यादव ने बताया कि उन्हें दो साल से कमर से लेकर पैर तक दर्द होता था और वह पिछले चार माह से यहां ईलाज करा रही हैं। अब उन्हें लगभग 90 प्रतिशत आराम मिला है।
 दवाई और मसाज से ज्यादा अच्छा फायदा मिला है। पहले घरेलू कार्य करने में उनको समस्या हो रही थी। उन्होंने बताया कि ईलाज के बाद अब राहत मिली है। 
 


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