राजनांदगांव

55 माह के कार्यकाल में नांदगांव विस में विकास शून्य - फडऩवीस
24-May-2023 4:17 PM
55 माह के कार्यकाल में नांदगांव विस में विकास शून्य - फडऩवीस

 पूर्व सीएम रमन अपने विधानसभा में टार्च लेकर ढूंढ रहे विकास

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 24 मई। राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में विगत 55 माह से क्षेत्र में निष्क्रिय रहे। चुनाव आते ही टार्च लेकर अपने ही क्षेत्र में विकास ढूंढ रहे हैं, जहां उनके निष्क्रियता के कारण गांव एवं ग्राम पंचायत में उनके द्वारा जनता के हित के कार्य दिखाई ही नहीं दे रहा है।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक फडऩवीस ने कहा कि पूर्व सीएम की निष्क्रियता से राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के लोग काफी नाराज हैं, क्योंकि क्षेत्र की जनता ने बड़े विश्वास के साथ 2018 के चुनाव में विजयश्री का ताज पहनाया, किन्तु जनता के विश्वास पर अब तक खरे नही उतर पाये हैं। वर्तमान कार्यकाल में शहर एवं ग्रामीण की समस्याओं को लेकर कभी शासन प्रशासन एवं विधानसभा में किसी प्रकार के प्रश्न नही उठाये गये आज हल्दी से सुरगी ग्राम की सडड़ जर्जर अवस्था में है। लोगों को आवागमन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है उसी तरह से उनका ड्रीम प्रोजेक्ट बुढ़ासागर का सौंदर्यीकरण जहां शहर की जनता की आत्मा से सीधा सम्पर्क है।

इस तालाब का सौंदर्यीकरण का सपना अहमदाबाद के कांकरिया तालाब की तर्ज से बनवाने का वादा किया गया था। इस पर आज पर्यन्त तक मौनी बाबा बनने के कारण उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल में भी गुणवत्ताहीन एवं कई योजना भ्रष्टाचार के आरोप लगे, उस समय भी मौन रहकर जनता के पैसों का दुरूपयोग होते देखते रह गए।

इसी तरह 230 करोड़ की अमृत मिशन योजना के तहत नगर निगम क्षेत्र में उनके कार्यकाल में प्रारंभ किया गया था। इस मिशन के कारण शहर की जनता को पानी पिलाने में असफल योजना को उनकी अनदेखी करना समझ से परे है। एक जनप्रतिनिधि की जवाबदेही क्या होनी चाहिए, जिसे जतना सब समझ रही है, मेरा कहना है क्योंकि उक्त योजना उनके कार्यकाल से प्रारंभ की गई थी। जिसमें लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूूर्ण हो चुके थे, उन्हें जनता की तकलीफ  से कोई लेना देना नहीं है। कभी कभार अपने विधानसभा क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं के मध्य कराने आते है व उपस्थिति दर्ज कर प्रोटोकॉल के तहत वापस अपने निज निवास रायपुर के लिए प्रस्थान हो जाते हैं।

श्री फडऩवीस ने कहा कि अब क्षेत्र की जनता को वीआईपी कल्चर का जन प्रतिनिधि की आवश्यकता नहीं है। जिससे की आम जनता अपने दुख-सुख एवं अन्य कामों के लिए भुगतना पड़े।


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