राजनांदगांव

हरडुवा की महिला समूह को बनाया कर्जदार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 मई। अनुसूचित जाति प्राधिकरण के जरिये महिला समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत करने दिए गए अनुदान में गड़बड़ी होने का मामला सामने आया है। डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के हरडुवा की महिला समूह अनुदान के चलते कर्जदार बन गई है। प्रदेश के अनुसूचित जाति प्राधिकरण के अध्यक्ष भुनेश्वर बघेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र में महिला समूह को आर्थिक सहायता देने के लिए अनुदान दिया था। इस अनुदान का अफसरों ने जमकर दुरूपयोग किया। अब राजनांदगांव जनपद पंचायत के अधीन हरडुवा में महिला समूह के नाम पर अफसरों ने 4 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा किया। समूह को भनक उस वक्त लगी, जब जनपद पंचायत की ओर से वसूली की नोटिस जारी की गई।
बताया जा रहा है कि विधायक भुनेश्वर बघेल ने प्राधिकरण की ओर से महिला समूह को 50 लाख रुपए का अनुदान दिया था। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और प्रशिक्षण के नाम पर जारी किए गए अनुदान में अफसरों ने जमकर खेल किया है। उक्त राशि को आदिम जाति कल्याण विभाग ने दिया था। विभाग ने इस राशि को खर्च करने के लिए जनपद पंचायत को अधिकृत एजेंसी नियुक्त किया था। बताया जा रहा है कि नियमों की अनदेखी कर सीधे महिला समूहों के खाते में राशि भेज दी गई। जबकि कौशल विकास संस्थान के जरिये रकम का आबंटन होना था। अफसरों ने राशि को तत्काल समूहों के खाते में भेजकर अपने परिचित सप्लायर को भेजा। सप्लायर द्वारा न तो प्रशिक्षण दिया गया और न ही सामान। अफसरों की मनमानी से बेखबर महिला समूह को अचानक नोटिस् जारी किया गया है। जिसमें गणेश महिला समूह हरडुवा को जनपद पंचायत ने राशि को वापस करने नोटिस जारी किया है। इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक भुनेश्वर बघेल ने च्छत्तीसगढ़’ से कहा कि उक्त मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। जिसमें पूर्व विधायक रामजी भारती आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। इससे यह साफ होता है कि भारती महिला विरोधी हैं। प्राधिकरण की ओर से दिए गए प्राधिकरण में यदि कोई गड़बड़ी है तो उसकी जांच की जाएगी। जांच पश्चात दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी।
बताया जा रहा है कि पूरे मामले के चलते क्षेत्रीय कांग्रेसी नेताओं पर ऊंगलियां उठ रही है। महिला समूह के नाम पर हुई भर्राशाही के खिलाफ भाजपा आक्रामक रूख में है।
घोटाले की राशि कांग्रेस नेता और अफसरों के जेब में गई-रामजी
डोंगरगढ़ के पूर्व विधायक रामजी भारती इस मामले को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि निष्पक्ष जांच से कांग्रेस नेता और अफसरों की पोल खुल जाएगी। अनुदान में की गई हेराफेरी की राशि का जमकर बंदरबांट हुआ है। प्रशासन ने जांच के आदेश नहीं दिए हैं। समूहों को कर्जदार बनाए जाने का खेल किया गया है। इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा।