राजनांदगांव

24 घंटे के भीतर वारदात की गुत्थी सुलझी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 मई। मोहला-मानपुर जिले के औंधी इलाके में एक पूर्व सहायक आरक्षक की हत्या की गुत्थी सुलझाते पुलिस ने ग्राम पटेल समेत आधा दर्जन ग्रामीणों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। मृतक के नशे में रोज ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी देने से परेशान होकर सामूहिक रूप से हत्या करना सामने आई है। 24 घंटे के भीतर पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचकर आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया। नक्सली क्षेत्र में हुए इस वारदात को लेकर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को घटना के बाद सरगर्मी से ढूंढ लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व सहायक आरक्षक बिरजू दुग्गा की लाश घोटियाकन्हार के नाला में मिली थी। पुलिस ने शव की शिनाख्ती करने के बाद परिस्थिति जन्य आधार पर कत्ल का मामला दर्ज किया। पुलिस मृतक के बच्चों के बयान के आधार पर पूछताछ के लिए ग्राम पटेल रामसाय दुग्गा, केयराम दुग्गा, दशरथ दुग्गा, मानिकराम दुग्गा, अनिल दुग्गा, मनेश दुग्गा और बिरसूराम दुग्गा को बुलाया। पुलिस को बच्चों ने बताया था कि 8 मई की रात को खाना खाने के बाद आरोपीगण नक्सलियों द्वारा मृतक को बुलाने के लिए पहुंचे। इस दौरान आरोपियों ने मृतक के मुंह में रूमाल ठूंस दिया और दोनों हाथ को पीछे से रस्सी से बांध दिया। गले में भी रस्सी फंसाकर मृतक को सभी खींचते ले गए। आरोपियों ने घर में मौजूद सभी को बंद कर बाहर से सांकल लगा दिया। वापस लौटकर सभी ने नक्सलियों द्वारा पिता को मारने की जानकारी बच्चों को दी।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त फावड़ा, सब्बल और अन्य सामान को जब्त कर लिया है। आरोपियों ने मारने के बाद शव को रेत में दफन कर दिया। वारदात के लगभग 10 दिन के बाद रेत में दबा शव बाहर आ गया। इसके बाद पुलिस तक बात पहुंची। इस संबंध में मानपुर एसडीओपी मयंक तिवारी ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मृतक द्वारा सभी को धमकाया जाता था। यही हत्या की असल वजह है।