राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ से बातचीत में कवर्धा-नांदगांव में सख्त पुलिसिंग पर भी ध्यान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 अगस्त। राजनांदगांव रेंज के डीआईजी रामगोपाल गर्ग का नक्सलग्रस्त अंतरराज्यीय सीमा पर कड़ी निगरानी और माओवाद की मौजूदा हालत का अध्ययन कर उसके निपटारे पर विशेष जोर रहेगा। बतौर डीआईजी पहली बार मैदानी जिम्मेदारी संभाल रहे गर्ग अपराधों के खात्मे के लिए वैज्ञानिक पद्धति को भी आधार बनाने के पक्षधर है।
राजनांदगांव- कवर्धा जिले की सीमा से सटे महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश के अफसरों के साथ वह तालमेल बनाकर नक्सल समस्या का निराकरण करने के हिमायती हैं। 2007 बैच के आईपीएस गर्ग ने राजनांदगांव जिले में प्रशिक्षु अफसर के तौर पर कैरियर की शुरूआत की थी।
बतौर डीआईजी पदभार ग्रहण करने के बाद ‘छत्तीसगढ़ ’ से संक्षिप्त चर्चा में गर्ग ने कहा कि नक्सल समस्या को लेकर उनका प्रयास रहेगा कि अंदरूनी इलाकों में शांति बनी रहे। उन्होंने कहा कि सरहदी जिलों के अफसरों के साथ परस्पर समन्वय बनाकर नक्सल गतिविधि को काबू में रखने की पुरजोर कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के आला अफसरों के निर्देश के तहत कार्य संपन्न करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
श्री गर्ग ने साइबर अपराधों के निदान के लिए वैज्ञानिक पद्धति को आधार बनाकर पीडि़तों को न्याय दिलाने को लेकर संकल्प जताया है। श्री गर्ग ने कहा कि राजनांदगांव रेंज की भौगोलिक बनावट को दृष्टिगत रखकर कार्य किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता के प्रति पुलिस की जवाबदेही और पुख्ता होगी, ताकि पुलिस और जनसमुदाय के मध्य रिश्ते मधुर रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस का पूरा कार्य जनता के सरोकार से जुड़ा हुआ है। श्री गर्ग ने कहा कि जल्द ही वह दोनों जिले का आधिकारिक दौराकर पुलिसिंग को सख्त बनाने का प्रयास करेंगे।