राजनांदगांव

कर्मचारियों का काटा वेतन और मंत्री-विधायकों का बढ़ाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 जुलाई। प्रदेश में कार्यरत राज्य शासन के कर्मचारियों की स्थिति कांग्रेस शासन में दयनीय हो गई है। जिसकी वहज से प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी अपने आपको प्रताडि़त एवं ठगा महसूस कर रहे हैं। उक्ताशय के विचार जिला भाजपा अध्यक्ष मधुसूदन यादव ने प्रकट करते कहा कि प्रदेश में आंदोलनरत शासकीय सेवकों के 5 दिन का वेतन कटौती का आदेश जारी कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शासकीय सेवकों के जख्मों पर नमक छिडक़ने का कार्य किया है।
जिलाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के इतिहास में शासन-प्रशासन की तानाशाही चरम पर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सत्ता के मद में चूर होकर यह भी भूल गए हैं कि राज्य के शासकीय सेवक अपने 12 प्रतिशत लंबित डीए और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने की स्वाभाविक मांग के लिए शांतिपूर्ण रूप से हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपने हक के लिए आवाज बुलंद कर रहे है। राज्य के कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा उठाया गया यह कदम बड़ी विवशता एवं लंबी प्रतीक्षा के बाद उठाया गया कदम था। जिसके लिए भी प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस शासन की तानाशाही एवं दमनकारी नीति ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।
जिलाध्यक्ष यादव ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों का हक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तानाशाही एवं असंवेदनशीलता के कारण उन्हें नहीं मिल पा रहा है और उन्हें आंदोलन करने विवश होना पड़ा है जो हमारें कर्मचारी-अधिकारी बंधुओं के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं पीड़ादायी स्थिति है। एक ओर आंदोलनरत् कर्मचारियों को शासन पर पडऩे वाले वित्तीय भार एवं पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने में होने वाली परेशानी का बहाना बनाकर उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर राज्य शासन के मंत्रियों और विधायकों तथा जनप्रतिनिधियों के वेतन में अविश्वसीय वृद्धि कर मानो शासकीय सेवकों से बदला लिया जा रहा है। राज्य शासन के सत्ता के नशे में चूर दमनकारी नीतियों के विरोध में मुझे कर्मचारी संगठनों के खेमों से उठने वाली यह आवाज ‘कका बांटे रेवड़ी, फिरी-फिरी अपने को दे’ चरितार्थ होते दिखाई देता है। ‘हमसे जो टकरायेगा - पांच साल पछताएगा’ इस नारे के साथ प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी बंधुगण आगामी चुनाव में कांग्रेस शासन से अपने खिलाफ किए गए अन्याय का गिन-गिन कर बदला लेंगे।