राजनांदगांव

खाद की किल्लत दूर करने की मांग
31-May-2022 1:36 PM
खाद की किल्लत दूर करने की मांग

किसानों ने जिला कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन, सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 मई।
सहकारी समितियों में डीएपी सहित उर्वरक की कमी तथा सहकारी समितियों में मिलने वाली घटिया खाद को लेकर किसानों ने सोमवार को राज्य सरकार के प्रति प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसान हित में निर्णय लेते सोसायटियों में खाद की किल्लत को शीघ्र दूर करने की मांग की।

जिला कार्यालय के सामने फ्लाई ओवर के नीचे सोमवार को जिला किसान संघ के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन कर कहा कि मानसून करीब है और जिलेभर में डीएपी सहित अन्य उर्वरकों का भारी संकट है। यदि समय पर किसानों को उर्वरक नहीं मिला तो इसका असर खेती-किसानी पर पडऩे की आशंका है। किसान संघ ने कहा कि समितियों में किसानों को खाद लेना  अनिवार्य कर दिया है, जो उन पर आर्थिक बोझ है। अधिकांश किसानों के पास स्वयं का गोबर खाद उपलब्ध है। ऐसे में उन्हें सहकारी समितियों से खाद खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। किसानों ने आरोप  लगाया कि सहकारी समितियों के माध्यम से दी जा रही कम्पोस्ट खाद गुणवत्ताहीन और कूडा-करकट के समान है, जिसे खेत में डालने पर कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गर्मी का धान पिछले 10 सालों से एक हजार से 12 सौ रुपए प्रति क्विंटल औसत में बिक रहा है। जबकि खेती-किसानी की लागत में दोगुनी से भी ज्यादा वृद्धि हो गई है। किसान संघ ने डीएपीसहित सभी उर्वरकों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने, सहकारी समितियों में कम्पोस्ट खरीदने की अनिवार्यता खत्म करने, गुणवत्ताहीन कम्पोस्ट खाद के वितरण पर कड़ाई से रोक लगाने तथा गर्मी में धान बेचने वाले किसानों को उचित मूल्य दिलाने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान जिला किसान संघ के प्रमुख सुदेश टीकम, राजेश सोनकर, विजय सोनकर, श्याम रतन, लखनलाल, हरीशचंद्र साहू, कैलाश कुमार, मंगलराम देवांगन, बैसाखू राम भारती समेत अन्य शामिल थे।


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