राजनांदगांव

पखवाड़ेभर में जमानतदार ने कदम वापस खीचें
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 फरवरी। खुज्जी विधायक छन्नी साहू के पति चंदू साहू के जमानतदार ने अदालत में जमानत वापसी की अर्जी देकर अपने कदम वापस खींच लिया है। पखवाड़ेभर पहले 3 फरवरी को अनुसूचित जनजाति के एक युवक के साथ मारपीट के आरोप में जेल से जमानत में रिहा हुए थे।
विधायक पति चंदू साहू की आदिवासी किसान तुलस राम उईके के ऋण पुस्तिका के आधार पर 25 हजार रूपए न्यायालय ने जमानत दी थी। जमानत लेने के करीब 15 दिन बाद 18 फरवरी को जमानतदार उईके ने अदालत में जमानत वापसी का आवेदन देकर विधायक पति के लिए परेशानी खड़ी कर दी।
मिली जानकारी के अनुसार आदिवासी युवक को पिटने के मामले जमानत लेने के बाद से जमानतदार को समाज के नाराजगी का सामना करना पड़ रहा था। समाज के लोगों ने जमानतदार के इस कदम का समाजविरोधी माना था। वैसे जमानतदार के निर्णय को राजनीतिक वजहों से भी जोडक़र देखा जा रहा है। कांग्रेस का एक धड़ा विधायक छन्नी साहू के खिलाफ इस मामले को तूल दे रहा है। विधायक पति चंदू साहू ने एक अवैध रेत से भरे वाहन को रोका था। उस वाहन के चालक के साथ कथित रूप से चंदू साहू द्वारा हाथापाई व जातिसूचक गाली देने के आरोप में मामला पुलिस तक पहुंच गया। चालक के आदिवासी होने की वजह से चंदू साहू के विरूद्ध अनुसूचित जनजाति एक्ट के तहत मुकदमा कायम हो गया। पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए चंदू साहू कई दिनों तक भूमिगत रहें, लेकिन आदिवासी समाज ने मामले को लेकर आवाज उठाई। आखिरकार विधायक छन्नी साहू खुद पति को लेकर पुलिस के सामने पहुंची। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल में बंद विधायक पति को जमानतदार के तौर पर तुलस उईके सामने आए। अब जमानत वापसी का आवेदन देकर चंदू साहू के लिए नई परेशानी खड़ी हो गई। इधर नए जमानतदार के लिए विधायक पति को अगले पेशी तक विधि के तहत मौका मिलेगा। इस बीच विधायक पति के नए जमानतदार के रूप में देवनारायण नेताम सामने आए है। नेताम ने जमानत की जिम्मेदारी लेने की अदालत में अर्जी भी दे दी है।
जमानतदार को सामाजिक बहिष्कार की धमकी- विधायक
विधायक छन्नी साहू ने पति के जमानतदार के जमानत वापसी के निर्णय को राजनीति षडय़ंत्र करार देते कहा कि आदिवासी समाज के भाजपा नेताओं द्वारा जमानतदार तुलस उईके को सामाजिक बहिष्कार की धमकी देते हुए जमानत वापस लेने के लिए बाध्य किया गया। विधायक श्रीमती साहू का आरोप है कि भाजपा नेता एमडी ठाकुर की ओर से जमानतदार को रोटी-बेटी और अन्य सामाजिक रिवाजों से बहिष्कृत करने की चेतावनी दी जा रही थी। लिहाजा उनके पति के जमानतदार ने यह फैसला लिया।