राजनांदगांव

राजनांदगांव, 18 फरवरी। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव में समाज कार्य एवं समाज शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्राचार्य के निर्देशन एवं डॉ. एके मंडावी के मार्गदर्शन में 16 फरवरी को अपराध शास्त्र विषय पर 30 दिवसीय मूल्य वर्धित कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
डॉ. एके मंडावी ने बताया कि अपराध आज समाज में बढ़ रहा है। इसका मूल कारण मानव की वीभत्स मानसिकता है। छात्रों को उनकी व्यवहारिक जीवन में इसकी उपयोगिता परिलक्षित होगी। अध्यक्षता करते प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर ने मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम का महत्व बताते अपराध शास्त्र विषय पर विद्यार्थियों को जानकारी रखना आवश्यक बताया तथा आपके विषय पर अपराध शास्त्र जोडऩे पर आपको अलग से जानकारी प्राप्त होगी।
विशिष्ट अतिथि शिशुपाल खोब्रागडे ने विद्यार्थियों को सामाजिक जीवन कानूनों का उल्लंघन फैलोशिप और कैरियर के विषय में अवगत कराया। मुख्य वक्ता आदित्य श्रीवास्तव ने अपराध शास्त्र पर व्याख्यान दिया एवं अपराध का अर्थ, अपराध की प्रकृति, अपराध हेतु दिए जाने वाले दंड, अपराध का इतिहास, अपराध के विरुद्ध मानव को मिलने वाले अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया एवं अपराध से संबंधित विषयों पर विद्यार्थियों की शंका दूर की गई।
भूगोल विभाग के प्राध्यापकसुभ्रेश जैनामणि ने अपराध शास्त्र के विषय में कहा कि ‘अपराध करना मूल्य को नीचे ले जाता हैद्व लेकिन उसके बारे में सुनना मूल्य सिखाता है’ संबंधित अपराध के बारे में व्याख्यान दिया गया। ललिता साहू ने अतिथियों का आभार प्रकट करते कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम में सुनिल मिश्रा एवं शोभित व विद्यार्थिगण उपस्थित थे।