रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 सितंबर। संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टर के कार्यालयों में रीजस्व अधीक्षकों के 10 से अधिक पद रिक्त हैं। इन पदों पर राजस्व विभाग के सहायक अधीक्षक पदोन्नत होते हैं। वर्तमान में प्रदेश के कमिश्नर एवं कलेक्टर कार्यालय में लगभग जिलो एवं संभाग मुख्यालयों में 10 से अधिक अधीक्षक के पद रिक्त हैं ।और प्रभारी अधीक्षक उसका कार्य संचालित कर रहे हैं।
इन अधीक्षकों के रिक्त पदों पर पदोन्नति हेतु सहायक अधीक्षक के रूप में न्यूनतम 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करना अनिवार्य अर्हता है। क्योंकि सेवा के अंतिम काल में ही पदोन्नति होकर सहायक अधीक्षक बनते हैं। इसलिए सहायक अधीक्षक 5 साल सेवा करने के पूर्व सेवानिवृत्ति अथवा दिवंगत हो जाते हैं। ?बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार में 5 वर्ष की न्यूनतम सेवा को घटाकर 3 वर्ष किया गया था। जिससे अनेक सहायक अधीक्षक अधीक्षक के पद पर पदोन्नति हो गए थे। वही व्यवस्था वर्तमान में लागू करते हुए न्यूनतम 5 वर्ष की अहर्तादायी सेवा को घटाकर 3 वर्ष की सेवा प्रभावी कर छूट प्रदान किया जाए। इसके पूर्व नायब तहसीलदारों को भी 5 वर्ष की सेवा को घटाकर 3 वर्ष की छूट एक बार के लिए दी गई थी। क्योंकि प्रदेश में अनेकों तहसीलदार के पद भी रिक्त थे।
कर्मचारी संघ के पूर्व प्रातांध्यक्ष विजय कुमार झा ने कहा है कि कुल मिलाकर प्रक्रियात्मक व्यवस्था में सुधार कर प्रदेश के कमिश्नर एवं कलेक्टर कार्यालय के अधीक्षक के पद पर राजस्व विभाग के कर्मचारियों को पदोन्नति दी जानी चाहिए। ताकि शासन के भू राजस्व कार्यों और अन्य नीति योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की गति बढ़े।