महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 12 मार्च। जिले में महाशिवरात्रि का पर्व कल गुरूवार को श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से शिवालयों में श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। लोग शिवलिंग में दूध व गंगाजल से अभिषेक करते रहे। पुरा नगरी सिरपुर के प्रसिद्ध गंधेश्वरनाथ महादेव, कनेकेरा के स्वयंभू कनेकेश्वर महादेव, बम्हनी के ब्रह्मनेश्वर महादेव, दलदली स्थित शिव मंदिर में मेला लगा रहा। श्रद्धालु सुबह से ही यहां पहुंचे हुए थे। शिवालयों में ओम नम: शिवाय का मंत्र दिनभर गुंजायमान होते रहा। महाशिवरात्रि पर श्रध्दालु सुबह से ही घर के आसपास स्थित मंदिर पहुंच कर भगवान भोलेनाथ का दर्शन पूजन करते रहे।
महाशिवरात्रि पर्व पर जगह-जगह सुबह से लेकर शाम तक भोले बाबा की आराधना हुई। कहीं रुद्राभिषेक और दुग्धाभिषेक में श्रद्धालु उमड़े रहे, तो कहीं पर महामृत्युंजय और शिव मानस पाठ का आयोजन किया गया। भक्तों ने शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित किए और दूध व जल से अभिषेक किया। महिलाओं ने दीपदान कर ओम नम: शिवाय का जाप किया। बिरकोनी चंडी मंदिर शिंवलिंग में श्रद्धालु सुबह स्नान कर पूजा.अर्चना में जुटे रहे। रामजानकी मंदिर में जयकारों के साथ शिंवलिंग जाप किया गया। छोटे तालाब स्थित शिंवलिंग में 10 बजे पूजा-अर्चना कर जल अभिषेक किया गया। बड़े तालाब महादेव मंदिर में बेल पत्ता, पूजा-अर्चना, जल अभिषेक कर दीप दान किया। ग्राम के कुल देवता, नंदी देव में अभिषेक के साथ श्रद्धालुओं ने नारियल फ ोड़ प्रसाद वितरण किया।
ग्राम पंचायत कसेकेरा अंतर्गत ख्याति प्राप्त प्राचीन शिव मंदिर महादेवा में महाशिवरात्रि क ा पर्व धूमधाम से मनी। आठवीं शताब्दी से भी पुरानी सूअरमालगढ़ के राजपरिवार के समय से इस मंदिर का विशेष महत्वपूर्ण स्थान रहा है। वर्तमान में भी महाशिवरात्रि एवं संपूर्ण श्रावण मास में पर्व का आयोजन भव्य तरीके से किया जाता है। सैकड़ों की संख्या में नि:संतान दंपति यहां संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं, जिनकी मनोरथ पूरी हुई है। यहां स्वयंभू महादेवा के नाम से विख्यात बिजेश्वर नाथ मंदिर महादेवा के संबध में एक पुरानी कहानी प्रचलित है कि राजाओं ने इस शिवलिंग को अपनी राजधानी में ले जाने का प्रयास किया किन्तु यह शिवलिंग अपने स्थान पर ही रही। मालूम हो कि इस बार महाशिवरात्रि पर शिव सिद्धि योग बना था। पंडितों ने बताया कि वर्षों बाद ऐसा संयोग बना। इस योग में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों द्वारा मांगी जाने वाली सभी मनोकामना पूर्ण होती है।