महासमुन्द

बारिश के पानी की सीलन, कमरों की स्थिति स्टोर रूम की तरह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 जुलाई। महासमुंद में बना शासकीय पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास खैराभांठा में रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। यह छात्रावास भवन जर्जर हो चुका है। विद्यार्थी यहां अनहोनी के खतरे के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। छात्रावास के कमरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं। जिस हॉल में भोजन करते हैं, सोते हैं, वहां की छत के प्लास्टर गिर रहे हैं। बरसात में पानी भी टपकता है।
इस खस्ताहाल छात्रावास की शिकायत विभागीय अधिकारी और कलेक्टर तक हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।
मालूम हो कि यहां एक ही परिसर में तीन भवन हैं। जिनमें एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्र अलग-अलग भवन में रहते हैं। इन भवनों में से एसटी के छात्र जिसमें रहते हैं, वहीं बिल्डिंग सबसे ज्यादा जर्जर है। यहां अनुसूचित जनजाति के 50 छात्र रहते हैं, जो शासकीय स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। कक्षा 11वीं से कॉलेज तक की पढ़ाई करने वाले ही यहां रहते हैं।
छात्रावास के अधीक्षक रामनारायण ध्रुव ने बताया कि इस भवन का निर्माण साल 2005-06 में हुआ है। 2007 से छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। इसमें कुल 28 कमरे हैं। छात्रावास में कुल 50 छात्र रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। एसटी के भवन से लगा एससी भवन भी है। 50 सीट वाले इस भवन में अभी 6 ही छात्र रह रहे हैं। इसी तरह ओबीसी का भी अलग भवन इसी परिसर में है।
छात्रावास के भीतर प्रवेश करते ही रिसेप्शन में सीलिंग का प्लास्टर उखड़ कर गिर रहा है। यहां बारिश में दिनों में पानी टपकता है। अंदर 28 कमरों में से करीब 22 कमरों की स्थिति बेहद खराब है। किसीकमरे में छत के प्लास्टर गिर रहे हैं, तो कहीं दीवारों में दरारें हैं। बारिश के पानी की सीलन है। कमरों की स्थिति स्टोर रूम की तरह है।
परिसर में स्थित एससी छात्रावास में 50 सीटें, एसटी में 50 सीटें और ओबीसी में 100 सीटें हैं। तीनों भवनों में कुल 200 सीट छात्रों के लिए है। इतने छात्रों के पानी की व्यवस्था के लिए छात्रावास परिसर में केवल एक ही बोरवेल करवाया गया है।ॉ छात्रों ने बताया कि एक ही बोर होने के कारण पानी की काफी किल्लत होती है। बिजली बंद होने की समस्या से भी परेशानी होती है। इसके अलावा छात्रावास का शौचालय भी अतिजर्जर स्थिति में है। कहीं नल टूटे हैं तो कहीं दरवाजे ही नहीं है। भोजन कक्ष की छत का प्लास्टर भी उखड़ रहा है।