महासमुन्द

साढ़े 30 हजार किसानों की नहीं बन पाई डिजिटल आईडी
25-Jul-2025 3:26 PM
साढ़े 30 हजार किसानों की नहीं बन पाई डिजिटल आईडी

फार्मर रजिस्ट्री करा लेने से योजनाओं का लाभ लेने में होगी आसानी

सोसायटियों में शुरू हुये शिविर में 31 जुलाई तक होगी रजिस्ट्री

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 25 जुलाई। जिले में एग्रीस्टेक परियोजना के तहत प्रत्येक किसान का फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल में पंजीयन किया जाना है। लेकिन आज की स्थिति में हजारों किसानों का दस्तावेजों के अभाव में पंजीयन नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में किसान शासकीय योजनाओं से मिलने वाले लाभ से वंचित हो सकते हैं।

जानकारी के अनुसार प्रत्येक किसान जिनके पास कृषि योग्य भूमि है,उनका पंजीयन अनिवार्य है। फार्मर रजिस्ट्री के बाद प्रत्येक किसानों को यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा, इससे उन्हें योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी। यही कार्ड उनका डिजिटल पहचान पत्र होगा। जिले में धान खरीदी हेतु अब तक कुल 1लाख, 27 हजार 466 किसान पंजीकृत हैं।

इनमें से 91 हजार 375 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री पूर्ण है। जबकि 30 हजार 643 किसानों का अब तक फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पाया है। ऐसे में ये किसान आगामी 2 माह बाद धान विक्रय से वंचित हो सकते हैं। हाल ही में जनदर्शन में भी इस तरह के मामले आ रहे थे जिसमें किसानों का ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो पाने की शिकायतें थीं। अब जिले की सोसायटियों में इसे लेकर 24 जुलाई से किसानों को 11 अंकों का विशेष कोड प्रदान किया जाएगा। एक यूनिक आईडी दी जाएगी। इसमें वे डिजिटल रूप से अपनी पहचान को प्रमाणित कर सकेंगे। यह पहल किसानों को सरकारी योजना का लाभ लेने में सहायक होगी।

विभाग का कहना है कि पंजीयन नहीं होने पर किसानों को योजनाओं का लाभ मिलने में परेशानी हो सकती है। एक बार पंजीयन हो जाने पर बार-बार तरह-तरह के दस्तावेज जमा करने के झंझट से किसानों को मुक्ति मिलेगी। आईडी के माध्यम से किसानों का केंद्रीकृत डाटा बनाया जाएगा। वैसे भी अनेक किसान, डिजिटल आईडी बनाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। शासन द्वारा भी योजना का लाभलेने के लिए अपील की जा रही है। एग्री स्टैक परियोजना के तहत किसानों की डिजिटल आईडी बनाने का कार्य किया जा रहा है।

 

विभाग द्वारा 31 जुलाई तक्र विशेष कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शेष किसानों को भी फार्मर रजिस्ट्री शीघ्र कराने के लिए प्रोत्साहित किया  जा रहा है। फार्मर आईडी बनाने के लिए कृषि भूमि का बी वन, खसरा, ऋण पुस्तिका और आधार से लिंक मोबाइल नंबर, जिस पर आधार सत्यापन व ओटीपी प्राप्त होगा। सेंटर व कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से आईडी बनाई जा सकती है। मालूम हो कि पूर्व में किसान डिजिटल आईडी बनाने के लिए 31 मार्च तक अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। इसके बाद तिथि में वृद्धि की गई। अब इसे लेकर सहकारी समितियों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। डिजिटल आईडी के माध्यम से किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। यह किसान आईडी सभी किसान बना सकते हंै।


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