महासमुन्द

बेमौसम बारिश: कट चुकी फसल को नुकसान, बचाने के लिए जद्दोजहद
23-Nov-2021 5:10 PM
बेमौसम बारिश: कट चुकी फसल को नुकसान, बचाने के लिए जद्दोजहद

खेत गीला, कटाई भी प्रभावित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 नवंबर।
नवंबर महीने में दूसरी बार हुई बारिश से किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बारिश के चलते किसान फसल को लेकर परेशान हैं। इससे धान की कट चुकी फसलों को सीधा नुकसान होगा। वहीं जिन किसानों की फसल की कटाई अब तक नहीं हुई है, उन्हें फसल काटने में अब और अतिरिक्त समय लगेगा। क्योंकि खेत की जमीन गीली होने के कारण कटाई का काम नहीं हो पाएगा। इसे लेकर किसान परेशान हैं।

मालूम हो कि सोमवार की अल सुबह एक बार फिर से जिलेभर के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। महासमुंद, पिथौरा, बसना और बागबाहरा में तेज बारिश की खबर है। सरायपाली में भी दोपहर बाद आधे घंटे तक तेज बारिश हुई। बारिश के चलते खेतों में फिर से पानी भर गया है। स्थिति यह है कि खेतों में कटाई के बाद रखा धान का करपा एक बार फिर से भीग गया है। सुबह बारिश बंद होने के बाद धान की फसल काट चुके किसान इसे सुखाने में व्यस्त थे। इस महीने की 11 तारीख को भी तेज बारिश हुई थी। हालांकि उस दिन केवल महासमुंद ब्लॉक में बारिश हुई थी, लेकिन सोमवार को जिलेभर में इसका असर देखने को मिला।

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार करीब 2 लाख 18 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली गई है। इसमें अरली वैरायटी के धान के फसलों की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है।

प्रभारी उप संचालक कृषि अमित महांती ने बताया कि जिलेभर में 50 फीसदी धान की कटाई हो चुकी है। जिन किसानों ने देर से फसल ली है, उनकी कटाई का काम जारी है।
जानकारों की मानें तो फसल कटाई के बाद जो धान खेतों में पड़ा हुआ है, उसे बारिश से नुकसान होगा। बारिश की वजह से फसलों की कटाई का काम प्रभावित हो रहा है। बीते 11 नवंबर को हुई बारिश से खेत अभी भी गीला था। सोमवार को फिर बारिश होने से 15 दिन के लिए कटाई प्रभावित होगा। मौसम खुलने व खेत सूखने के बाद ही हार्वेस्टर के माध्यम से कटाई होगी। वहीं जो फसल झुक गया है, उसकी कटाई के लिए किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

क्षेत्र के किसान नेता और खुद भी पेशे से किसान प्रेम चंद्राकर, जुगनू चंद्राकर, श्याम साकरकर, भोलाराम चंद्राकर ने बताया कि बारिश से धान की फसल को नुकसान पहुंचेगा। इससे उत्पादन और क्वालिटी दोनों में कमी आएगी। अचानक हुई बारिश होने से धान की फसल पानी में भीग गई है। कई खेतों में धान पूरी तरह से डूबी हुई है। क्योंकि दस दिन पहले हुई बारिश से खेत पानी से भरा हुआ था और खेत सूख नहीं पाए थे, इधर सोमवार को एक बार फिर से बारिश होने से खेतों में पानी भर गया। धान का करपा अभी खेत में ही पड़ा है। जिन किसानों ने फसल काटकर अपने ब्यारा में रखा है, उसे भी बचाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। धान की खरही को तिरपाल से ढंककर रखा जा रहा है।
 


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