महासमुन्द

महासमुंद, 22 नवंबर। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र चंद्राकर ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि महंगाई को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारें जन.भावना से कोसों दूर हैं। केंद्र व राज्य सरकार नौटंकी छोड़ें और पेट्रोल और डीजल की कीमत में आम लोगों को राहत दें। जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र चन्द्राकर ने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारें जन.भावना और जन.हित से कोसों दूर हंै। प्रदेश की जनता महंगाई से त्राहि त्राहि कर रही है लेकिन सरकार है कि सत्ता में आने के बाद इनके समस्याओं को दरकिनार कर राजस्व की वसूली में लगी हुई है।
पार्टी के महासमुंद विधानसभा प्रभारी संजय यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 5 रूपया टैक्स कम किया और अब राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए 5 रूपया कम कराने के लिए भाजपा प्रदेश भर में सांकेतिक चक्काजाम कर रही है। बघेल सरकार ने भी 22 तारीख को अपने केबिनेट के बैठक में 5 रूपया कम करने की बात कही है। पांच रुपया इंधन में कम करने से क्या होगा? इससे मंहगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से छत्तीसगढ़ की जनता को कोई राहत मिल पाएगी? इनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार को 25 रुपए पेट्रोल-डीजल के वैट से मिलती है। अत: बजाए 5 रुपये कम करने के सरकार को कम से कम पेट्रोल डीजल पर 15 से 20 रुपए कम करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी की मांग है कि जनता को राहत ही देना है तो केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार दोनों मिलकर जनता को पेट्रोल और डीजल 60 रुपये प्रति लिटर पर मुहैया कराए। भाजपा नेता सत्ता पाने के लिए चक्का जाम जैसे नौटंकी करके और जनता को गुमराह कर रही है उन्हें अपने मोदी सरकार से बात कर उन पर दबाव बनानी चाहिए और पेट्रोल डीजल पर एक्साईज एवं अन्य करों में कमी आए इस पर चर्चा करनी चाहिए जिससे वास्तव में पेट्रोल डीजल सस्ता हो जनता से छल करने के कारण ही छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर किया है।
खल्लारी विधानसभा प्रभारी संतोष चन्द्राकर ने अपने बयान में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम होने के बाउजूद पेट्रोलियम पदार्थों में लगने वाले टेक्स को बढ़ा दिया है। पेट्रोल डीजल में मूल्य बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा प्रहार मध्यम व गरीब तबको पर पड़ रहा है। पेट्रोल डीजल के बेतहाशा बढ़ोतरी से माल भाड़ा परिवहन भाड़ा बढ़ गया है। परिणाम स्वरूप दैनिक उपयोग की सामग्री के दामों में वृद्धि हो रही है। इसका सीधा परिणाम आम उपभोक्ताओं की रसोई के साथ साथ अन्य जरूरतों पर पड़ रहा है। अत: छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जन भावना को समझते हुए व आरोप प्रत्यारोप से हटकर राज्य सरकार के अधिकार में जो कर लगाए जा रहे हैं, उसे कम कर जनता को राहत देनी चाहिए।