महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 नवंबर। महासमुंद जिला मुख्यालय के हाई स्कूल मैदान में कल जिला स्तरीय बिहान मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में जिले के सभी विकासखंडों के बिहान समूह दीदियों के हाथों निर्मित सामग्रियों की प्रदर्शनी लगी थी। कोसे की साडिय़ां, घर सजावन के सामानों और खाने के मनसपंद छत्तीसगढ़ी व्यंजन से मैदान सजा था। इसके साथ ही यहां पहुंचे लोगों को राज्य की कला एवं लोक संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिला। जिला प्रशासन के अफसरों ने इस मेले में उत्कृष्ट सामानों की खरीददारी की व्यंजनों का लुत्फ भी उठाया।
इस मेले में जिले के सभी विकासखंडों से 80 से अधिक महिला समूहों, शिल्प कलाकारों के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ी सहित क्षेत्रीय व्यंजन भी उपलब्ध थे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लोगों ने भरपूर आनंद उठा उठाया। बांस से बनी सामग्री,अचार, पापड़, कपड़ों आदि के स्टॉलों पर दिन भर रौनक रही। बिहान बैंक में भी लोगों ने दीदियों से लेन देन किया।
संसदीय सचिव एवं महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर ने बिहान मेले का शुभारंभ किया। विधायक के साथ यहां पहुंचे कलेक्टर डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत, राज्य कार्यालय से आए एनआरएलएम के सीईओ एलिस लकड़ा, ई.पोर्ट संस्था के प्रशिक्षक, अपर कलेक्टर डॉ नेहा कपूर, एसडीएम भागवत जायसवाल, स्काउट गाइड के जिलाध्यक्ष दाऊलाल चंद्राकर सहित जनप्रतिनिधियों को राउत नाचा दल ने स्वागत किया।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वसहायता समूह की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए उनके द्वारा पूर्व में लिए गए ऋण की राशि माफ कर उनका हौसला बढ़ाया है। स्वसहायता समूह की महिलाएं एकजुट होकर निरंतर मेहनत करने पर आगे बढ़ रही हैं। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बाड़ी के अंतर्गत प्रदेश में एक लाख से भी अधिक महिलाएं कार्य कर रही है।
इस दौरान स्वसहायता समूह से जुड़ी महिला सदस्यों ने संसदीय सचिव को जानकारी दी-पहले परिवार की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी। स्वसहायता समूह से जुडऩे के बाद हमारी कला को नई पहचान मिली और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई। अपनी कला और मेहनत से अब हमारे परिवार की आर्थिक सुधर रही है।
बांस एवं अन्य वस्तुओं से बने उत्पादों को प्रदेश भर में नई पहचान मिली है। आत्मनिर्भर बनने से जीवन को नई दिशा मिली है।
कलेक्टर डोमन सिंह ने मेले का उद्देश्य बताते हुए कहा कि समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के बिक्री को और बढ़ावा देने तथा उन्हें एक अच्छा मार्केट उपलब्ध कराने जिला प्रशासन ने इस मुहिम की शुरुआत की है ताकि ग्रामीण समूह की महिलाओं व हस्तकारों को कोरोना के बाद एक बार फिर से अपनी रोजगारी शुरू करने का मौका मिले सकें और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।
बिहान मेले में देर रात तक शहरवासियों ने जमकर खरीददारी की। समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं की विभिन्न मनमोहक कलाकृतियों और उत्पादों की लोगों ने खूब सराहना की। सांस्कृतिक आयोजन में विभिन्न कलाकारों ने लोक गीत और नृत्य प्रस्तुत कर समा बांधा। काफी संख्या में विद्यार्थी और युवाओं ने मेले में विभिन्न कलाओं के बारे में जाना। मेले में आने वाले लोगों ने विभिन्न परम्परागत व्यंजनों का भी खूब लुत्फ उठाया। आधुनिक और परम्परागत वस्त्र, बांस व जूट के उत्पाद सिरेमिक उत्पाद व अनेक प्रकार का घरेलू सामान, सजावट की वस्तुओं की खूब खरीददारी हुई।
गौरतलब है कि महासमुंद जिले के सभी पांचों विकासखंडों में अलग-अलग दिन बिहान मेले का आयोजन 12 नवम्बर से 17 नवम्बर तक आयोजित किया गया। बिहान मेले में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने लगभग 10 लाख रुपए के निर्मित विभिन्न घरेलू सामान सामग्री एवं सजावटी सामग्री की बिक्री की। इसमें 5 लाख 99 हजार 950 रुपए की विभिन्न प्रकार की हस्त निर्मित सामग्रियों की बिक्री शामिल हैं। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों, विभिन्न शासकीय विभागों, ग्रामीणों द्वारा स्वसहायता समूह के महिलाओं को 4 लाख 20 हजार 375 रुपए की सामग्रियां उपलब्ध कराने के लिए कार्यादेश ऑर्डर प्राप्त हुआ।