महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 नवंबर। कृषि विज्ञान केन्द्र भलेसरए महासमुन्द में मछली आचार बनाने के लिए 15 से 17 नवम्बर तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिंक्षण कार्यक्रम को केन्द्रीय मत्स्यिकी प्रौद्योगिक संस्थान कोचीन द्वारा प्रायोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मछली पालन करने वाले कृषकों को मूल्य संवर्धन द्वारा मछली के अन्य उत्पादक जैसे मछली, आचार, पापड़, बड़ी, कटलेट इत्यादि उत्पाद भी बनाए जा सकते हंै। जिससे मछली पालक कृषकों को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो सके। इसके लिए जागरूक करना तथा प्रायोगिक प्रशिक्षण द्वारा मछली का आचार तैयार करने की विधि बताई गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कोण्डागांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख ओम प्रकाश ने मछली के प्रसंस्करण तकनीकी पर कृषकों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी तथा मछली पालन में आने वाली समस्याओं का निराकरण भी बताया। उनके द्वारा द्वितीय दिवस में मछली के टुकड़े फीलेट्स बनाने की प्रक्रिया भी बताई गई। सहायक मत्स्य अधिकारी अतुल सिन्हा ने मछली के संरक्षण करने की जानकारी दी। एल आर साहू ने फूड सेफ्टी विषय पर जानकारी दी। मत्स्य विज्ञान के मास्टर ट्रेनर कुमारी वीणा सिन्हा ने मछली आचार बनाने की प्रायोगिक विधि की विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख महासमुंद डा. एस के वर्मा ने मछली आचार की पैकेजिंग विषय पर मार्गदर्शन दिया गया। समापन समारोह में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.गौतम राय ने मछली आचार की मार्केटिंग, कॉस्टिंग और पोषक मान के बारे में जानकारी दी। वैज्ञानिक प्रसार शिक्षा रजनी आगाशे ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का फीडबैक व मूल्यांकन किया। कृषि मौसम विज्ञान के वैज्ञानिक दीपांशु मुखर्जी, मत्स्य विज्ञान के वैज्ञानिक हनुमंत तोमर, उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ साकेत दुबे, मृदा विज्ञान के वैज्ञानिक कुणाल चन्द्राकर, कीट विज्ञान के कार्यक्रम सहायक एसएम अली हुमायूं का कार्यक्रम के आयोजन में योगदान रहा। इस दौरान 20 अनुसूचित जाति के कृषकों को प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया। कार्यक्रम में आदर्श आखेट मछुआ सहकारी समिति भोरिंग तथा जय सफु रा मां स्व सहायता समूह बिरकोनी के कृषक व कृषक महिला प्रशिक्षण व प्रदर्शन कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई।