महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 11 नवंबर। शहर के हाईस्कूल मैदान में आयोजित लोक महोत्सव के दूसरे दिन भी कल सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मंच सजा रहा। आकर्षक दोहे के साथ किया गया राउत नाचा ने समां बांधा, तो सुआ नृत्य की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। जिला स्तरीय लोक महोत्सव के अंतिम दिन रोचक प्रस्तुतियों का दौर देर रात तक चलता रहा, जिसमें प्रतिभागी दलों ने स्थानीय संस्कृति को जीवंत किया।
महोत्सव के दूसरे दिन सुआ नृत्य व राउत नाचा मिलाकर कुल 21 दलों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। सुआ नृत्य में 11 प्रतिभागी दलों ने हिस्सा लिया और 10 दलों ने राउत नाचा का प्रदर्शन किया। सुआ नृत्य प्रतियोगिता में जय मां सरस्वती सुआ नृत्य मोरधा, धरती के श्रृंगार सुआ दल शेर, जय तिरंगा सुआ दल कछारडीह, जय मां काली सुआ नृत्य दल लभराकला, पिंजरा के सुआ नृत्य दल कुसमुंद, जय माधव सुआ नृत्य दल कौंवाझर, हमर छत्तीसगढ़ी सुआ नृत्य नांदगांव, कही देबे संदेश सुआ नृत्य ससहा, जय गौरी गौरा सुआ दल छपोराडीह व स्वर संगम सुआ पार्टी लहंगर और राउत नाचा प्रतियोगिता में सुरसरिता राउत नाचा खैरझिटी, बालकृष्ण राउत नाचा कौंवाझर आदि ने प्रस्तुति दी।
संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास- विनोद
कार्यक्रम में संसदीय सचिव व विधायक विनोद चंद्राकर विशेष तौर पर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष रूचि के चलते राज्य में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति व परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के संरक्षण के चलते कला और संस्कृति के पुष्पित एवं पल्लवित होने का अनुकूल वातावरण बना है। राज्य में विभिन्न अवसरों एवं तीज-त्योहारों के मौकों पर कला एवं संस्कृति से जुड़े लोगों व कलाकारों को लगातार मंच मिलने से उनमें उत्साह जगा है।
संस्कृति और परंपराओं को सहेजने के लिए संस्कृति परिषद के गठन से राज्य के कलाकारों एवं शिल्पियों को एक मंच मिला है। इससे छत्तीसगढ़ की साहित्य, संगीत, नृत्य, रंगमंच, चित्रकला, मूर्तिकला, सिनेमा, आदिवासी एवं लोककलाओं को विस्तार, प्रोत्साहन और कलाकारों के संरक्षण में मदद मिलेगी। आयोजन समिति के दाउलाल चंद्राकर, संजय शर्मा, राशि त्रिभुवन महिलांग, खिलावन बघेल, ढेलू निषाद, खिलावन साहू, सती साहू, अरुण चंद्राकर, सेवनलाल चंद्राकर, सोमेश दवे, अजय थवा