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महासमुंद मेडिकल कॉलेज में 103 स्वीकृत में से महज 47 कार्यरत, 56 रिक्त
05-Jul-2025 4:28 PM
महासमुंद मेडिकल कॉलेज में 103 स्वीकृत  में से महज 47 कार्यरत, 56 रिक्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 5 जुलाई। मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद से अब तक यहां स्वीकृत पदों में भर्तियां नहीं हो पायी है। फलस्वरूप आज की स्थिति में 56 फैकल्टी रिक्त हैं। इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ सहित अनेक मशीनों का अब भी अभाव है। ऐसे में नेशनल मेडिकल कमिशन एनएमसी की ओर से एक बार फिर महासमुंद मेडिकल कॉलेज को कमी शीघ्र पूरी करने के लिये नोटिस दी गई है। यदिए कमी पूरी नहीं होगी तो इस बार मेडिकल कॉलेज में विद्यार्थियों की सीटें घटाई जा सकती है।

हालांकि, स्थापना के बाद से ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इन कमियों को पूर्ण करने में जुटा हुआ है। लेकिन शासन की ओर से प्रमोशन या ट्रांसफर नहीं किये जाने की वजह से लगातार मेडिकल कॉलेज में कमी बनी हुई है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक विभाग में फैकल्टी की कमी बनी हुई है और चिकित्सा महा विद्यालय के अनुरूप शिक्षा की गुणवत्ता में प्रश्न चिन्ह उठ रहा है।

मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा असिस्टेंट प्रोफेसर को मिलाकर यहां कुल 103 पद महासमुंद मेडिकल कॉलेज के लिये स्वीकृत है। लेकिन वर्तमान में 56 पद बीते 3 सालों से से खाली है। जिन पदों में पदस्थापना हो चुकी है। उनमें से भी अधिकांश प्रोफेसर राजधानी से आना-जाना करते हैं। बता दें कि यहां प्रोफसर के लिये कुल 24 पद स्वीकृत हैं। लेकिन ंंंंंंंंंंंंंंंस्थापना के बाद से केवल 17 पदों पर ही पदस्थापना की गई है। वहीं एसोसिएट प्रोफेसर के 33 पदों में 13 तथा सहायक प्रोफेसर 46 पदों में केवल 26 पदों पर ही कार्यरत है।

महासमुंद मेडिकल कॉलेज में शरीर रचना विज्ञान, शरीर क्रिया विज्ञान तथा इनमें आने वाली बीमारियों जैसे सभी पृथक-पृथक विभागों के लिये 6-6 प्रोफेसरों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा चिकित्सा उपकरणों सहित प्रायोगिक सहित अन्य विषयों पर भी एसोसिएट तथा सहायक प्राध्यापकों की आवश्यकता होती है। लेकिनए इन विभागों में 6-6 के स्थान पर किसी में 2 तोकिसी में 3 प्रोफेसर ही अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में 6 प्रोफेसरों का दबाव 2 या फिर 3 पद पर पड़ रहा है। इससे न केवल पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ रहाए नट बल्कि प्रोफेसरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यहां पदस्थ प्राध्यापकों का कहना है कि शासन की ओर से प्रतिवर्ष होने संक वाली पदोन्नति सूची पर आदेश ही जारी नहीं किया गया है। फलस्वरूप मेडिकल कॉलेजों सं में अनेक प्रोफेसर पिछले 20 सालों से जमे हुये हैं। इसके अलावा स्थानांतरण भी नहीं किया जा रहा है। जबकि प्रत्येक 2 सालों में ट्रांसफर के नियम है। एक प्रोफेसर ने बताया कि पूर्व में 100 छात्रों के पीछे प्रत्येक विभाग में 15 प्रोफेसर हुआ करते थे। लेकिन महासमुंद मेडिकल कॉलेज में पहले 100 सीटों के लिये 103 सेटअप तैयार किया गया। इसके बाद इसे बढ़ाकर 125 किया गया। लेकिन 125 सीटें होने के बाद फैकल्टी में इजाफा नहीं किया गया ना ही भर्ती के लिये शासन की ओर से पहल की जा रही है।

बताना जरूरी होगा कि मेडिकल कॉलेज महासमुंद में 2015 से 2018 के दौरान पदस्थ अनेक प्रोफेसरों, एसोसिएट तथा सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन की सूची तैयार है जिसे शासन को भी भेजा जा चुका है। यहां 3 डीन बदल चुके। लेकिन ना किसी का स्थानांतरण किया जा रहा है और ना ही प्रमोशन। अनेक की तो परिवीक्षा अवधि भी रोक दी गई है। बताया गया कि प्रमोशन से रिक्त पद भरेंगे। साल भर पूर्व शासन से इसे लेकर पत्र व्यवहार किया गया था। लेकिन नतीजा नहीं निकला। जबकि ट्रांसफर तथा प्रमोशन एनएमसी की गाइड लाइन में है।


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