महासमुन्द

एकीकृत किसान पोर्टल में कई तकनीकी खामियां
31-Oct-2021 5:11 PM
एकीकृत किसान पोर्टल में कई तकनीकी खामियां

रेगहा की जानकरी नहीं दिख रहा, डूबान क्षेत्र एवं ट्रस्टों की जमीन में किसान कोड का अभाव

 सहकारिता मंत्री को तकनीकी खामियों से कराया अवगत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 31 अक्टूबर।
जिले के किसानों की मानें तो धान बिक्री के पंजीयन में कई तरह की तकनीकी खामियां सामने आई हैं। पंजीयन कम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन किया जा रहा है। पिछले वर्ष भी इसी पद्घति से किसानों का पंजीयन किया था, लेकिन इस वर्ष एकीकृत किसान पोर्टल लागू होने के कारण विसंगतियां आ रही है। रेगहा में दिए किसानों की जानकारी मांगने पर ग्राम का नाम ही नहीं दिख रहा है। डूबान क्षेत्र एवं ट्रस्टों की जमीन में किसान कोड की आवश्यकता होती है। हर वर्ष नए रेगदार होने के कारण किसान कोड के अभाव में पंजीयन नहीं हो रहा है।

संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर के नेतृत्व में छग बीज अनुसंधान समिति के संचालक दाऊलाल चंद्राकर एवं पूर्व जनपद उपाध्यक्ष सेवन लाल चंद्राकर ने शनिवार को सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम से स्थानीय विश्राम गृह में भेंटकर जिले में धान बिक्री के पंजीयन में हो रहे तकनीकी खामियों से अवगत कराया है।

धान खरीदी के संबंध में खाद्य अधिकारी ने बताया कि पंजीयन में इस बार किसानों को परेशानी नहीं हुई है। अंत के दो दिनों में तकनीकी परेशानी का सामना किसानों को करना पड़ा, लेकिन विभाग की ओर से जल्द ही इस फ ाल्ट को दूर कर पंजीयन कराया गया। उन्होंने कहा कि खरीदी को लेकर अभी तक कोई दिशा निर्देश नहीं आया है, लेकिन पंजीयन का कार्य आज अंतिम था। पंजीयन को लेकर तिथि बढ़ाने का भी पत्र विभाग को नहीं मिला है। यदि पंजीयन की तिथि बढ़ाने का आदेश आएगा तो किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

मालूम हो कि समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए जारी पंजीयन कार्य समाप्त हो गया है। अब तक जिले में कुल 1.52 लाख किसानों ने खरीफ सीजन 2021-22 में धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इनमें नए किसानों की संख्या 12 हजार 068 है। शेष किसानों का पहले से ही पंजीयन हो चुका है, जिसे इस वर्ष के लिए कैरी फॉरवर्ड किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार इस साल पंजीयन के अंतिम दिन डूबान व रेगहा में खेती करने वाले नए किसानों को पंजीयन के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि दो दिनों से पोर्टल में तकनीकी खराबी थी।

जिले के 12068 नए किसानों ने पंजीयन के लिए ऑनलाइन आवेदन किए थे। प्राप्त आवेदनों का आरईओ ग्राम सेवक द्वारा सत्यापित किया गया।। इसके बाद सोसायटी के द्वारा प्राप्त आवेदनों का पंजीयन किया गया। कुल 11528 किसानों का पंजीयन कल दोपहर तक कर लिया गया था। शेष 540 किसानों का पंजीयन जारी था, लेकिन पोर्टल में तकनीकी खराब आने के कारण पंजीयन देर रात तक किया गया। इसमें 10881 राजस्व, 618 वन अधिकार पट्टा, 29 वन ग्राम व असर्वेक्षित ग्राम के किसान शामिल है। बता दें कि पिछले साल एक लाख 41 हजार 566 किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया था।

संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर के नेतृत्व में छग बीज अनुसंधान समिति के संचालक दाऊलाल चंद्राकर एवं पूर्व जनपद उपाध्यक्ष सेवन लाल चंद्राकर ने शनिवार को सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम से स्थानीय विश्राम गृह में भेंटकर जिले में धान बिक्री के पंजीयन में हो रहे तकनीकी खामियों से अवगत कराया तथा पंजीयन की तारीख में वृद्घि करने की मांग की।

उन्होंने बताया कि पंजीयन कम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन किया जा रहा है। पिछले वर्ष भी इसी पद्घति से किसानों का पंजीयन किया था, किन्तु इस वर्ष एकीकृत किसान पोर्टल लागू होने के कारण विसंगतियां आ रही है। रेग में दिए किसानों की जानकारी मांगने पर ग्राम का नाम ही नहीं दिख रहा है।
 


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