कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 10 सितंबर। कलेक्टर कुणाल दुदावत की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सूचना का अधिकार प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में जिले के सभी विभागों के लोक सूचना अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आम जनता को सूचना प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना साथ ही सुनिश्चित करना कि कार्यालयीन कार्यों पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
कार्यशाला में सूचना के अधिकार की विभिन्न धाराओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें प्रमुख रूप से यह बताया गया कि किस प्रकार की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत आती है और किस प्रकार की जानकारी इसके दायरे में नहीं आती। साथ ही, प्रथम और द्वितीय अपील की प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा की गई, जिससे अधिकारियों को सही जानकारी प्रदान करने में कोई कठिनाई न हो।
सूचना का अधिकार और उसकी अहमियत पर चर्चा
कार्यशाला के दौरान सूचना का अधिकार अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने अधिकारियों को आरटीआई के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि कैसे सूचना का अधिकार एक सशक्त उपकरण के रूप में कार्य करता है। इसके माध्यम से आम जनता सरकार के कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रथम अपील, द्वितीय अपील और सूचना के अधिकार के तहत किन सूचनाओं को साझा किया जा सकता है और कौन-सी सूचनाएं इसके अंतर्गत नहीं आती इसकी स्पष्ट जानकारी अधिकारियों को होनी चाहिए।
सूचना को अपडेट रखने पर बल
कलेक्टर ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने संबंधित विभागों की सूचनाओं को नियमित रूप से सरकारी पोर्टलों पर अद्यतन करें। इसका उद्देश्य यह था कि जब कोई व्यक्ति किसी योजना या सरकारी कार्य के बारे में सूचना मांगता है तो उसे समय पर और आसानी से सूचना प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि सही और अद्यतित जानकारी का होना विभागीय कार्यों में सुगमता लाता है और इससे विभाग की कार्यक्षमता प्रभावित नहीं होती।
सूचना का सृजन न करने की हिदायत
कार्यशाला में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि कोई भी विभाग किसी सूचना को सृजित न करे, यानी किसी नई जानकारी का निर्माण न करे, बल्कि पहले से उपलब्ध सूचनाओं को ही साझा करें। कलेक्टर ने कहा कि सूचना का सृजन करने से कार्यालयीन कार्य बाधित हो सकता है, इसलिए अधिकारियों को इस दिशा में सावधानी बरतनी चाहिए।
सूचना शुल्क और दस्तावेज शुल्क की जानकारी
अधिकारियों को आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं के लिए लगने वाले शुल्क, दस्तावेज शुल्क और अन्य प्रक्रियाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। इसमें बताया गया कि सूचनाएं समय पर और सही तरीके से उपलब्ध कराने के लिए क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनानी चाहिए। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर श्री अजय उरांव और जिले के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।