कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 1 अगस्त। मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राष्ट्रपति पुरस्कार और राष्ट्रीय सेवा योजना के सर्वोच्च सम्मान इंदिरा गांधी पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त प्रधान पाठक, एनएसएस के पूर्व जिला संगठक आरके जैन ने नगर के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पर पदस्थ शिक्षकों के विरुद्ध हुए निलंबन की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने निर्मल कुमार शार्दुल और बी जान के विरुद्ध कार्रवाई को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सेवानिवृत्ति शिक्षक आरके जैन ने मीडिया के माध्यम से कहा है कि इस निर्णय पर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करते हुए दोनों शिक्षकों का निलंबन आदेश निरस्त किया जाना चाहिए।
सेवानिवृत्त शिक्षक आरके जैन ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि, विद्यालय में एनएसएस ईकाई संचालित है। इसके पाठ्यक्रम में श्रमदान का उल्लेख है। राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं द्वारा ग्राम, नगर, विकास खंड, तहसील, जिला अंतर्गत स्वच्छता अभियान के साथ अनेक गतिविधियों का निष्पादन करना होता है। जब विद्यार्थियों से तालाब की सफाई, हैंडपंपों की सफाई, सडक़ मरम्मत, शौचालय निर्माण, स्नानागार निर्माण, मंचों का निर्माण, नाली की सफाई, वार्ड की सफाई, अस्पताल में श्रमदान, प्राकृतिक आपदा में, खेल आयोजन में श्रमदान, सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रमदान कर सकते हैं तो फिर विद्यालय में क्यों नहीं कर सकते?
आरके जैन ने आगे कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं को 240 घंटे काम करने पर ‘ए’ प्रमाण पत्र की पात्रता होती है। इकाई में ग्यारहवीं कक्षा व बारहवीं के छात्र-छात्राएं होती है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री के कार्यक्रम में व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में विद्यालय के छात्र छात्राओं की सेवाएं ली जाती है। सात दिवसीय विशेष ग्रामीण शिविर में अनेक गतिविधियों में श्रमदान करते हैं, क्या वहां जोखिम नहीं होता है? इसी तरह के कार्य करने के लिए यह विद्यालय देश के दस सर्वश्रेष्ठ विद्यालय के सम्मान से 2013 में सम्मानित किया जा चुका है।
सन् 2018 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। दोनों शिक्षक छात्र-छात्राओं के हित में नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे। उन्हें शाबाशी देने की जगह दण्डित किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई है।
इस तरह की कार्रवाई से बस्तर संभाग की एनएसएस इकाई की गतिविधियों प्रभावित होगी तथा कागजी कार्य किये जाएंगे। वहीं भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय का लक्ष्य व मंशा प्रभावित होगी।