कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 जनवरी। जिले के अंदरूनी ग्राम पंचायत बांसगांव में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित मावा गिरदा कोंडानार में शामिल होने के लिए कलेक्टर दीपक सोनी और पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल पहुँचे।
इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से रूबरू होकर उनकी समस्या-शिकायतें सुनी और तोड़म मार्ग पर पुलिया निर्माण, बांसगांव के पटेलपारा सडक़ मरम्मत सहित पेयजल व्यवस्था, उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालन ईत्यादि के लिए शीघ्र पहल करने का आश्वस्त किया। वहीं इस अवसर पर आयोजित खेलकूद स्पर्धा में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं और युवाओं को खेल सामग्री वितरित किया गया। इस मौके पर ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में शांति और अमन-चैन स्थापित करने सहित एक परिवार के रूप में एकजुटता के साथ रहकर बांसगांव ग्राम पंचायत को विकास की दिशा में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए सहभागिता निभाने की शपथ ली।
इस अवसर पर कलेक्टर सोनी ने पंचायत पदाधिकारियों सहित ग्राम पटेल, पुजारी-गायता आदि से रूबरू होकर विकास कार्यों के बारे में जानकारी लेते हुए समस्याओं के निदान हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होने ग्रामीणों को ग्राम पंचायत क्षेत्र में शांति व्यवस्था और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने की समझाइश देते हुए कहा कि शांति और अमन-चौन रहेगा, तो ग्राम पंचायत में विकास के काम तेजी के साथ होंगे।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन लोगों की सहायता के लिए सदैव तत्पर है। इस दिशा में ग्रामीणों से सतत संपर्क रखकर उनसे संवाद कर रहे हैं, ग्रामीणों की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
इसके साथ ही विकास कार्य और सुरक्षा की दिशा में पहल किया जा रहा है।
बांसगांव में आयोजित सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत खेलकूद स्पर्धा में स्कूली छात्र-छात्राओं सहित युवाओं तथा महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वहीं इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने खेलकूद स्पर्धा में हिस्सा लेने वाले इन स्कूली छात्र-छात्राओं, युवाओं और महिलाओं का उत्साहवर्धन किया। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत प्रेम प्रकाश शार्मा, एसडीएम चित्रकांत ठाकुर सहित एसडीओपी, तहसीलदार, सीईओ जनपद पंचायत के अलावा क्षेत्र के पंचायत पदाधिकारी तथा मैदानी अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षक-शिक्षिकाएं, स्कूली छात्र-छात्राएं एवं ग्रामीण जन मौजूद थे।