कोण्डागांव

कोण्डागांव में मनरेगा अंतर्गत 1719 विकास कार्यों का हो निर्माण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव 21 दिसम्बर। कोण्डागांव में गांव-गांव में ग्रामीणों को रोजगार का अधिकार दिलाने हेतु विभिन्न विकास कार्यों के निर्माण के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे है। जिसके तहत कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशानुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना द्वारा 1719 कार्यों का सम्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है। जिसमें प्रति दिवस 30000 से अधिक श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में जिले में 1719 विभिन्न विकास कार्यों के अंतर्गत 34554 श्रमिकों का मस्टरोल जारी किया गया है। जिले में विकासखण्ड बड़ेराजपुर अंतर्गत 48 ग्राम पंचायतों में 327 कार्य, केशकाल विकासखण्ड अंतर्गत 67 ग्राम पंचायतों में 242 कार्य, कोण्डागांव विकासखण्ड अंतर्गत 120 ग्राम पंचायतों में 491 कार्य, माकड़ी विकासखण्ड अंतर्गत 66 ग्राम पंचायतों में 418 कार्य एवं फरसगांव विकासखण्ड अंतर्गत 73 ग्राम पंचायतों में 241 विकास कार्य प्रगतिरत हैं। इस प्रकार कुल 374 ग्राम पंचायतों में योजना अंतर्गत श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
ज्ञात हो कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 204 रूपये प्रति दिवस मजदूरी भुगतान के साथ 100 दिवस रोजगार की गारंटी अनुसार जॉब काडऱ् में 20400 रूपये का आर्थिक लाभ कमाने का अवसर भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना द्वारा प्रदान किया जा रहा है। योजना अंतर्गत श्रमिकों को विभिन्न कार्यों जैसे तालाब गहरीकरण, नया तालाब निर्माण, भूमि सुधार कार्य, डबरी निर्माण कार्य, मिटटी सडक़ निर्माण कार्य एवं नाला अंतर्गत कार्य मुख्य रूप से प्रदान किया जा रहा है।
मनरेगा योजनाओं के प्र्रति लोगों को जागरूक करने के लिए चौपालों का भी आयोजन कलेक्टर दीपक सोनी के मार्ग दर्शन में जिला कार्यक्रम समन्वयक के निर्देश पर किया जा रहा है। मनरेगा के कार्यों की समीक्षा प्रत्येक समय-सीमा की बैठक एवं मनरेगा के विभिन्न इन्डीकेटर्स की समीक्षा बैठक में मनरेगा योजना अंतर्गत हितग्राहियों से श्रमिको में जागरूकता लाने हेतु मनरेगा चौपाल आयोजित करने के निर्देश दिये गये थे। फलस्वरूप वर्तमान में ग्राम पंचायतों में मनरेगा अंतर्गत चौपाल आयोजित कर श्रमिकों के अधिकारों एवं हितग्राहियों के संबंध में जानकारी प्रदाय किया जा रहा है। जिससे श्रमिकों का रूझान मनरेगा के प्रति बड़ रहा है एवं पलायन का दर लगातार घट रही है।