दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 19 अक्टूबर। जिला पंचायत सभा कक्ष में कृषि स्थायी समिति की बैठक हुई, इसमें जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू ने एक नवम्बर से धान खरीदी शुरु किए जाने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले किसानो को एकमुश्त 3217 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान करने एवं ग्राम पंचायतों में इसके भुगतान की सुविधा दिए जाने हेतु प्रस्ताव रखा गया। इस पर बैठक में मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष पुष्पा यादव, जिला पंचायत कृषि स्थायी समिति सभापति योगिता चंद्राकर एवं सदस्य लक्ष्मी यशवंत साहू ने भी सहमति व्यक्त की। उपाध्यक्ष साहू व अन्य सदस्यों ने सौर उर्जा यंत्र का मेंटेनेंस नहीं होने से इसके माध्यम से संचालित करोड़ों की लागत वाले लिप्ट इरीगेशन बंद होने का मुद्दा उठाया। साथ ही कृषि विभाग बैंक के बीच समन्वय के अभाव में कृषि ऋण को लेकर किसानों को होने वाली दिक्कतों को भी रखा। उन्होंने दोनों मामले में आ रही समस्याओं का जल्द समाधान कर कृषकों को इसका लाभ दिलाने कहा।
बैठक में उप संचालक उद्यान सह सदस्य सचिव कृषि स्थायी समिति पूजा कश्यप साहू द्वारा सभापति की अनुमति से विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसमें वर्ष 2024-25 के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग में संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना घटक सब्जी क्षेत्र विस्तार, फल क्षेत्र विस्तार, संरक्षित खेती अंतर्गत ग्रीन हाऊस, शेडनेट हाऊस व माली प्रशिक्षण एवं राज्य पोषित योजना घटक नदी कछार, सामुदायिक फेंसिंग, पोषण बाड़ी इत्यादि योजनाओं का भौतिक / वित्तीय लक्ष्य पूर्ति पर चर्चा की गई। विकास साहू, सहायक संचालक कृषि द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदाय की। वहीं एस.के. बेहरा, बीज प्रबंधक, छग राज्य बीज निगम को सभी समितियों में मांग अनुरूप तिवड़ा, गेंहू, चना, सरसों बीज की भंडारण संबंधी निर्देश दिए गए।
डॉ. एस.पी. सिंह, उप संचालक पशुचिकित्सा सेवाएं द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही जिले में दुग्ध संग्रहण हेतु मिल्क कॉपरेटिव सोसायटी की संबंधी चर्चा की हुई। उप संचालक उद्यान मत्स्य विभाग सीमा चंद्रवंशी द्वारा विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसमें मछुआ प्रशिक्षण, मत्स्य पालन प्रसार, मत्स्य बीज उत्पादन, स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण, किसान क्रेडिट कार्ड, जाल एवं आईस बॉक्स वितरण व अन्य योजना के भौतिक वित्तीय लक्ष्य पूर्ति पर चर्चा की गई। तांदुला जल संसाधन दुर्ग एवं क्रेडा विभाग के विभागीय कार्यों की भी समीक्षा की गई।