दुर्ग

घर से बिना बताए गायब, फोटो शेयरिंग के चक्कर में हो गईं ट्रेस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 24 जुलाई। घर से बिना बताए निकलीं नाबालिग लड़कियों को नागपुर महाराष्ट्र से बरामद कर लिया गया है। सभी लड़कियां हीरोइन बनने भिलाई के सुपेला से मुंबई के लिए रवाना हुई थीं। इनके परिजन काफी परेशान थे।
इस मामले की सूचना पुलिस को मिलने के बाद छानबीन शुरू की गई। जांच के दौरान आरपीएफ और जीआरपी की मदद से नाबालिग बालिकाओं को सुरक्षित नागपुर से बरामद किया गया है।
21 जुलाई की दोपहर सुपेला क्षेत्र से मुंबई जाने के लिए घर से 12-16 वर्ष की बालिकाएं चुपचाप प्लानिंग के तहत निकल गई थीं। सूचना मिलने पर सुपेला पुलिस द्वारा तत्काल घेराबंदी कर सीसीटीवी फुटेज पहले निकाला गया। उसके बाद नागपुर रेलवे स्टेशन में आरपीएफ और जीआरपी को मदद से सभी को नागपुर स्टेशन के आसपास बरामद कर परिजनों को जानकारी दी गई।
इनमें से तीन बालिकाएँ स्कूल में पढ़ाई करती हैं। इनमें से एक बालिका कपड़े की दुकान में काम करती है। एक लडक़ी की दोस्ती दुकान में काम करने वाली लडक़ी से हुई। चारों लड़कियों ने 21 जुलाई को महादेव घाट घूमने जाने का प्लान बनाया दोपहर में चारों सहेली महादेव घाट घूमने के लिए गईं।
वापस आते समय शाम होने पर एक लडक़ी ने कहा कि जब वह पिछली बार अपनी किसी सहेली के बर्थडे पर गई थीं, तो लेट होने से उसके मम्मी पापा ने उसे मारा है, तो वह घर नहीं जाएगी। उसी ने कहा चलो कहीं चले जाते हैं ,भाग जाते हैं। नहीं तो मेरे घर वाले बहुत मारेंगे, फिर चारों सहेली प्लान तैयार कर उस लडक़ी के मौसी के यहां चले गए।
चारों लड़कियों के पास पैसे नहीं थे जिसके बाद प्लान बनाने वाली लडक़ी ने अपनी मौसी के यहां का गैस चूल्हा बेच दिया। जिससे 300 रुपए मिले। उसे लेकर वो सभी 9 बजे की एक्सप्रेस ट्रेन में बैठ गई। एक बजे नागपुर स्टेशन चारों पहुंच गईं फिर सुबह 7 बजे की मुंबई वाली ट्रेन में सवार होकर मुंबई के लिए निकली थीं।
लड़कियों ने यात्रा के दौरान अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट कीं। इसी बीच नागपुर स्टेशन पर इन लापता बालिकाओं को खोज कर जीआरपी पुलिस ने पूछताछ की। पूछताछ बाद बालिकाओं को जीआरपी पुलिस से बालिका गृह में सुरक्षित रखने का आग्रह दुर्ग पुलिस ने किया था। इसके बाद शासकीय बालिका गृह काटोल रोड नागपुर लाकर उनके सुपुर्द किया गया। दुर्ग पुलिस ने सुरक्षित बालिकाओं को मुस्कान अभियान के तहत बरामद कर परिजनों के सुपुर्द किया है।