दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 अक्टूबर। दुर्ग के विभिन्न संगठनों और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील नागरिकों ने हसदेव अरण्य में परसा कोयला खदान में हुई पेड़ों की कटाई और प्रभावित आदिवासी समुदाय पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में दुर्ग में प्रदर्शन किया गया।
चंद्रभान सिंह ठाकुर ने बताया कि सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के ग्राम साल्ही और आस-पास के अन्य ग्रामों के साथ-साथ सूरजपुर जिले के जनार्दनपुर और अन्य इलाकों में परसा कोल खदान परियोजना को लेकर आज तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। गुरुवार की सुबह से ही सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का काम चल रहा है, जिसका ग्रामीण और हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य विरोध कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मजदूर कार्यकर्ता समिति) से कलादास डहरिया ने बताया कि हसदेव अरण्य पांचवी अनुसूची क्षेत्र में शामिल है, इसके बावजूद पेसा कानून और आदिवासियों के तमाम संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए हसदेव में पेड़ों में कटाई शुरू कर दी गई है। इसका विरोध करने वाले प्रभावित आदिवासी समुदाय के लोगों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया है, जिसमें हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य रामलाल करियाम घायल हुए है भाजपा सरकार की इस दमनात्मक कार्रवाई का हम विरोध करते है। भाजपा ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में हसदेव में संचालित कोयला खदान को भ्रष्टाचार बताया था पर आज प्रदेश में सरकार में आने के बाद इन्हें भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दे रहा है। संदीप पटेल ने कहा कि परसा कोयला खदान के लिए हो रही पेड़ो की कटाई पूरी तरह से गैर कानूनी है। इस खदान के लिए फर्जी ग्राम सभा करवाई गई थी । 2021 में उक्त फर्जी ग्राम सभा की जाँच करने तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उईके जी ने आदेश जारी किया था। फर्जी ग्राम सभा की जाँच छत्तीसगढ़ अनुसिचित जनजाति आयोग द्वारा की गई है।
जाँच में साल्ही और घाटबर्रा के पंचायत सचिव ने कहा है कि खनन की सहमति का प्रस्ताव ग्राम सभा की बैठक के बाद उच्च अधिकारियो के दबाव में जोड़ा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम की उपस्थित पंजी एसडीएम ने अपने कब्जे में रखी थी। फर्जी ग्राम सभा करवाने वाले अधिकारियो पर कार्रवाई करने की बजाए निर्दोष आदिवासियों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। ये विष्णुदेव सरकार का कैसा सुशासन है? जिला किसान संघ (राजनांदगाँव) के महेश साहू ने कहा कि लगभग 6000 पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिससे लगभग 140 हेक्टेयर जंगल का सफाया किया जाएगा ताकि परसा कोल ब्लॉक का काम शुरू हो सके। 26 जुलाई 2022 को विधानसभा में अशासकीय संकल्प के माध्यम से हसदेव में आबंटित सभी कोल ब्लॉक रद्द करने हेतु सर्वानुमति से संकल्प पारित किया था। परंतु उस संकल्प की अवमानना कर हसदेव के पुन: पेड़ों की कटाई की गई।
छत्तीसगढ़ जन संघर्ष मोर्चा के वीएन प्रसाद राव ने कहा कि केंद्र सरकार के ही एक संस्थान भारतीय वन्य जीव संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट होगा। प्रदेश में मानव हाथी संघर्ष इतना बढ़ जाएगा कि फिर कभी उसे संभाला नहीं जा सकता। इस रिपोर्ट के बाद भी हसदेव अरण्य में खनन परियोजनाओं को आगे बढ़ाना प्रदेश के लिए आत्मघाती कदम होगा।
ज्ञापन देने वीएन प्रसाद राव, संदीप पटेल, चन्द्रभान सिंह ठाकुर, महेश साहू, कलादास डहरिया, पवन, गीत ढहरिया, आदिवासी मातृशक्ति संगठन से चंद्रकला तारम, उमा सिंह, चंद्रिका रावत, छत्तीसगढ़ महिला मुक्ति मोर्चा से नीता ढहरिया और कामेश्वरी उपस्थित रहे।