दन्तेवाड़ा

मलेरिया-टीबी का करें खात्मा- आयुक्त
20-Jul-2025 9:59 PM
  मलेरिया-टीबी का करें खात्मा- आयुक्त

दंतेवाड़ा, 20 जुलाई। आयुक्त एवं सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक रविवार को ली गई। बैठक में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़, सिकल सेल रोग नियंत्रण और टीबी उन्मूलन से जुड़े अहम मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की गई।

डॉ. शुक्ला ने कहा कि शासन का उद्देश्य है कि मलेरिया को पूरी तरह समाप्त किया जाए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे स्वयं फील्ड में जाकर मलेरिया अभियान की निगरानी करें।

डॉ. शुक्ला ने कहा कि आरडी किट से जांच के दौरान यदि कोई व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे दवा की पूरी खुराक दी जाए। साथ ही मितानिनों द्वारा दी गई दवाओं का रैपर जमा किया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मरीज ने दवा पूरी कर ली है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मलेरिया से किसी भी स्थिति में मृत्यु नहीं होनी चाहिए। इस अभियान में एपीआई दर को 2 प्रतिशत से नीचे लाने का भी लक्ष्य तय किया गया है।

बैठक में आश्रम शालाओं की स्वास्थ्य व्यवस्था की भी समीक्षा की गई। डॉ. शुक्ला ने कहा कि सभी आश्रम शालाओं में नियमित रूप से मलेरिया की जांच सुनिश्चित की जाए। यदि एक भी छात्र मलेरिया पॉजिटिव पाया जाता है, तो तत्काल सभी छात्रों की स्क्रीनिंग की जाए। सिकल सेल रोग पर विशेष चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जितने भी मरीज सिकल सेल से पीडि़त हैं, उनका तुरंत आभा हेल्थ आईडी बनाया जाए, ताकि उनके इलाज में किसी तरह की बाधा न आए। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी समर्पण भाव से कार्य करें, तो सिकल सेल की रोकथाम और बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा सकती है।

डॉ. शुक्ला ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की भी समीक्षा करते हुए कहा कि सभी पंचायतों में ‘टीबी मित्र’ बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि जब जागरूकता स्थानीय बोली और भाषा में होगी, तब लोग अधिक बेहतर समझ पाएंगे और इलाज के लिए आगे आएंगे। उन्होंने बताया कि टीबी मित्र स्थानीय स्तर पर न केवल प्रचार-प्रसार करेंगे, बल्कि संभावित मरीजों की पहचान और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं से जोडऩे में अहम भूमिका निभाएंगे।

 डॉ. शुक्ला ने जिले में संचालित अन्य स्वास्थ्य योजनाओं जैसे जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीकाकरण अभियान और कृमि मुक्ति अभियान की भी क्रमवार समीक्षा की और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। होने वाली मातृ मृत्यु में कमी की जा सके। प्रत्येक माह 9 एवं 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में पंजीकृत गर्भवती माताओं सभी बीब, चीब एवं की में लाकर जाँच करवाए। इसकी चार्ट बनाकर जांच करें जिससे पता चले कि कौन सी गर्भवती कब आई थी। उच्च जोखिम वाली माताओं की प्रसव पूर्व फॉलोअप करना अति आवश्यक है और प्रसव उच्च संस्था में ही करें, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

बैठक में कलेक्टर कुणाल दुदावत, सीईओ जयंत नाहटा और अपर कलेक्टर राजेश पात्रे मौजूद थे।


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