दन्तेवाड़ा

आदिवासी संघ किरंदुल ने सीएमडी के नाम ज्ञापन सीजीएम को सौंपा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली/किरंदुल, 3 जून। लौह अयस्क परियोजना एनएमडीसी बचेली, किरंदुल में विभिन्न पदों पर निकली भर्ती में एनएमडीसी की खान से प्रभावित स्थानीय युवाओं को अपेक्षित प्राथमिकता नहीं दिए जाने को लेकर आदिवासी संघ किरंदुल ने एनएमडीसी के सीएमडी के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
रविवार को एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक को संघ ने ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई। संघ के पदाधिकारी का कहना है कि हम छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के मूल निवासी आदिवासी समाज के लोग है। हाल ही में क्षेत्रीय कार्यालय उद्यम संस्थान में हो रही नियुक्तियों को लेकर यह ज्ञात हुआ है कि खान से प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय युवाओं को अपेक्षित प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। यह स्थिति हमारे संवैधानिक अधिकारों और विधिक संरक्षण के प्रतिकूल है।
छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्र भारत संविधान की पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं, जिनका उद्देश्य आदिवासी समाज की सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करना है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ राज्य में प्रभावी पेसा कानून अधिनियम 1996 तथा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित छत्तीसगढ़ पैसा नियम 2022 के तहत ग्राम सभा को स्थानीय विकास एवं संसाधनों पर निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है। इसमें स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए स्थानीय लोगों को नियुक्तियों में प्राथमिक देना अनिवार्य किया गया है।
संघ ने बताया कि हमने ज्ञापन में निवेदन किया है कि संवैधानिक प्रावधानों तथा राज्य कानून के आलोक में स्थानीय आदिवासी युवाओं को रोजगार में विशेष प्राथमिकता प्रदान की जाए. निगम भर्ती प्रक्रिया में खान प्रभावित ग्रामीण अंचल क्षेत्र जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा बीजापुर सुकमा होने के कारण यहां के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के स्थानीय मूल निवासियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर प्राप्त होना चाहिए। यद्यपि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण भी शिक्षा का निम्न स्तर है, जिससे सर्वांगीण विकास नहीं होता है, निगम से मांग किया गया है कि फील्ड अटेंडेंट एल-1, वह अनुरक्षण सहायक एल-2 के पदों पर क्षेत्र के युवाओं की भर्ती ली जाए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान आदिवासी संघ किरंदुल के अध्यक्ष जग्गू राम भास्कर, श्री राम नाग, शंकर लाल गांधरला, श्यामलाल कुंजाम, किशन बारसा, भीमाराम मरकाम, सुकलूराम मंडावी व अन्य मौजूद रहे।