तत्कालीन महिला अफसर के कार्यकाल पर उठे सवाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 जून। जिले के बड़े बांध-बैराजों में मत्स्य विभाग के द्वारा केज खरीदी के मामले में परत-दर-परत नए तथ्य सामने आ रहे हैं। जिले के मोंगरा-पनियाजोब और छिंदारी बांध में भी केज खरीदी में फर्जीवाड़ा किया गया है। अब यह मामला मुख्यमंत्री विष्णदेव साय तक पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी भरत वर्मा ने पूरे मामले को लेकर सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
दरअसल, वर्मा ने पिछली कांग्रेस सरकार में हुए जिला स्तरीय केंद्र की दिशा बैठक में न सिर्फ केज खरीदी, बल्कि जाल, नाव और अन्य मत्स्य पालन से जुड़े सामानों की खरीदी में घोटाले को लेकर सवाल उठाए थे। मौजूदा सांसद संतोष पांडे ने भी दिशा की बैठक में मत्स्य विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर जांच की मांग की थी। तत्कालीन कलेक्टर डोमन सिंह ने बैठक में उक्त विषय को एजेंडा में शामिल नहीं होने का हवाला देकर किसी भी तरह की चर्चा से इंकार कर दिया था। अब मत्स्य विभाग में हुए फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद तत्कालीन कलेक्टर डोमन सिंह भी भाजपा के निशाने पर आ गए हैं।
इधर तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये के कार्यकाल की गड़बडिय़ां सिलसिलेवार तरीके से सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि मोंगरा बैराज के अलावा खैरागढ़ जिले के नवागांव बांध, छिंदारी एवं डोंगरगढ़ क्षेत्र के पनियाजोब जलाशय के केज में भी बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। हितग्राहियों ने इस मामले को लेकर प्रशासन से भी शिकायत की है।
दरअसल भुवन पोर्ते नामक हितग्राही को लीज की राशि जमा करने का नोटिस मिलने के बाद ही पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ है। केज खरीदी में महिला अफसर श्रीमती गजभिये ने अपनी ननंद और विभागीय ड्राईवर और भृत्य की मां और बेटी के नाम पर केज घोटाला किया। अनुदान की राशि के लालच में यह फर्जीवाड़ा किया गया।
बताया जा रहा है कि तकरीबन 3 से 4 करोड़ रुपए केज खरीदी के आड़ में फर्जी तरीके से आहरित किया गया है।
बिलासपुर की एक कंपनी को विभाग की ओर से भुगतान भी किया गया है। इस बीच केज खरीदी में विभाग ने हितग्राहियों को लाभान्वित करने के बजाय फर्म को भुगतान कर दिया। संचालनालय की टीम अब जांच करने की तैयारी में है। कुछ जगह हितग्राहियों के बयान भी लिए गए हैं।
एक जानकारी के मुताबिक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय महिला अफसर श्रीमती गजभिये ने जमकर धांधली की है। उनके खिलाफ हितग्राहियों ने पुलिस से भी शिकायत की है। पुलिस से हितग्राहियों ने पूरे मामले की तह तक जाने की मांग करते हुए तत्काल धोखाधड़ी के तहत जुर्म दर्ज करने की मांग की है।
मत्स्य विभाग में हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर प्रशासन की ओर से फिलहाल कार्रवाई नहीं की गई है। पूरे मामले को लेकर पूर्व महिला अफसर के कार्यकाल में हुए हर कार्यों की नए सिरे से जांच करने की मांग की जा रही है।
बख्शे नहीं जाएंगे घोटाले के दोषी-भरत

प्रदेश भाजपा महामंत्री भरत वर्मा ने मत्स्य विभाग में हुए फर्जीवाड़े को एक संगीन अपराध करार देते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में अफसरों ने कांग्रेस के एक नेता की शह पर जमकर शासकीय राशि का बंदरबांट किया है।
वर्मा का दावा है कि मत्स्य पालन की योजना की निगरानी करने वाली केंद्र की दिशा टीम की बैठक में उन्होंने पूर्व कलेक्टर डोमन सिंह के समक्ष मामले को उठाया था। पर कलेक्टर ने बैठक में एजेंडा से परे चर्चा करने से इंकार कर दिया। वर्मा ने यह भी कहा कि केज घोटाला सिर्फ एक ही बैराज में नहीं हुआ है, बल्कि जिले के ज्यादातर जलाशयों में मछली पालन के आड़ में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। वह स्वयं मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच के लिए टीम गठित करने की मांग करेंगे।