राजनांदगांव

पूर्वजों की याद में आज से पितृपक्ष शुरू
18-Sep-2024 3:24 PM
पूर्वजों की याद में आज  से पितृपक्ष शुरू

 मृतात्माओं की शांति के लिए पखवाड़ेभर चलेगी पूजा-अर्चना 

छत्तीसगढ़ संवाददाता

राजनांदगांव, 18 सितंबर। पूर्वजों की याद में ष्ह्न/बुधवार से पितृपक्ष शुरू हो गया। मृतात्माओं की शांति के लिए पखवाड़ेभर तक घरों में शांति-पूजा होगी। रोजाना तालाबों और सरोवरों में लोग पितरों के लिए जल अर्पित करेंगे। हिन्दू धर्म में पितृपक्ष के दौरान नए कार्य की शुरूआत नहीं की जाती। साथ ही दिवंगत आत्माओं की याद में विशेष भोजन बनाए जाते हैं। रोज सुबह पितरों को भोजन चढ़ाया जाता है।

पितृपक्ष में घरों में मृतात्माओं के लिए भजन-कीर्तन के अलावा शांतिपाठ भी कराए जाते हैं। लोक मान्यता है पितृपक्ष में मृत्यु पश्चात बुजुर्गों को नमन करने से घरों में खुशहाली के साथ शांतिमय वातावरण रहता है। इस दौरान पितरों के जीवनकाल में किए गए कार्यों को भी याद किया जाता है। दिवंगत हो चुके परिवार के सदस्यों की पसंदीदा खानपान के अलावा उनकी हर आवश्यक वस्तुओं को भी अर्पित किया जाता है। पितृपक्ष के मौके पर एक तरह से लोग पितरों की याद में डूबे रहते हैं। पितृपक्ष में भिक्षुओं का विशेष ख्याल रखा जाता है। घर की दहलीज पर भिक्षा लेने आने वालों की खास तारीमदारी होती है। इस अवसर पर कौओं को भी भोजन परोसा जाता है। कहा जाता है कि कौओं के भोजन ग्रहण करने से दिवंगत लोगों को शांति मिलती है। इधर पितृपक्ष में लोग खुलेमन से दान-दक्षिणा देते हैं। यही कारण है कि लोगों के घरों के  सामने भिक्षुओ का मजमा लगा रहता है। इधर पितृपक्ष के चलते नए कामकाज नहीं किए जाते। वहीं नए पोशाक, सैर-सपाटे एवं अन्य मनोरजंक कार्यक्रमों से भी लोग दूर रहते हैं। माना जाता है कि पितरों के लिए पूरे दिन एक तरह से शोक रखकर लोग उन्हें याद करते हैं। दिवगंत आत्माओं की भावना को ठेस न लगे इसकी लोग कोशिश करते हैं।

 

बाक्स में...

 नवमी के दिन महिलाओं का तर्पण

पितृपक्ष के नवमी के दिन दिवंगत महिलाओं को तर्पित किया जाता है। ज्ञात हो कि पितृपक्ष में नवमी को महिलाओं के लिए विशेष दिन माना जाता है। इस दिन मृत महिलाओं की याद में घर में पूजा-अर्चना के साथ उनके मनपंसद चीजों को अर्पित किया जाता है। नवमी के दिन घरों में महिलाओं को याद करते तर्पण किया जाता है।


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