‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 1 सितंबर। क्षेत्र में अवर्षा के कारण अब धीरे-धीरे सूखा-अकाल के हालात बनते जा रहे है। कृषि विभाग के अनुसार अब तक कोई 10 फीसदी खरीफ फसल सूखे की चपेट में आ चुकी है। यदि इस सप्ताह भी बारिश नहीं हुई तो यह आंकड़ा 50 फीसदी तक पहुंच सकता है।
क्षेत्र के कुछ ग्रामों के दौरे के बाद आमतौर पर अधिकांश खेतों में धान की हरियाली तो दिखाई दे रही है परन्तु नीचे खेत की जमीन में दरार दिखाई दे रही है।किसान अब भी निराश भाव से प्रतिदिन शाम को उमड़ते घुमड़ते बादल को निहारते यह उम्मीद लगाते हंै कि आज बारिश होगी और उनके खेतों की प्यास बुझेगी परन्तु प्रतिदिन ये बादल किसानों को धोखा देकर वापस चले जाते है। वहीं कुछ सप्ताह पूर्व रोप गए धान के पौधे अब पूरी तरह सूख कर पीले पड़ चुके हैं।
सिंचित खेतों में भी पर्याप्त बढ़त नहीं
इसके अलावा सिंचित भूमि में भी रबी की तरह बढ़त नहीं दिखाई दे रही। इसका मुख्य कारण खाद का पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होना भी बताया जा रहा है। इन खेतों में पानी तो है परन्तु ट्यूबवेल से सिंचाई के बाद अत्यधिक मात्रा में पानी जमीन में जा रहा है जिससे रबी में पानी में डूबे खेत अब वर्षा ऋतु होने के बाद भी अत्यधिक पानी मांग रहे हैं।
सिंचित किसान की बचा रहे फसल-अंकित
बागबाहरा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अंकित बागबाहरा ने बताया कि अल्प वर्षा के चलते किसानों के सामने फसल चौपट होने की स्थिति आ गयी है, मात्र सिंचित किसान ही अपनी फसल को बचाने की कोशिश में लगे हुए है परंतु गैर सिंचित किसानों के सामने भारी संकट आ खड़ा हुआ है ।
इसी समस्या को देखते हुए उन्होंने खट्टाडीही, भदरसी, गांजर, तुपकबोरा, नरतोरी, सेनभाटा, खेमड़ा, सिंमगाओं, साल्हेभाटा, आदि गांवों का दौरा कर किसानों से चर्चा की ।
अंकित ने बताया कि कई किसान थरहा सुरक्षित रखे है पर पानी के अभाव में रोपा नही लगवा पाए है,अल्प वर्षा के चले असिंचित किसानों की फसल पीली पड़ चुकी है जिसका की मरना तय है ।सिंचित किसानों का भी अल्पवर्षा के चलते वाटर लेवल नीचे जाता जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान जगमोहन चन्द्राकर जनपद सदस्य, सरपंच खेमराज ठाकुर, उपसरपंच कुमार चक्रधारी, पूर्व सरपंच ललित बया, संतोष चन्द्राकर, मोहन ध्रुव, जितेंद चन्द्राकर, मनराखन ध्रुव, दीपक नाग, लक्षमण यादव, खोमन चन्द्राकर, बुधराम यादव, रूपराम धीवर, उम्मेंदी चन्द्राकर, द्वारका चन्द्राकर, केजुराम धीवर, ठाकुर राम बरिहा, जगत बरिहा, नैनसिंह चक्रधारी, हेमलाल चक्रधारी, घनश्याम चन्द्राकर, गिरधारी साहू (कोचर्रा), चंद्रिका चक्रधारी, खाम सिंह चक्रधारी, साधुराम निषाद, कार्तिक चक्रधारी, दिनुराम साहू, गोवर्धन बया, अर्जुन पटेल, रामखिलावन निषाद, रायपुरिया निषाद, इंदल पांडे,गेंदलाल ठाकुर, सुखदेव चक्रधारी, प्रीतम साहू, मनोज निषाद, लखन ठाकुर,मनीराम साहू, लक्ष्मीनारण दीवान, सेवाराम साहू, गणेश सिन्हा, हीरासिंह ठाकुर, उमेश दीवान, आदि उपस्थित थे ।