ड्रीम इंडिया स्कूल को नोटिस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 10 नवंबर। ड्रीम इंडिया स्कूल में कोरोना से माता-पिता खो चुके 4 बच्चों के परिजनों से फीस लेने पर जिला प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
आज सुबह विभाग ने एक खबर जारी कर जानकारी दी है कि महतारी दुलार योजना अंतर्गत ड्रीम इण्डिया स्कूल महासमुंद के चार बच्चों के परिजनों से 23 हजार, 20 हजार, 8 हजार और 7 हजार जमा कराया गया। इस मामले का संज्ञान कलेक्टर डोमन सिंह के पास आते ही तत्काल स्कूल प्रबंधन से फीस वापस कराने के निर्देश दिये तथा जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले के समस्त निजी विद्यालयों में अध्ययनरत 62 बच्चों की रिपोर्ट प्राप्त करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी विद्यालय द्वारा फीस नहीं लिया गया है।
कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने ड्रीम इण्डिया स्कूल महासमुंद को स्पष्टीकरण जारी किया है। इस संबंद्ध में संबंधित छात्रों की फीस तत्काल वापस करते हुए कार्यालयीन दिवस के अंदर जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हंै।
कोरोनाकाल में जिन बच्चों के माता-पिता की मौत कोरोना से हुई है, उन बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। लेकिन महासमुंद शहर के ड्रीम इंडिया स्कूल में अध्ययनरत 4 बच्चों से स्कूल प्रबंधन ने फ ीस ली है। मामला सामने आने के बाद प्रबंधन फ ीस वापस करने की बात कह रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित ड्रीम इंडिया स्कूल में महतारी दुलार योजना के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों से फीस वसूली जा रही है। इस स्कूल में 4 बच्चे योजना के तहत पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन ने दो बच्चों के परिजन से 23 हजार व 20 हजार रुपए की फीस जमा कराई है, वहीं दो बच्चों के परिजन से 8 एवं 7 हजार रुपए जमा यह कहकर कराया गया है कि शासन से अभी स्पष्ट आदेश नहीं आया है।
बीटीआई रोड निवासी हरिशंकर साहू ने बताया कि उसकी बुआ के बेटे की मृत्यु कोरोना से हुई है। उसकी एक बच्ची है, जो ड्रीम इंडिया स्कूल में कक्षा दूसरी में पढ़ाई करती है। स्कूल ने फ ीस को लेकर कहा कि अभी आदेश नहीं आया है। फ ीस तो भरना ही पड़ेगा। इसी तरह बीटीआई रोड निवासी धनेश्वरी साहू ने बताया कि ड्रीम इंडिया स्कूल में बच्ची दुलार योजना के तहत पढ़ाई करती है। महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त लेटर के माध्यम से बच्ची का फ ीस माफ करने के लिए स्कूल प्रबंधन को दिया गया, लेकिन प्रबंधन की ओर से कहा गया कि आदेश स्कूल में नहीं आया है।
प्रभारी शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में ऐसे 125 बच्चों की सूची तैयार की गई है, जिनके माता या पिता की मौत कोरोना से हुई है। इन बच्चों को शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी। 125 बच्चों में से 63 बच्चों को शासकीय स्कूल में एवं 62 बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिला है।
इस संबंध में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय का कहना है कि सोमवार शाम को मामला संज्ञान में आया है। जिन-जिन निजी स्कूलों में योजना के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों से फ ीस वसूला गया है, उन पर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही इन स्कूलों को नोटिस जारी किया जाएगा। जिले के निजी व शासकीय स्कूलों में सरकार द्वारा जारी अधिसूचना जारी कर दी गई है। शासन से पत्र नहीं आने की बात ही नहीं है। जिला स्तर पर सभी स्कूलों को योजना की जानकारी देते हुए प्रवेश देने के दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। स्पष्ट बताया गया है कि इन बच्चों की पढ़ाई नि:शुल्क होगी।
मालूम हो कि जिले में वैश्विक महामारी कोरोना से 366 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से जिन बच्चों के माता या पिता की मृत्यु हो गई उन बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा राज्य शासन ने उठाते हुए महतारी दुलार योजना की शुरुआत की है।
महतारी दुलार योजना के संदर्भ में राज्य शासन ने 22 मई 2021 को अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के 5 वें बिन्दु के 4 नंबर पर स्पष्ट उल्लेख है कि कोरोना से जिनके कमाने वाले माता या पिता की मृत्यु हो गई है। उन्हें नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी।
स्कूल की प्राचार्य हेमलता नायडू का कहना है कि स्कूल में चार बच्चों का योजना के तहत प्रवेश हुआ है। इसमें से दो बच्चों ने पूरी फीस का भुगतान कर दिया है। ये फीस पूर्व में ही ले ली गई थी। आदेश उस वक्त नहीं आया था। वहीं दो बच्चों के परिजनों ने आधी दी है, और वे प्रति महीने फीस का भुगतान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सितंबर महीने में इसकी जानकारी मिली है। सभी बच्चों की फीस वापस करने के लिए प्रबंधन को निर्देश दिया गया है।