‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 3 जून। दुर्ग जिले में शिक्षा सत्र 2024-25 वर्षिक परीक्षा में 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित बच्चों का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। बोर्ड परीक्षा में विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता से ग्रसित बच्चे शारीरिक व मानसिक बाधाओं को मात देते हुए वार्षिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन पर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। जिले के सभी विकासखण्डों से कक्षा 10वीं में 245 एवं कक्षा 12वीं से 160 विशेष बच्चे सम्मिलित हुए जिसमें विकासखण्ड दुर्ग ग्रामीण 95 दुर्ग शहर से 39 धमधा से 70 एवं पाटन से 41 बच्चे शामिल है। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में विकासखण्ड दुर्ग ग्रामीण से 61 दुर्ग शहर से 19 धमधा से 30 एवं पाटन से 50 बच्चे शामिल हुए। इन बच्चो में दृष्टिबाधित अस्थिबाधित श्रवण बाधित एवं सिकल सेल से ग्रसित बच्चे है।
जिला मिशन समन्वयक सुरेन्द्र पाण्डेय से मिली जानकारी अनुसार जिले से कक्षा 10वीं में सम्मिलित कुल 245 बच्चों मे से प्रथम श्रेणी से 54 बच्चे द्वितीय श्रेणी से 92 तथा तृतीय श्रेणी में 189 बच्चों ने अपना स्थान बनाया। इसी प्रकार 12वीं में प्रथम श्रेणी 40 द्वितीय श्रेणी में 70 तथा 40 बच्चे तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। जिले में कक्षा 12वीं में 95 प्रतिशत बच्चे तथा कक्षा 10वीं में 77 प्रतिशत दिव्यांग बच्चे उत्तीर्ण हुए। प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात की 85 प्रतिशत बाधिता वाली कुमारी मानसी अलवानी ने 12वीं की परीक्षा 69 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण की है।
कक्षा 10वीं में अस्थिबाधित 25, श्रवण बाधित 6, लो विजन 40, सिकल सेल 129, मूक बाधित 1, अधिगम अक्षमता 42 और बौनापन 2 बच्चें शामिल है। इसी तरह कक्षा 12वीं में अस्थिबाधित 12, श्रवण बाधित 3, लो विजन 45, सिकल सेल 80, मूक बाधित 15, अधिगम अक्षमता 52, बौनापन 1 और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी 2 बच्चे शामिल है। समग्र शिक्षा एवं विद्यालयों के संयुक्त प्रयास से जिले में बच्चों की यह उपलब्धि हासिल की गई। जिले के सभी विकासखण्डों में कार्यरत स्पेशल एजुकेटर तथा बीआरपी ने संबंधित बच्चों एवं पालकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने एवं आवश्यकता अनुसार परामर्श देने तथा परीक्षा कार्य में राइटर की व्यवस्था करते हुए सहयोग प्रदान किए।
विकासखण्ड में समावेशी शिक्षा अंतर्गत गृह आधारित शिक्षा एवं शाला सपोर्ट प्रदान करते हुए इन विशेष बच्चों को मुख्य धारा में जोडऩे का कार्य स्पेशल एजुकेटर एवं बीआपी (समावेशी शिक्षा) द्वारा किया जा रहा है। कलेक्टर अभिजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी अरविन्द मिश्रा, जिला मिशन समन्वयक सुरेन्द्र पाण्डेय, सहायक कार्यक्रम समन्वयक आई.के. रामटेके ने उत्तीर्ण विद्यार्थियों को बधाई देते हुए स्पेशल एजुकेटर एवं बीआरपी के प्रयासों की सराहना की। इस उपलब्धि को अर्जित करने में घनश्याम सिंह साहू, इति दास गुप्ता, पुष्पा भट्टाचार्य, सरोज खोब्रागड़े, माया ठोंबरे एवं सुमति उके, चंद्रकिरण दुबे, हेमा सेन, दुर्गा साहू, नरेन्द्र कुमार सहारे का विशेष योगदान रहा।
उद्योगों के कामगारों को चरित्र सत्यापन के लिए पुुलिस दुर्ग में देनी होगी जानकारी
दुर्ग, 3 जून। दुर्ग जिला में बड़ी संख्या में औद्योगिक संस्थान है तथा भिलाई स्टील संयंत्र जैसा सामरिक एवं राष्ट्रीय महत्व का सार्वजनिक उपक्रम है। इसके अलवा संवेदनशील कार्यो से जुड़े अनेक उपक्रम है जो रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय एवं अन्य विभागों के लिए संवेदनशील सामग्री एवं उपकरण का निर्माण करते हैं। इन प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु इनमें कार्यरत कर्मचारियों का पूर्व चरित्र सत्यापन तथा इन उद्योगों में काम करने वाले अस्थाई एवं संविदा पर कार्य करने वाले प्रतयेक कर्मचारी का विवरण होना सुरक्षा के लिहाज से अति आवश्यक है, को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने इस सभी उद्योगों को जितने भी ठेके के एवं आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम करने वाले ठेकेदारों को अपने कामगारों की जानकारी जिला विशेष शाखा दुर्ग को उपलब्ध कराने निर्देशित किया है। ताकि उनका चरित्र सत्यापन एवं वेरिफिकेशन कराया जा सके।