दुर्ग

बाल समागम में बच्चों ने दिया संदेश
02-Jun-2025 6:00 PM
बाल समागम में बच्चों ने दिया संदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 भिलाई नगर, 2 जून
। बाल समागम संत निरंकारी सत्संग भवन दुर्ग में संत निरंकारी मिशन के बाल संतो द्वारा रविवार को बाल समागम में गीत,नृत्य,नाटक व अन्य विधाओं के माध्यम से संत निरंकारी मिशन का संदेश खुदा पहचान ले,तू खुद को जान ले  प्रसारित किया।
बच्चों के किरदार में भक्ति का भाव,प्यार व सदभाव का अनुसरण होगा तो परिवार और समाज मे आनंद का वातावरण निर्मित होगा।यही उद्देश्य व संदेश रहा बाल समागम का यह बाल समागम कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नही होता यह कार्यक्रम वर्ष भर बाल सत्संग में आकर बच्चो ने जी सीखा है उसे प्रदर्शित करते है।

समागम में भिलाई दुर्ग के बच्चों ने एक स्किट के माध्यम से  बताया कि जन्नत (सुकून)की राह पर कैसे ले जाये,स्किट में बताया गया कि परिस्थितियों को स्वीकार करना सीखें,आत्मविश्वास मजबूत रखे। इस स्किट का सार यह था कि ईश्वर पर विश्वास,सार्थक कर्म और स्वीकार्यता ही जन्नत का एहसास कराता है।

सूफियाना कलाम के माध्यम से बच्चों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी,सारी संगत को भाव विभोर कर दिया।इस कलाम के माध्यम से संदेश दिया कि सदगुरु संसार मे प्यार की खुशबू बांट रहा है।
जामुल के बच्चों ने पंडवानी नृत्य के माध्यम से मिशन के इतिहास को कहानी के रूप में  प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न भाषाओं का भी सहारा लिया गया,छत्तीसगढ़ी ,उडिय़ा ,सिंधी व पंजाबी भाषा के गीतों में नृत्य कर सेवा,समता और समानता का संदेश बच्चो ने दिया।

 

कार्यक्रम में उन प्रतिभावान बच्चों का सम्मान किया जिन्होंने शिक्षा व खेलकूद के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि प्राप्त की है। उन बच्चों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने साप्ताहिक सत्संग में अपनी उपस्थिति सर्वधिक दर्ज कराई।
रायपुर से पधारे युवा संत गौरव देवांगन बाल समागम को संबोधित करते हुए फरमाया  आज बच्चों के द्वारा प्रसारित संदेश  संकीर्णता से ऊपर उठाता है,बच्चो ने संदेश दिया कि हम मन के बंधन में आ जाते है। निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने एक ऐसा प्लेटफार्म दिया जहां बच्चों को न ही आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती है बल्कि सही मार्ग पर चलने की सही दिशा भी सिखाई जाती है।आज बच्चे इन शिक्षाओं को धारण कर अपने परिवार को अपने समाज को ज्ञान के मार्ग पर ले जाने में मुख्य भूमिका निभा रहे है।
जोनल इंचार्ज गुरुबख्श कालरा ने अपने वचनों में फरमाया कि संगत में बच्चों को लेकर आये, बचपन से ही बच्चे सत्संग में जुडक़र व्यवहार,बोली और ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव सीखते है और परिवार और समाज को एक अच्छी देन देते है।सत्संग ही उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
संयोजक  सतपाल सैनी ने फरमाया कि बच्चों के आध्यमिक प्रस्तुति समाज को प्यार व सदभाव का संदेश दे रही है।
बाल समागम में दुर्ग भिलाई के अलावा  आसपास ग्रामीण क्षेत्र अहिवारा, उतई, चिचा,राजनांदगांव से भी बाल संतो ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बाल समागम संत निरंकारी सत्संग भवन दुर्ग में हजारों श्रद्धालुओं के मध्य सम्पन्न हुआ।


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