बिलासपुर
'छत्तीसगढ़ संवाददाता'
बिलासपुर 9 जनवरी। छत्तीसगढ़ में चल रही धान खरीदी को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है की एफसीआई को 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का निर्देश दिया जाए। याचिका स्वीकार करते हुए कोर्ट ने केंद्र राज्य सरकार मार्कफेड और एशियाई से जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता आयुष भाटिया ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को राइसबाउल कहा जाता है। यहां के 80% किसान धान उगाते हैं और वह इसी पर पूरी तरह निर्भर हैं। इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 89 लाख मैट्रिक टन धान खरीदे जाने का अनुमान है जिसमें से 60 लाख खरीदी एफसीआई के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा की जानी है। केंद्र ने आश्वासन दे रखा है लेकिन उसने अब खरीदी पर प्रतिबंध लगा रखा है। याचिका के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वह राज्य द्वारा संचालित एजेंसी मार्कफेड द्वारा खरीदे गए धान की खरीद नहीं कर सकता।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि केंद्र सरकार के इस रवैए के कारण धान को बिचौलियों के पास लागत मूल्य से भी कम कीमत पर बेचने की मजबूरी आ गई है।
इससे उनके जीवन यापन पर संकट खड़ा हो गया है। धान खरीदी पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण खरीदी केंद्रों से धान का उठाव बंद हो गया है और जगह की कमी के कारण कई जगहों पर धान खरीदी भी बंद करनी पढ़ रही है। इसके अलावा बोरियों का संकट भी खड़ा हो गया है जो किसानों को खुद खरीदकर बेचना पड़ रहा है।
सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्रन की डबल बेंच में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, मार्कफेड और एफसीआई से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।