‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 12 मार्च। बलरामपुर जिले की रामानुजगंज पुलिस को दस साल पुराने मामले में बड़ी सफलता मिली है। 250 एकड़ शासकीय भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने के मामले में पुलिस ने आज झारखंड के गढ़वा जिले से आरोपी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 18 जुलाई, 2015 को रामानुजगंज के तत्कालीन नायब तहसीलदार कुंजीलाल सिंह की रामानुजगंज थाने में लिखित शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज किया था।
आवेदन में तत्कालीन नायब तहसीलदार ने बताया था कि मेरे अधिकार क्षेत्र ग्राम इंद्रपुर में शासकीय भूमि रकबा लगभग 250 एकड़ को आरोपी व्यास मुनि यादव, लालजी यादव, इंद्रपुर निवासी अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर राजस्व निरीक्षक मंडल रामचंद्रपुर पटवारी हल्का न. 18 के द्वारा मिशल बंदोबस्त वर्ष 1996/97 की शासकीय भूमि मद छोटे/बड़े झाड़ जंगल की भूमि जिसका खसरा न. 22 कुल रकबा 250 एकड़ भूमि को अपराधिक षडय़ंत्र कर फर्जी तरीके से अपने नाम कराकर फर्जी तरीके से कोल माइनिंग कंपनी को बेच दिया था।
ज्ञात हो कि, इस मामले की जांच अपर आयुक्त राजस्व सरगुजा अंबिकापुर एवं अपर कलेक्टर रामानुजगंज के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। इस मामले में लिखित आवेदन पर अपराध पंजीबद्ध कर धारा 420, 467, 468, 471, 120(बी), 34 भादवि के तहत विवेचना किया जा रहा था।
घटना को अंजाम देने के बाद फर्जी दस्तावेज बनाने वाला शातिर आरोपी मो. याकूब फरार चल रहा था। आज मंगलवार को थाना रामानुजगंज पुलिस को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली। सूचना पर रामानुजगंज पुलिस ने टीम गठित कर मोहम्मद याकूब गढ़वा निवासी को हिरासत में लेकर रामानुजगंज थाना ले आई। जहां उससे घटना के संबंध में विस्तार से पूछताछ की गई।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि व्यास मुनि एवं अन्य के साथ संगठित गिरोह बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस आरोपी गिरफ्तार कर न्यायालय पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इस मामले में रामानुजगंज के थाना प्रभारी रमाकांत तिवारी ने बताया कि इस मामले में और भी आरोपी है, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।