दो बालिका को रेस्क्यू कर लाया गया सखी वन स्टाप सेंटर
संयुक्त टीम द्वारा दो दिन में रोके 4 बाल विवाह
सूरजपुर, 26 फरवरी। जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने दो दिन में 4 बाल विवाह रोके। रात के 12 बजे बाल विवाह रोका गया। बारात को खाली हाथ लौटना पड़ा। दो बालिका को रेस्क्यू कर सखी वन स्टाप सेंटर लाया गया।
कलेक्टर एस. जयवर्धन के दिशा निर्देश एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के मार्गदर्शन में जिला सूरजपुर को बाल विवाह मुक्त बनाने की ओर कठोरता के साथ लगा हुआ है। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के मार्गदर्शन मे संयुक्त टीम हर परिस्थिति में काम कर रही है।
वर्तमान मामले में रात्रि 9 बजे एक ग्रामीण द्वारा सूचना दी गई की भटगांव थाना अन्तर्गत एक गांव में एक नाबालिग लडक़ी का विवाह हो रहा है साथ ही उसी मंडप में छोटी बहन का भी विवाह करने की तैयारी की जा रही है जो 8वीं कक्षा में पढ़ रही है।
जानकारी मिलने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू द्वारा संयुक्त टीम बना कर तत्काल विवाह रोकने का निर्देश प्राप्त हुआ। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम 11 बजे मौके पर पहुंची। पंचायत चुनाव के कारण पुलिस बल भी ज्यादा नहीं मिला, घर के दरवाजे पर बारात लग गई थी और डीजे में बाराती नाच रहे थे। घर में मेहमानों की भीड़ लगी हुई थी।
घर पर टीम के पहुंचने पर घराती और बाराती सभी आंगन में इक_े हो गये थे। बड़ी बहन को टीम के सामने प्रस्तुत किया गया। शैक्षणिक दस्तावेज मांगने पर बताया गया कि बालिका पढ़ी नहीं है। फिर बताया गया कि सभी दस्तावेज को दीमक चट कर गया है।
रात्रि में बीईओ भैयाथान से बात कर प्राथमिक शाला के शिक्षक को स्कूल खुलवा कर दस्तावेज मांगने पर पता चला कि दोनों लड़कियाँ उसी स्कूल में पढ़ी है एक 16 वर्ष की है तो दूसरी 15 वर्ष भी नहीं है।
छोटी लडक़ी को बुलाने को बोलने पर बताये की वह घर पर नहीं है। टीम द्वारा समझाईस देने पर लडक़ी को प्रस्तुत किया गया । दोनों से अलग-अलग पूछताछ में दोनों लड़कियां एक ही लडक़े के साथ विवाह की बात करने लगे। टीम को बरगलाने की कोशिश के दौरान उनके हाथ में मेंहदी लगा पाया गया जिसमें लडक़े का नाम था। दोनों के हाथ देखने पर अलग अलग लडक़ों के नाम थे, तब जाकर उन्होंने दोनों के विवाह करने को स्वीकार किया । सभी शराब के नशे में थे।
लड़कियों को छोडने पर बाल विवाह की सम्भावना पुरी थी। दूल्हे और बारातियों को बुलाने पर दुल्हे समेत सभी बाराती गाड़ी, डीजे लेकर भाग खड़े हुए। घर वाले लड़कियों के विवाह को आमादा थे। तब लड़कियों को सखी सेंटर ले जाने का पंचनामा तैयार किया गया। लड़कियों जाने को तैयार नहीं थी।
ॉथाने में रिपोर्ट करने और सभी पर कार्यवाही हो जाने की बात पर वे टीम के साथ आये। महिला कर्मचारीयों के द्वारा बच्चियों को सुरक्षित सखी वन स्टाप सेन्टर में रखा गया। मामले में संयुक्त टीम को काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ा। मुश्किल से उक्त बाल विवाह को देर रात 2 बजे रोका जा सका।
वहीं दूसरे दिन सूचना प्राप्त हुई की रामानुजनगर थाना अंतर्गत एवं ओडग़ी विकासखण्ड के एक ग्राम में नाबालिग का विवाह होने जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर दोनों जगह संयुक्त टीम रवाना हुई। रामानुजनगर गई टीम ने गांव मे जाकर समझाइश दी और बाल विवाह रोकवाया। वहीं दूरस्थ ओडग़ी के ग्राम में भी एक 17 वर्षीय लडक़ी का बाल विवाह समझाईश देकर रोका गया।
सरपंच ने बाल विवाह मुक्त ग्राम का संकल्प लिया
बाल विवाह रोकने के दौरान ग्राम पंचायत सरईपारा विकासखण्ड रामानुजनगर के नव निर्वाचित सरपंच विजय सिंह को मनोज जायसवाल जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष आपके गांव में बाल विवाह रोका जा रहा है जबकि छग सरकार एवं भारत सरकार ने बाल विवाह मुक्त छग और बाल विवाह मुक्त भारत का संकल्प लिया है। आप अपने ग्राम पंचायत को बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत बनाएं।
नव नियुक्त सरपंच ने ग्राम पंचायत के लोगों के समक्ष घोषणा कि मेरे द्वारा ग्राम पंचायत क्षेत्र में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की लडक़ी और 21 वर्ष से ज्यादा उम्र के लडक़ों के विवाह पर सभी को 2000 रुपये देने दिये जायेंगे एवं बाल विवाह करने की स्थिति में स्वयं रोकवाने और अपने ग्राम पंचायत को बाल विवाह मुक्त करने का संकल्प लिया। जिस पर सभी उपस्थित जनों ने ताली बजा कर स्वागत किया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने उक्त सरपंच को यह कदम उठाने हेतु बधाई एवं शुभकामनाएं दी।