छेरछेरा माई कोठी के धान ला हेरहेरा...
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 14 जनवरी। महासमुंद सहित अंचल में सोमवार को पौष पूर्णिमा पर छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व छेरछेरा अन्नदान का पर्व मनाया गया। नगर सहित अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही बच्चे, युवा सहित सभी वर्ग के लोगों ने बाजे गाजे के साथ भजन कीर्तन करते घर-घर जाकर छेरछेरा में अन्न मांगा। इस दौरान टोलियों में पहुंचकर सभी ने छेरछेरा माई कोठी के धान ला हेरहेरा कहते हुए छेरछेरा मांगा। गौरतलब है कि ग्रामीण इलाकों में इस परंपरा का विशेष महत्व है.अत: कल लोगों ने अनाज, पैसे और तिल के मिठाइयों का दान किया। गली मोहल्ले, गांवों और कस्बों से लेकर शहर तक इस परंपरा की झलक देखने को मिली। छेरछेरा पर्व पर ग्रामीण इलाकों में मड़ई मेला का भी आयोजन किया गया। लोगों ने दोपहर 1 बजे तक घर-घर जाकर छेरछेरा मांगा बाद में छेरछेरा से मिले अन्न को बेचकर पर्यटन स्थलों में पिकनिक मनाते दिखाई दिए। महासमुंद से 10 किलोमीटर दूर ग्राम दलदली में मड़ई का आयोजन किया गया। ग्रामवासियों ने छेरछेरा मांगकर धान बेचके जो पैसे मिले उससे मेले में समान खरीदे, झूले आदि का आनंद लिया। छेरछेरा पर्व में आज लोगों ने भी अन्न दान किया जिससे निम्न वर्ग वाल लोगों को भी काफी मदद मिल पाया।