कोण्डागांव

जीवनरेखा एक्सप्रेस पहुंची बिश्रामपुर, सरगुजा में 13 अक्टूबर तक
26-Sep-2021 6:14 PM
जीवनरेखा एक्सप्रेस पहुंची बिश्रामपुर, सरगुजा में 13 अक्टूबर तक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिश्रामपुर, 26 सितंबर।  भारत का इकलौता और दुनिया का पहला चलता फिरता अस्पताल कहे जाने वाली लाइफ एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार देर शाम बिश्रामपुर रेलवे स्टेशन पहुंच गई है। इस अत्याधुनिक विशेष ट्रेन में 26 सितंबर से 13 अक्टूबर तक सरगुजा संभाग के विभिन्न रोगों से ग्रसित हजारों लोगों का उपचार और सर्जरी देश के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जाएगी। इंपैक्ट इंडिया फाउंडेशन द्वारा संचालित लाइफलाइन एक्सप्रेस भारतीय रेलवे और स्वास्थ्य मंत्रालय की साझेदारी में चलाई जाती है। इस ट्रेन में कुल सात कोच लगे हुए हैं।

16 लाख से ज्यादा लोग हो चुके हैं लाभांवित

लाइफलाइन एक्सप्रेस अपने जीवन के 251 वें प्रोजेक्ट पर इस समय छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बिश्रामपुर रेलवे स्टेशन पहुंच गई है और इसमें 26 सितंबर से सूरजपुर जिले समेत संभाग भर से पहुंचे जरूरतमंद लोगों का मुफ्त इलाज एवं सर्जरी का कार्य प्रारंभ होगा, जो 13 अक्टूबर तक निरंतर जारी रहेगा। लाइफ लाइन एक्सप्रेस ट्रेन पिछले तीन दशकों से पूरे देश में जगह-जगह जाकर इसी तरह से गरीब तबकों तक बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध करवाने की कोशिशों में लगी हुई है। भारत की इकलौती लाइफ लाइन एक्सप्रेस ट्रेन वर्ष 1991 से संचालित है। बिश्रामपुर में इसका 251 वां कैंप है। इसके पूर्व भी वर्ष 1999, 2006 एवं 2011 में यह ट्रेन बिश्रामपुर में अपनी सेवा दे चुकी है। तीन दशक में यह ट्रेन देश के 22 राज्यों के 145 जिलों में कैंप कर चुकी है। इस ट्रेन में 16 लाख से अधिक रोगियों का उपचार किया जा चुका है।

ट्रेन में दो आधुनिक ऑपरेशन थियेटर

सात कोच वाली इस लाइफ लाइन एक्सप्रेस ट्रेन में दो आधुनिक आपरेशन थियेटर हैं, जिनमें पांच आपरेटिंग टेबल मौजूद हैं। इनके अलावा इस हास्पिटल ट्रेन में डेंटल डिपार्टमेंट भी है, जिसमें तीन डेंटल चेयर हैं। मरीजों की विभिन्न तरह की जांच के लिए एक्सरे, मैमोग्राफी कोलपोस्कोप और पैथोलोजी लैब का भी इंतजाम है। इस लाइफलाइन एक्प्रेस में मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए 20 लाइफलाइन स्टाफ मौजूद हैं। इनके अलावा जरूरत के मुताबिक देश के विभिन्न मेडिकल इंस्टीट्यूट के सर्जन भी इसमें अपनी सेवाएं देने के लिए बुलाए जाते हैं।

चलते फिरते अस्पताल में होती हैं ये सर्जरी

इस ट्रेन में जिन सर्जरी की सुविधा आमतौर पर उपलब्ध करवाई जाती है, उसमें आंख की रोशनी वापस लाने की सर्जरी या मोतियाबिंद, पैरों में विकृति वाले मरीजों की आवश्यक सर्जरी, बहरेपन से जुड़ी सर्जरी और जिनके होठों में फांक होते हैं, उनकी सर्जरी शामिल है। इसके अलावा इस अस्पताल में कैंसर के प्रति जागरूकता भी फैलाई जाती है और ओरल और ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी स्कीनिंग सेवाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं।

किन तिथियों में होगा, किनका उपचार

जांच उपरांत 27 सितंबर से दो अक्टूबर तक आंखों में मोतियाबिंद की सर्जरी की जाएगी। चार अक्टूबर से सात अक्टूबर तक कान की सर्जरी, नौ अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक 14 वर्ष आयु तक के बच्चों के मुड़े हुए पैरों की सर्जरी एवं नौ अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक कटे फटे होंठ की सर्जरी किया जाना निर्धारित है। नौ अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक दांत की जांच एवं उपचार तथा 26 सितंबर से दौ अक्टूबर तक मौखिक, स्तन एवं ग्रीवा कैंसर जागरूकता एवं परीक्षण किया जाना निर्धारित है।

युद्ध स्तर पर शिविर स्थल में किए जा रहे इंतजाम

26 सितंबर से नगर के रेलवे माल धक्का में प्रारंभ होने वाले लाइफ लाइन एक्सप्रेस प्रोजेक्ट के लिए शिविर स्थल पर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के मार्गदर्शन में व्यवस्था के तमाम इंतजाम युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। तमाम आवश्यक व्यवस्थाओं को पूर्ण करने का काम अंतिम चरणों में है। पूरी व्यवस्थाओं की मानिटरिंग स्वयं कलेक्टर कर रहे हैं।

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