बस्तर

विश्व टीबी दिवस पर मास्क सेल्फी कैंपेन
24-Mar-2021 9:13 PM
विश्व टीबी दिवस पर मास्क सेल्फी कैंपेन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 24 मार्च।
विश्व क्षयरोग दिवस के अवसर के 24 मार्च को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बस्तर जिले में आम लोगों को क्षय रोग के बचाव जानकारी देने हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को टीबी के विषय पर लोगो को जागरूक करने के लिये विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जाता है । इस वर्ष मनाए जा रहे टीबी डे का थीम ‘द क्लॉक इज टिकिंग’  (घड़ी चल रही है)  रखी गयी है। इसका अर्थ यह है कि टीबी को समाप्त करने के लिए वैश्विक नेताओं द्वारा की गयी प्रतिबद्धताओं पर कार्य करने के लिए दुनिया समय से बाहर चल रही है। जिसका मुख्य कारण कोविड-19 महामारी है जिसने एंड टीबी कार्यक्रम की प्रगति को जोखिम में डाल दिया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ महारानी अस्पताल जगदलपुर से किया गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में संयुक्त संचालक डॉ. विवेक जोशी एवं अधिकारियों द्वारा टीबी प्रचार रथ को रवाना किया गया। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार शहीद गुण्डाधुर  सभागार में  क्षय रोग पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान टीबी की बढ़ती समस्या और उसके प्रसार को रोकने के लिये विस्तार से चर्चा की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2030 तक टीबी के उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि भारत का लक्ष्य 2025 तक टीबी मुक्त होना है। वहीँ छत्तीसगढ़ राज्य ने इसके लिए वर्ष 2023 निर्धारित किया है ताकि जल्द से जल्द टीबी की बीमारी को मिटाया जा सके। इसके लिये वर्ष 2019 में ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान’  की शुरुआत भी की गई थी जो देश में टीबी के उन्मूलन से संबंधित कार्यक्रम है।

इस दौरान जगदलपुर शहरवासियों को कोरोना से बचाव और टीबी से होने वाली बीमारी के प्रति जागरूकता के लिये, मास्क सेल्फी कैम्पेन का भी आयोजन किया गया। यह कैम्पेन सीएमएचओ कार्यालय, महारानी अस्पताल जगदलपुर, मेडिकल कॉलेज डिमरापाल सहित बस स्टैंड, शहीद पार्क व दंतेश्वरी मंदिर में किया गया। इस दौरान शहर के जनसामान्य लोगों को नि:शुल्क मास्क का वितरण भी किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के.चतुर्वेदी ने बताया, दुनिया भर में सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही हैं। जागरूकता के अभाव में ही लोग इसके वायरस की चपेट में आ जाते हैं। शुरू में इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। इस कारण यह बीमारी धीरे-धीरे किडनी, दिमाग, रीढ़ की हड्डी, आंतडिय़ों, जोड़ों इत्यादि को इन्फेक्टेड कर देती है। हालांकि 80 फीसदी केसों में यह फेफड़ों को ही संक्रमित करती है। दो हफ्तों से ज्यादा समय तक खांसी आना, थोड़ा-थोड़ा बुखार रहना, थकान महसूस करना, वजन घटना और भूख न लगना इस बीमारी के लक्षण हैं। टीबी के बीमारी की जांच व इलाज नि:शुल्क है। डॉक्टर की सलाह से इस बीमारी के इलाज के लिए तय पीरियड में लगातार दवाई खाने से इससे छुटकारा पाया जा सकता है। इस दौरान क्षय रोग के जांच के तरीके की भी जानकारी दी गई। 


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